कल्चर मोती क्या है – Kalchar Moti kya Hai

कल्चर मोती क्या है – Kalchar Moti kya Hai

 

 कल्चर मोती क्या है – Kalchar Moti kya

 Hai

मोती (kalchar moti kaisa hota hai) की इतनी अधिक उपयोगिता होती है, कि दिनोंदिन इसकी मांग बढ़ती चली जा रही है,किंतु हमारे संसाधन जो प्राकृतिक रूप से उपलब्ध है, वह अत्यधिक उपयोग की वजह से खत्म होते जा रहे हैं, उनका क्षरण होते जा रहा है, जिसकी वजह से जो गुणवत्ता उनकी पहले हुआ करती थी अब वह नहीं रह गई है, ऐसी स्थिति में विभिन्न प्रकार के खतरनाक विषैले पदार्थ जब फैक्ट्रियों से निकलकर जल में बहा दिए जाते हैं, जिससे जल दूषित हो जाता है, तथा उसके विभिन्न प्राणियों का नाश हो जाता है, कभी-कभी ऐसा भी होता है, कि यह जलचर को इतना अधिक नुकसान पहुंचा देता है, कि उस दूषित जल में शायद ही कोई प्राणी जिंदा बच पाता है, और जैसा कि आप जानते हैं।

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मोती रत्न (kalchar moti ki jankari) हमें जलचर घोंघा से प्राप्त होता है, ऐसे में उनकी संख्या दिन पर दिन घटती चली जा रही है, किंतु मोती की अद्वितीय क्षमता होने की वजह से इसकी मांग में कमी आने की बजाय और अधिक बढ़ गई है, तथा पूर्ति करना भी बहुत आवश्यक है, ऐसे में बहुत से देशों में लोगों के द्वारा मोती का कृतिम संवर्धन किया जाता है, क्योंकि प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाली मुक्ता की संख्या घट चुकी है ऐसे में मोती का कृतिम संवर्धन रूप एक दूसरा सर्वोत्तम विकल्प है, जिसे लोग चुन रहे हैं, इसके रूप तो बिल्कुल प्राकृतिक रूप से निर्मित मोती के ही समान होते हैं, किंतु इसका मूल्य प्राकृतिक रूप से निर्मित मोती की तुलना में थोड़ा कम होता हैl

इसके साथ ही इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए उद्यमी के पास निवेश के लिए अच्छी खासी रकम होनी चाहिए इसके साथ-साथ वह कर्मठ एवं मेहनती भी होना चाहिए तथा यदि उनके पास धैर्य नहीं होगा तो सब किए कराए पर पानी फिर जाएगा अतः यदि आप धैर्यवान है तभी इस व्यवसाय में अपना कदम रखें।

1. मोती kalchar moti kya hai in hindi  का कृतिम संवर्धन करने का प्रथम चरण होता है, सीपीओ का संग्रह करना जिसमें प्रशिक्षित गोताखोरो की विशेष टीम के द्वारा समुद्र से मोती वाले सीपीओ को एकत्रित करते हैं, तथा उसे कंटेनर में भरकर समुद्र में लटका कर रखा जाता है, जिसकी अवधि 10 से 20 दिन की होती हैl मुक्ता सीपीयू के अंडे से भी मोती रत्न हमें प्राप्त होता है।

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बहुत से उद्यमियों के द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले मोलास्का को विश्वसनीय स्रोतों से खरीदा जाता है, या फिर इसे नदी झील आदि से भी प्राप्त किया जाता हैl उसके पश्चात उन्हें मोती (kalchar moti se kya fayda hota hai) का केंद्रक खरीदने की आवश्यकता होती है, जिन की आवश्यकता उसे कलम बांधने की प्रक्रिया के लिए होता हैl

2. कलम बांधने की प्रक्रिया सबसे जटिल प्रक्रिया होती है, इसलिए सब इसमें विशिष्ट कौशल क्षमता वाले मजदूरों की आवश्यकता होती है क्योंकि यह मोती का कृतिम संवर्धन करने का सबसे महत्वपूर्ण चरण होता हैl

3. इसमें उसे खाद एवं उर्वरक की भी आवश्यकता पड़ती है, तथा उद्यमी पूरी तरह से तकनीकी ज्ञान एवं प्रशिक्षण में निपुण हो तभी इस व्यवसाय में उतरना चाहिएl

4. इन सीपीयू को तीन विधियों से इंप्लीमेंट किया जा सकता है, कैविटी इंप्लांटेशन मेंटल टिशु इंप्लांटेशन एवं गोंडल इंप्लांटेशन इसके पश्चात इनका बहुत अच्छे से देखभाल किया जाता है, जिसके तहत इन्हें नायलॉन बैग में 10 से 12 दिनों के लिए रखा जाता है, तथा समय-समय पर भोजन प्रदान किया जाता है, तथा इनकी इकाइयों का निरीक्षण करते रहना पड़ता है, जिससे यह पता लग सके कि कहीं कोई जीवन तो नहीं गया है क्योंकि इससे दूसरे जीवो के भी संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।

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5. विभिन्न जटिल परिस्थितियों से गुजरने के बाद हमें कल्चर मोती रत्न प्राप्त होता हैl

भारत में सबसे उपयुक्त जगह मोती पालन के लिए अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह तथा लक्ष्यदीप की भूमि को माना जाता है lभारत के अन्य हिस्सों में भी कल्चर मोती (kalchar moti dharan karne ke fayde) की खेती होती है, किंतु इसकी मांग को देखते हुए फिर भी इसकी पूर्ति नहीं हो पाती है, जिसकी वजह से भारत को अपने आसपास के पड़ोसी राज्यों से कल्चर रत्न का आयात करना पड़ता हैl पूरे विश्व में सबसे अधिक समृद्ध कल्चर मोती का उद्योग जापान देश में है, जिसकी वजह से पूरे विश्व बाजार में 80% तक मोती रत्न जापान के ही होते हैं, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया की बारी आती है, उसके पश्चात बारी आती है, चीन कीl

बाजारों में उपलब्ध दुकानों से जो मोती हमें अधिकतर प्राप्त होते हैं, वह कल्चर मोती ही होते हैं, क्योंकि प्राकृतिक रूप से निर्मित मोतियों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती चली जा रही है, फिर भी कल्चर मोती (kalchar moti ke fayde) धारण करने से हमें अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं, जिसकी वजह से इसके मांग काफी अधिक हैl लोग इसके विभिन्न आभूषण पहनना पसंद करते हैं, या कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने करीबी लोगों को इससे बने विभिन्न प्रकार के आभूषणों को उपहार के स्वरुप अपने परिजनों को देते हैं। कल्चर रत्न एक ऐसा रत्न है, जो हमारे मन को नियंत्रित करता है, इसका संबंध चंद्र ग्रह से होता हैl नवरत्नों में से सबसे विशिष्ट उपाधि जैविक रत्न को दी गई हैl जिसका निर्माण बाकी पत्थरों की तुलना में सबसे भिन्न एवं अलग है।

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ऐसा माना जाता है, कि जो कोई अपने मन को नियंत्रित कर लेता हैl वह हर चीज पर विजय पा लेता है, lब्रह्मांड की सबसे गतिमान चीज मन को माना गया है, और यह अद्वितीय रत्न हमारे मन के घोड़ों को नियंत्रित करने की अद्भुत क्षमता हमें प्रदान करता है, तथा चंद्र ग्रह से संबंधित विभिन्न प्रकार की दोष में भी कल्चर रत्न बहुत कारगर होता हैl कल्चर रत्न (kalchar moti dharan karne se kya hota hai) को धारण करने से जातक पर मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बरसती रहती है, जिससे उसके जीवन में सुख संपत्ति ऐश्वर्य वैभव किसी चीज की कमी नहीं होती हैl कल्चर रत्न व्यक्ति दृढ़ इच्छा को बढ़ाती है, यह जिस भी जातक के द्वारा धारण किया जाता हैl उसके मन मस्तिष्क में असीम शांति प्रदान करता है, तथा उसे चंद्रमा के समान यह शीतलता प्रदान करता है, तथा उसका व्यक्तित्व में चमत्कारिक रूप से परिवर्तन लाता हैl

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