जमुनिया रत्न के फायदे और नुकसान-
Jamuniya Ratna Ke Fayde Or Nuksan
1. कहते हैं, शनि ग्रह की जिस पर कृपा हो जाए उसके जीवन में कभी कोई कमी नहीं रहती हैl नीलम रत्न के स्थान पर जमुनिया रत्न शनि ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए धारण किया जाता है।
2. शनि की कृपा दृष्टि जब किसी जातक के ऊपर होती है, तब उसके पास इतना धन आता है, कि वह उससे संभाले नहीं संभलता है, जब भी शनि ग्रह किसी को कुछ देते हैं, तो छप्पर फाड़ कर देते हैं, चाहे वह सुख हो या फिर दुख हो शनि की कृपा दृष्टि से जातक को अनेक शुभ अवसर प्राप्त होते हैं, जिससे धन संचित करने के अद्भुत योग बनते हैं, इसके साथ-साथ जातक की स्थिति भी मजबूत होती चली जाती है, उसके जीवन में विभिन्न प्रकार के सांसारिक सुख एवं भौतिक सुखों का भंडारण होने लगता है।
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3. जमुनिया रत्न को धारण करने वाले जातक को कभी भी अन्याय नहीं कहना पड़ता है, क्योंकि स्वयं शनि महाराज का जमुनिया रत्न किसी भी परिस्थिति में उसके साथ अन्याय होने नहीं देता है।
4. जमुनिया रत्न (jamuniya ratna dharan karne se kya hota hai) को धारण करने से जातक को असीम शांति की अनुभूति होती है lमन के सारे विडंबना अनेक प्रकार की चिंता है, सभी नष्ट हो जाती है lजातक के मन में स्थिरता का भाव उत्पन्न होता हैl जातक अवसाद जैसी स्थिति से बाहर आता है, तथा मन के मिथ्या को दूर कर सांसारिक चीजों से परस्पर संबंध स्थापित करने की पूरी कोशिश करता हैl जमुनिया रत्न का उपयोग मानसिक चेतना के लिए भी किया जाता है। जमुनिया रत्न न केवल मन की चेतना को बल्कि शारीरिक चेतना को भी यह जागृत कर देता है।
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5. नीलम के स्थान पर जमुनिया रत्न का प्रयोग भाग्य को जागृत करने के लिए किया जाता है। जमुनिया रत्न भी भाग्य को प्रबल करने की क्षमता रखता है, तथा जमुनिया रत्न को धारण करने से जातक को उसके मेहनत का उचित लाभ प्राप्त होता है।
6. जमुनिया रत्न (jamuniya ratna pahanne ke fayde) भी नीलम रत्न की तरह ही अपना प्रभाव बहुत जल्दी दिखाना शुरू कर देता है, जिसके प्रभाव से जातक के व्यक्तित्व में बहुत अच्छे बदलाव देखने को मिलते हैंl सुंदर एवं बलिष्ठ शरीर तो होता ही है, इसके साथ साथ जातक की बुद्धि भी भी प्रखर होती हैl इसके साथ-साथ उसकी स्वभाव में भी बहुत अच्छे बदलाव देखने को मिलते हैं, जिसकी वजह से जातक को समाज में उचित मान -सम्मान की प्राप्ति होती है। यह रत्न जातक को आत्मविश्वास से परिपूर्ण पर आता है, यह उसे गौरव शील बनाता है।
7. नेत्र से संबंधित किसी भी प्रकार के विकार को दूर करता है, तथा माता के स्वास्थ्य में भी लाभ प्रदान करता हैl जमुनिया रत्न शत्रु बाधा को भी दूर करने की क्षमता रखता हैl जमुनिया रत्न (jamuniya ratna ke fayde) शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने की विशिष्ट गुण एवं विशिष्ट कौशल का निर्माण करता है, जिससे जातक अपने प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष शत्रु सभी पर पूरी नियंत्रण करने की क्षमता रखता है lदुश्मनों के हर दांवपेच को निष्फल करने की तथा दुश्मनों से दृढ़ता पूर्वक लड़ने की शक्ति जमुनिया रत्न प्रदान करता है।
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जमुनिया रत्न के नुकसान- jamuniya ratna ke nuksan
8. जमुनिया रत्न (jamuniya ratna ke nuksan in hindi) के स्वभाव से जातक की मानसिक स्थिति बहुत अधिक खराब रहने लगती है, हर वक्त जातक किसी न किसी उलझन में उलझा हुआ रहता हैl किसी भी प्रकार की निर्णय की क्षमता को वह पूरी तरह से खो देता है, यही कारण है, कि उसके दैनिक कार्य भी बहुत अधिक अव्यवस्थित रहते हैं। दैनिक दिनचर्या में भी बहुत अधिक अव्यवस्था देखने को मिलती है, जो उसकी मानसिक स्थिति के स्वरूप को निरूपित करती है।
9. यदि किसी जातक के द्वारा माणिक (jamuniya ratna ke nuksan kya hai) धारण किया गया है, और ऐसी स्थिति में जमुनिया रत्न को भी धारण कर लिया गया है, तो उसके जीवन में बहुत अधिक उलझाने आनी शुरू हो जाती हैl बहुत अधिक विघ्न बाधाएं अपना प्रभाव दिखाने लगती है lइतनी अधिक प्रतिकूल परिस्थितियां उत्पन्न होती है, कि जातक की क्षमता उसकी कौशलता पर भी सवाल उठने लगते हैं, लोग उसकी व्यक्तित्व को भी संदेह की दृष्टि से देखने लगते हैं, लोगों का दृष्टिकोण जाता के प्रति बिल्कुल प्रतिकूल हो जाता है, जिससे कोई भी उस दिन मान सम्मान नहीं देता है, तथा लोग उस पर भरोसा करना भी छोड़ देते हैं।
उसकी बातों को भी उतनी तवज्जो नहीं देते हैं, जितना देना चाहिए, या जितना उसे उसकी कौशल क्षमता के अनुसार मिलना चाहिए एक-एक करके ऐसी ऐसी समस्याएं उत्पन्न होती है, जिसमें जातक बहुत अधिक उलझा हुआ रहता है, इसके साथ-साथ घर परिवार की भी सुख शांति पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर पहुंच जाती हैl परिवार में बहुत अधिक कलह क्लेश देखने को मिलता है, परिवार पूरी तरह से बिखराव की स्थिति पर आ जाता है।
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10. जातक कई प्रकार के आकस्मिक दुर्घटना का शिकार होने लगता है। आग से जलना कटना या फिर वाहन संबंधित दुर्घटना की योग बहुत अधिक बढ़ जाते हैंl जातक को कई प्रकार से विभिन्न चीजों में भी नुकसान देखने को मिलता हैl रूपए पैसे संबंधित परेशानियां भी कई बार अपना पैर पसार देती है। जिससे स्थिति खराब होने लगती है। कभी-कभी तो कर्ज जैसी स्थिति थी उत्पन्न हो जाती है, जिससे आर्थिक स्थिति उसकी पूरी तरह से खराब होना शुरू हो जाती है।
11. माणिक रत्न के दुष्प्रभाव से जातक के शारीरिक स्वास्थ्य भी बहुत अधिक गिरने लगता हैl नेत्र से संबंधित विकार बहुत अधिक होने लगते हैंl मिर्गी, किडनी संबंधित बीमारी, लीवर संबंधित बीमारी इसके साथ साथ हड्डियों संबंधित रोग भी जातक को बहुत अधिक होने लगता हैl जातक अनेक बीमारियों से ग्रसित होने लगता है, जिसका असर उसके काम पर भी उसके विभिन्न दिनचर्या पर भी पड़ता है।
12. अपने ही लोगों से जातक के मतभेद बहुत अधिक बढ़ने लगते हैं lकभी-कभी तो अपने ही भाई-बहन खुद के दुश्मन हो जाते है, जिससे उनके शत्रुओं की संख्या और अधिक बढ़ जाती है, ना चाहते हुए भी विभिन्न प्रकार के वाद विवाद जैसी स्थिति में जातक फर्क ही जाता है, तथा उसकी प्रतिक्रिया चीजों को और अधिक खराब कर देती है, और अधिक पहले से बिगाड़ देती है, जिससे जातक को ही और अधिक नुकसान झेलना पड़ता है, चाहे वह नुकसान पैसे संबंधित हो या फिर वह नुकसान पद प्रतिष्ठा को लेकर हो|
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