मून स्टोन की पहचान – Moon Stone Ki
Pahchan
मून स्टोन की पहचान- (moon stone ki pahchan kya hai) मून स्टोन एक सुंदर एवं आकर्षक स्टोन होता है, जिससे नीले रंग की रोशनी प्रदीप्त होती हुई दिखाई पड़ती है। से गोदंती तथा चंद्रकांत के नाम से भी अलंकृत किया जाता हैl मून रत्न श्रीलंका भारत मेडागास्कर म्यानमार जैसे देशों से प्राप्त होता है। विश्व के अन्य कई प्रमुख देश है, जहां से भी मून रत्न की प्राप्ति होती है। मून स्टोन का प्रयोग न केवल विभिन्न प्रकार के आकर्षक आभूषण बनाने में किया जाता है, अपितु मून स्टोन के बारे में रत्न शास्त्र में बहुत अधिक महत्व बताए गए हैं।
मून स्टोन की पहचान-
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1.मून स्टोन आकार में भले ही देखने में बड़ा दिखे किंतु वजन में वह बहुत कम होता है, इसलिए जब आप मूनस्टोन (moon stone kaisa hota hai) को अपने हाथों में लेंगे तो उसका वजन आपको बहुत ही कम लगेगा, यह एक हल्के वजन का स्टोन होता है।
2.मून स्टोन देखने में मोम के समान भले ही कोमल नजर आए किंतु यह बहुत सख्त होता है, इसकी संरचना काफी कठोर होती है।
3. ऐसा माना जाता है, कि मून स्टोन (moon stone ki pahchan kaise kare) को जब आप बल्ब की रोशनी की ओर करके देखेंगे तो आप बल्ब को देखने में सक्षम रहेंगे क्योंकि यह अर्ध पारदर्शी होता है, लेकिन यही यदि आप इससे चांद को देखने की कोशिश करेंगे तो आपको चांद दिखाई पर जाता है, यही इसकी सबसे विशिष्ट गुण है, जो इसे बाकी स्टोनों से अलग करती है।
4. ऐसा माना जाता है, कि मून स्टोन (moon stone ko kaise pahchane) की रोशनी धीरे-धीरे बढ़ती है, जिस प्रकार चंद्रमा पूर्णिमा के दिन अपने पूरे आकार में रहता है तथा चंद्र की शीतल किरने पूरे आभामंडल को प्रकाशित करती है lउस वक्त मून स्टोन भी सबसे अधिक चमकदार होता है, और जिस तरह चंद्रमा की चमक धीरे-धीरे घटती है, वैसे -वैसे मूनस्टोन की भी चमक धीरे-धीरे समय के साथ घटते रहती है, और अंततः अमावस्या के दिन इसके रंग में बहुत अधिक भिन्नता आपको देखने के लिए मिलता है।
5.मून स्टोन (moon stone kaisa hota hai bataiye) देखने में सफेद तो होता है, किंतु इससे नीले रंग की रोशनी उत्सर्जित होती हुई दिखाई देती है, अर्ध पारदर्शी होने की वजह से जब किसी प्रकाश उत्सर्जित करने वाली चीज के ऊपर इस स्टोन को रखा जाता है, तब यह प्रकाश को पूरी तरह से अवशोषित कर लेता है।
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चंद्रमा की स्थिति यदि किसी की जन्मपत्रिका में निर्बल होती है, तो ऐसी स्थिति में जातक हर वक्त असमंजस की स्थिति में फंसा हुआ रहता है lउसे समझ ही नहीं आता है, कि किस दिशा में जाना चाहिए, उसका मन हर वक्त विचलित रहता है, तथा छोटी से छोटी बातों में भी वह बहुत अधिक घबरा जाता है, तथा दैनिक क्रियाकलापों के लिए भी उसे किसी व्यक्ति की सलाह की आवश्यकता पड़ती है, बिना किसी साथी व्यक्ति के सहयोग के रोजमर्रा के कार्यों में भी किसी बुद्धिमान व्यक्ति कि उसे आवश्यकता पड़ती है, बिना उसके सहयोग के वह निर्णय लेने में खुद को असक्षम समझता हैl चंद्र के अशुभ प्रभाव के कारण जातक की मां की स्थिति ठीक नहीं रहती है, स्वास्थ्य अधिकतर खराब ही रहता है, उन्हें हर वक्त किसी न किसी प्रकार की परेशानी लगी रहती है।
कमजोर चंद्र के वजह से जातक का संबंध उसकी माता से बिल्कुल भी कटु होता है, उनके संबंधों में आपसी तालमेल बिल्कुल नहीं होता है, तथा जातक अपनी माता के विपरीत ही सोचता है, तथा अपनी माता के इच्छाओं के विरुद्ध ही कार्य भी करता है, जिससे दोनों में बहुत अधिक वैचारिक मतभेद देखने को मिलता है, स्थिति कभी-कभी इतनी अधिक दयनीय हो जाती है, जब माता के द्वारा खुद के ही बच्चों के लिए कटु वचन या अपशब्द तक निकल जाते हैंl इन सभी का कारण दूषित चंद्र होता है, जिसके प्रभाव से माता का प्यार दुलार सहयोग से जातक पूरी तरह से वंचित रहता है, जातक पूरी तरह से भावनात्मक रूप से पीड़ित रहता है, तथा उसके द्वारा लिया गया किसी भी प्रकार का निर्णय भावनात्मक आवेग में रहता है, जो पूरी तरह से बाद में जाकर गलत सिद्ध होता है।
चंद्रदेव जो सौम्य एवं शीतल होते हैं, किंतु आक्रामक भी है, तथा पापी ग्रहों के सामान जातक को विभिन्न प्रकार के दुख देते हैं। यदि अशुभ अवस्था में रहते हैं, ऐसी स्थिति इसलिए भी उत्पन्न होती है, क्योंकि मानसिक गतिविधि का संचालन करता चंद्रदेव ही है, ऐसे में यदि मानसिक तौर पर ही जातक कमजोर रहेगा तो जीवन में आने वाली विभिन्न प्रकार की विघ्न -बाधाओं पर नियंत्रण कैसे स्थापित कर पाएगा। खराब चंद्र से स्त्रियों का कभी भी उनके सास से नहीं बनती है, जिसकी वजह से उनका पूरा वैवाहिक जीवन बहुत अधिक देख दुखदाई होता है।
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चंद्र ग्रह की स्थिति को मजबूत करने के लिए मून स्टोन धारण किया जाता है, जिससे जातकों का संबंध सबसे पहले अपनी माता से अच्छा हो सके एवं उनकी माता का प्यार एवं सहयोग उन्हें प्राप्त हो सके। मून स्टोन (moon stone dharan karne ke fayde) को धारण करने से जातक मन तथा तन से बहुत बलवान होता है, एवं उसके अंदर आत्मविश्वास जगता है। आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। बच्चों के द्वारा यदि मून स्टोन धारण किया जाता है, तो उनकी लग्न कुंडली में चंद्र की स्थिति मजबूत होती है, जिससे उन्हें स्वास संबंधित बीमारियां हो या सर्दी जुकाम मिर्गी जैसी चीजें इन सभी से बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है।
बच्चे को मून स्टोन (moon stone dharan karne se kya hota hai) पूरी तरह से स्वस्थ बनाता है। मून स्टोन धारण करने से जातक बहुत बुद्धिमान बनता है, तथा अपनी बुद्धिमानी से कार्य करने के लिए काफी चर्चित होता हैl मून रत्न उसकी व्यवहारिक ज्ञान को बढ़ाती है lइसके साथ-साथ दुनियादारी व्यावहारिकता की समझ भी उसे खूब होती है, जिससे उसके रिश्तो में भी प्रगाढ़ प्रेम होता हैl मून स्टोन धारण करने से व्यक्ति बहुत अधिक विद्वान होता है, तथा गहरी सोच वाला होता है, एवं मून स्टोन धारण करने से उसकी तार्किक क्षमता में भी वृद्धि होती है।
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