लाल गुंजा के तांत्रिक प्रयोग – Lal Gunja Ke
Tantrik Prayog
1. लाल गुंजा की माला (gunja ke tantrik prayog kaise kare) को सिद्ध कर धारन करने से इसके प्रभाव से कोई भी बच नहीं पाता है, इसके वशीकरण का प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति के ऊपर रहता है, जो भी उक्त व्यक्ति गुंजा की माला को धारण किए हुए रहता है। उसके इर्द-गिर्द या उसके समक्ष मौजूद रहने वाले लोग उसके वशीकरण के प्रभाव में रहते हैं, जिसके कारण यदि कोई व्यक्ति उसके बारे में गलत चीजें सोचता भी है, तब भी वह उन गलत चीजों का प्रयोग उक्त व्यक्ति विशेष के ऊपर चाह कर भी नहीं कर पाता है, क्योंकि उस वक्त सभी तरह की नकारात्मक चीजें उसके मन से खत्म हो जाती है, तथा जातक के समक्ष वह मित्रवत भाव में रहता है।
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बड़े से बड़ा शत्रु भी ऐसे व्यक्ति के सामने टिक नहीं पाता है, क्योंकि यह माला किसी को भी प्रचंड रूप से वशीभूत कर सकता है, तथा इस प्रयोग को तोड़ना लगभग नामुमकिन है, इसलिए इस माला का प्रयोग लोग अपने पति के साथ रिश्ते सुधारने के लिए प्रयोग में लाते हैं, या कोई पति अपनी पत्नी से अच्छे संबंध बनाना चाहता है, या बिगड़े हुए रिश्तो को एक नया मौका देना चाहता है, किंतु ऐसी चीजों में उसे परेशानियां देखनी पड़ती है, तब वह इस प्रकार के प्रयोग को करता है, जिससे उसके जीवन में विवाह विच्छेद जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं हो पाती है एवं उसका वैवाहिक जीवन सुरक्षित रह जाता है।
उसका दांपत्य जीवन खुशियों से सुख शांति एवं समृद्धि से परिपूर्ण हो जाता है, ऐसी प्रेमिका जो अपने प्रेमी के हृदय पर केवल अपने साम्राज्य को स्थापित करना चाहती है, या ऐसा प्रेमी जो अपने प्रेमिका के हृदय पर अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता है lउसे यह दिव्य परयोग एक बार प्रयोग कर अवश्य देखना चाहिए, इसे सिद्ध कर धारण करने से उन लोगों में कभी भी किसी चीज को लेकर ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती है, जिससे दोनों में टकराव हो उत्तम सामंजस्य एवं अन्यतम
अनुराग उनके जीवन में प्रेम की गंगा बहती है, कभी भी भावनात्मक रूप से या विचारों से या व्यक्तिगत रूप से व्यक्ति अपने जीवन साथी से दूर नहीं रह पाता है, दोनों का एकांकी स्वरूप उनके जीवन की गाड़ी को सुचारू रूप से चलाने में बहुत मदद करता है।
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2. ऐसे लोग जो किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो पा रहे हैं, या ग्रहो की चाल कुछ ऐसी है, कि जिस भी चीज में हाथ डालते हैंl उन्हें असफलता के अलावा कुछ भी हाथ नहीं लगता है, स्थिति ऐसी बनी हुई है की व्यक्ति यदि सोना को भी छूटे तो वह मिट्टी हो जाता है, परिस्थितियां इतनी जटिल हो जाती है। व्यष्टि मिट्टी खाने पर मजबूर हो जाता है lउसे हर बार मुंह की खानी पड़ती है। लाख पुरुषार्थ कर ले किंतु उसका कार्य नहीं बन पाता है, ऐसी स्थिति में अपनी स्थिति में उत्थान लाने के लिए उसे लाल गुंजा के माला से माता भगवती की आराधना करनी चाहिए लाल गुंजा की माला (lal gunja ki mala ke fayde) से माता के मंत्र का विशिष्ट जाप उसे कई प्रकार की चीजें प्राप्त करने में मदद करता है।
अमावस्या हो या होली का दिन हो या दीपावली का दिन, पूर्णिमा इन सभी चीजों पर विशिष्ट रूप से उसे अपनी स्थिति में सुधार लाने के लिए अनेक मौके मिलते हैंl ऐसे जातक जो चाहते हैं, कि उनकी जीविका की साधन में स्थिरता आए या रोजी रोजगार या धन उपाजन में उसकी परेशानी समाप्त होl तो ऐसी स्थिति में उसे इस माला को लेकर रात्रि में 10:00 बजे के बाद माता काली के मंत्र का जाप मंगलवार के दिन से शुरु करना चाहिए, ऐसा उसे लगातार 21 दिन करना हैl इन 21 दिनों में ही उसे इसके प्रभाव नजर आने लगेंगे और जल्द ही व्यष्टि के रोजी रोजगार में अनुपम चीज़े घटित होंगी तथा जाकर सभी शुभ अवसरों का लाभ निरुपण रुप से प्राप्त करने में सफल रहेगा।
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जीवन के हर क्षेत्र में उसे सफलता मिलने लगेगी उसके रुके हुए कार्य संपन्न होने लगेंगेl यदि वह चाहे तो यह क्रिया अजीवन कर सकता हैl इससे उसके जीवन में कभी भी किसी चीज की कमी नहीं होगी हर आयाम में उसे दिव्य फलो की प्राप्ति होगी, ऐसे लोग जो आजीविका के किसी भी साधन में संलग्न है, उन्हें भी माता काली के मंत्र का जाप इस माला से अवश्य करना चाहिए lइससे कार्यक्षेत्र में उन्नति के मार्ग में आने वाले रोड़े स्वयं ही समाप्त होने लगते हैं, व्यक्ति अपनी दिशा में आगे ही बढ़ता चला जाता है, यदि किसी तरह की कोई बाधा आती है, तो गुंजा की माला (lal gunja ki mala ke prayog) अपने ऊपर ले लेता है, तथा व्यक्ति पूर्ण रुप से सुरक्षित रहता है।
3. कई बार ऐसा देखा जाता है, कि जन्मपत्रिका में कई ऐसे योग बन जाते हैं, जिसका प्रभाव कई प्रकार के नकारात्मक योग का निर्माण कर देते हैंl उसी श्रेणी में से आता है प्रेत श्राप का निर्माणl जो खासकर पापी एवं क्रूर ग्रहों राहु केतु तथा शनि के द्वारा निर्माण किया जाता है, जो किसी भी अच्छे फल के भाव को भी बिगाड़ देती हैl यही कारण है, कि कुछ ऐसी चीज है, जिन्हें हम पाराशक्ति कहते हैंl यह उन्हीं लोगों पर अपना प्रभाव दिखा पाती है, जिनका आभामंडल कमजोर होता है, तथा जिनका लग्न कुंडली में कुछ ऐसे ग्रहों का निर्माण होता है, जिसमें प्रेत बाधा या प्रेत योग बनता है, तभी इस प्रकार की चीज है, प्रचंड रूप से व्यक्ति को अस्त व्यस्त कर देती है।
भाग्य हर कदम पर रोड़े लेकर खड़ा सा दिखता है, जिसको पार पाना जातक के लिए कठिन चुनौतियों से कम नहीं होता हैl ऐसी घटना घट जाती है, जिसके बारे में जातक को दूर दूर तक अंदेशा नहीं होता है, तथा अत्यधिक भयंकर नुकसान हो जाता हैl एक के बाद एक मुसीबतें बढ़ती चली जाती है, व्यक्ति को समझ नहीं आता कि कौन सी चीज को किस प्रकार वह व्यवस्थित करें या कैसे किसी चीज के नुकसान को वह रोकेl कई ऐसी अनुभूतियां उसे प्राप्त होने लगती है, जो आम लोगों के लिए केवल एक भ्रम से ज्यादा कुछ नहीं है, किंतु यह सारी गतिविधियां उसे बहुत ही अधिक प्रभावित करने लगती है। इंसान चिड़चिड़ा हो जाता है, जादू टोना जैसी चीजें का प्रभाव उसके ऊपर बढ़ने लगता है, दर्दनाक स्थिति में जातक जीने लगता है।
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अनेक प्रकार की शारीरिक कष्ट व्याधियों प्राप्त होती है lभले ही डॉक्टर की रिपोर्ट कुछ भी कहे किंतु उनका स्वास्थ वास्तव में खराब नहीं होता किंतु इस प्रकार की चीजो के कारण वे लोग अधिकतर बीमार रहते हैं, मानसिक रुप से भी व्याधियो में रहते हैं, अपनी योग्यता के अनुसार उन्हें कोई कार्य नहीं मिलता है। उनकी जितनी भी प्रतिभा होती हैl उसके अनुसार प्रतिष्ठा की प्राप्ति नहीं हो पाती है, ऐसे स्थिति से जातक यदि बचना चाहता है, या कोई व्यक्ति विशेष ऐसी स्थिति में फस चुका है, तो उन्हें लाल गुंजा की माला को लेकर मंगलवार के दिन भगवान बजरंगबली की शरण में जाना चाहिए तथा ब्रह्म मुहूर्त में स्नानादि से निवृत्त होकर पहले इस लाल गुंजा की माला (lal gunja ki mala se kya hota hai) से राम नाम का जाप कम से कम पांच माला करें।
उसके बाद हनुमान जी के किसी भी एक मंत्र को लेकर कम से कम उस मंत्र का जाप 11 माला अवश्य करेंl यदि आप प्रतिदिन ऐसा करते हैं, तो राहु केतु तथा शनि ग्रह की शांति होती है, तथा प्रेत श्राप प्रेत बाधा जैसी चीज़े स्वयं ही उसके जीवन से जाने लगती है, जातक का जीवन फिर से हंसी खुशी से भर जाता है, जितनी भी आकस्मिक दुर्घटनाओं के कारण उसकी क्षति हुई होती है lउन सभी की भरपाई धीरे-धीरे होने लगती है, तथा जातक का अभाव मंडल मजबूत होता है, एवं फिर कभी भी नकारात्मक शक्तियां उसे अपने प्रभाव में नहीं ले पाती है।
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