टाइगर स्टोन क्या होता है – Tigar Stone Kya
Hota Hai
टाइगर स्टोन क्या होता है –टाइगर स्टोन (tiger kaisa hota hai) एक विभिन्न प्रकार के पत्थरों में से एक ऐसा पत्थर होता हैl जिसमें पीली एवं काली धारियां बाघ के छाल के समान पाई जाती हैं, बिल्कुल बाघ के छाल के समान टाइगर रत्न देखने में लगता है, तथा यह बहुत ही त्वरित गति से अपने प्रभाव दिखाता है, तथा जातक को अनुकूल लाभ प्रदान करता है, इसकी धारियों की वजह से इसे टाइगर रत्न के नाम से जाना जाता हैl यह एक दिव्य रत्न है, जो बहुत ही प्रभावी एवं बहुपयोगी होता हैl इसे टाइगर आई कहकर भी अलंकृत किया जाता है, जिस प्रकार बाघ अपने लक्ष्य से विचलित नहीं होता है, उसका पूरा ध्यान उसकी लक्ष्य की ओर एकाग्र चित्त रहता है।
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उसी प्रकार जिस भी जातक के द्वारा इस रत्न को धारण किया जाता है, वह कभी भी अपने लक्ष्य से नहीं भटकता है, तथा एकाग्र होकर धैर्य के साथ अपने लक्ष्य के प्राप्ति में कर्मठ होकर ऐसे कार्यों का निर्वहन करता है, जिससे उसका लक्ष्य जल्द से जल्द पूर्ण हो जल्द से जल्द उसका लक्ष्य संपन्न हो, जल्द से जल्द उसे सफलता प्राप्त हो सके, इसे धारण करने वाले जातक शारीरिक एवं मानसिक तौर पर बहुत मजबूत बनते हैंl यह उनके चारों ओर सुरक्षा घेरा तैयार करता है, जिसे भेदना पारलौकिक शक्तियों के बस की भी बात नहीं होती हैl जातक के ऊपर ऊपरी बाधाएं ,तंत्र- मंत्र ,टोना -टोटका, नजर दोष संबंधित चीजें पूरी तरह से विफल होने लगती हैं, तथा उनके दुष्प्रभाव नष्ट हो जाते है।
टाइगर रत्न (Tigar Stone Kya Hota Hai) को धारण करने से जातक का भाग्य प्रबल होता हैl उसे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उसके भाग्य का साथ उससे प्राप्त होता हैl यह व्यक्ति को भाग्यवान बनाता है, ध्यान को केंद्रित करने के लिए एवं एकाग्रता शक्ति को बढ़ाने के लिए भी इस रत्न को धारण किया जाता है lविद्यार्थियों के द्वारा टाइगर रत्न को पठन-पाठन संबंधित चीजों में एकाग्रता से ग्रहण करने के लिए या विद्या अध्ययन में एकाग्रता लाने के लिए इस रत्न को धारण किया जाता है, बहुत से ऐसे जातक जो प्रतिस्पर्धा परीक्षाओं में समय-समय पर भाग लेते हैं, एवं उसमें सफलता प्राप्ति की संभावना को बढ़ाने के लिए भी टाइगर रत्न को धारण करते हैं।
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टाइगर रत्न (tiger stone dharan karne se kya labh hota hai) को धारण करने से जातक के सोचने समझने की शक्ति मजबूत होती है, तथा उसके विचारों में स्पष्टता आती है, जिससे जातक दूरदर्शी बनते हैं, तथा अपने वर्तमान एवं भविष्य दोनों की पृष्ठभूमि को मजबूत बनाने में अपनी मेहनत से एवं अपनी बुद्धि का उपयोग से अहम भूमिका निभाते हैंl टाइगर रत्न अति चिंतन को दूर करता है, तथा जातक के विभिन्न चिंताओं का निवारण करता है, ऐसे लोग जो बात बात पर घबरा उठते हैं, या भविष्य को लेकर अक्सर चिंता में डूबे रहते हैं, ऐसे लोगों के लिए भी टाइगर रत्न बहुत लाभदायक होता हैl उन्हें इस बीमारी में निजात दिलाने के लिए यह बहुत कारगर सिद्ध होता है, तथा उनकी ऊर्जा का उपयोग सही जगह करवाता है, जिससे स्वत: ही अधिक सोचने या अधिक चिंता करने की चीजों से जातक मुक्त हो जाता है।
टाइगर एक ऐसा रत्न है, जो जातक को अद्भुत शक्ति प्रदान करता है, जिसे जातक किसी भी बात की गहराई तक पहुंचकर उसे सुलझाने की क्षमता रखता है, किसी भी परिस्थिति में जातक छलावा जैसी या मिथ्या जैसी चीजों में बिल्कुल भी नहीं फंसता हैl अपने बुद्धि विवेक का प्रयोग कर हर मिथ्या या छलावा को वह पार कर लेता हैl टाइगर रत्न (tiger stone dharan karne ke labh kya hai) जातक के आध्यात्मिक स्वरूप को और अधिक उन्नत एवं उत्कृष्ट बनाने की क्षमता रखता है।
टाइगर रत्न (tiger stone dharan karne ke fayde kya hai) को धारण करने से जातक का भाग्य प्रबल रूप से कार्य करता है, जिससे उसके द्वारा किया जा रहा मेहनत का फल उसे त्वरित गति से प्राप्त होता हैl टाइगर रत्न को धारण करने से जातक साहसी एवं पुरुषार्थी बनता है, जिन लोगों के आभामंडल कमजोर होती है, या उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है, पिया बहुत ही डरपोक किस्म के होते हैं, या उन में नीरसता का भाव बहुत अधिक रहता है।
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ऐसे लोगों को टाइगर रत्न (tiger stone dharan karne ke fayde) अवश्य धारण करना चाहिए, जिससे उनके अंदर से यह दुर्गुण नष्ट हो एवं अपने ऊर्जा का उपयोग वे लोग सही जगह पर कर सके, अवसाद से ग्रसित लोगों के लिए यह रत्न बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है lयह हीलिंग में अप्रतिम रूप से कार्य करता हैl मान-सम्मान की प्राप्ति एवं पद प्रतिष्ठा में उन्नति के लिए भी टाइगर रत्न धारण किया जाता हैl इसे धारण करने से व्यक्ति सहनशील बनता है, तथा आंतरिक रूप से भी वह बहुत मजबूत बनता हैl मानसिक तौर पर वह मजबूत होने के साथ-साथ उसका मन हमेशा प्रफुल्लित रहता है, चाहे परिस्थितियां कुछ भी हो उसका मन विचलित नहीं होता है।
टाइगर स्टोन (tiger stone ki jankari) सूर्य ग्रह से संबंधित स्टोन होता है, जिसे रूबी रत्न के जगह पर बहुत से लोगों के द्वारा धारण किया जाता है, जिन लोगों के मन में यह संसय रहता है कि उनके द्वारा धारण किया जाने वाला रत्न प्राकृतिक रूप से निर्मित है, या वह एक कृत्रिम रूप से कांच का टुकड़ा है, जिसे रत्न के नाम से अलंकृत कर दिया गया है, ऐसे में उन्हें अपने पैसे से ठगे जाने का बहुत डर होता हैl इसके साथ-साथ उन्हें यह भी भय रहता है, कि जिस कार्य उद्देश्य की पूर्ति के लिए रूबी रत्न धारण करने जा रहे हैं lउसका लाभ उन्हें प्राप्त होगा या नहीं होगा, ऐसे में उनके पैसे तो व्यर्थ जाएंगे ही इसके साथ-साथ उनकी मनोकामना भी पूर्ण नहीं होगी इसलिए उनके द्वारा सर्वप्रथम पहले रूबी से संबंधित उपरत्न धारण किया जाता है।
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उन्हीं उपरत्नो में से एक उपरत्न टाइगर आई (tiger pathar kaisa hota hai) भी होता है, जिसमें भी सूर्य की उर्जा व्याप्त होती है, तथा इसे भी धारण करने से जातक की स्थिति में सुधार आता है, इसके साथ-साथ उसकी मनोदशा सुधरती है, तथा उसके मनवांछित कार्य भी पूर्ण होते हैं, बस रूबी रत्न और टाइगर आई में यह एक फर्क है, कि टाइगर आई की ऊर्जा का क्षरण जल्द से जल्द हो जाता है, जबकि रूबी रत्न कई वर्षों तक बिना किसी परेशानी के धारण किया जा सकता हैl अतः टाइगर आई को कुछ वर्षों या कुछ महीनों के बाद फिर से बदलना पड़ता है, जबकि रत्नों में ऐसी स्थिति जल्दी देखने को नहीं मिलती है।
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