पुखराज को कैसे पहचाने – Pukhraj Ko Kaise Pahchane

पुखराज को कैसे पहचाने – Pukhraj Ko Kaise Pahchane

 

 पुखराज को कैसे पहचाने – Pukhraj Ko

 Kaise Pahchane

पुखराज को कैसे पहचाने बहुत से लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है, और वैसे यह संशय होना भी चाहिए क्योंकि जब तक आप उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले रत्न धारण नहीं करेंगे, तब तक आपके जीवन में प्रभाव कैसे होंगे यह कहना मुश्किल हैl यदि कृत्रिम रूप से निर्मित पुखराज रत्न (original pukhraj stone kaise pahchane) गलती से धारण कर लिया जाएगा तो कभी भी उसके ना अच्छे परिणाम आपको देखने मिलेंगे और ना बुरे परिणाम देखने के लिए मिलेंगे, ना आपके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और ना नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

ऐसे में बहुत से लोगों के द्वारा कभी-कभी ऐसा भी होता है, कि ज्योतिष विज्ञान जैसे विस्तृत विद्या के ऊपर ही सवाल उठाने लगते हैं, कि फलाने ज्योतिषी ने हमें पुखराज रत्न (Pukhraj stone ki pahchan kaise karen) धारण करने के लिए कहा लेकिन हमारे जीवन पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा।

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हमें कोई भी लाभ प्राप्त नहीं हुआ किंतु ऐसा नहीं है, कोई भी ज्योतिषी कभी भी किसी को गलत सलाह नहीं देते हैंl यह विद्या सीखने के बाद ही वह आपको किसी भी प्रकार का रत्न धारण करने या उपरत्न को धारण करने की सलाह देते हैं, ऐसे में इस विद्या पर प्रश्नचिन्ह लगाना कहीं से भी उचित नहीं हैl अतः यदि आपको किसी ने पुखराज रत्न (Pukhraj Ko Kaise Pahchane) धारण करने की सलाह दी है, तो आपको इसके विभिन्न मापदंडों को समझना होगा जांच ना होगा तभी आपको उचित लाभ प्राप्त हो सकेगा आइए इसकी विस्तृत खूबियों को जानने का प्रयास करते हैं-

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पुखराज रत्न (Pukhraj ratna ko kaise pahchane) देखने में पीला वर्ण का होता है, बिल्कुल सूर्य की किरणों के समान इसका रंग पीला होता हैl स्वर्ण के आभा के समान इसका रंग पीला होता हैl इसका रंग आपको पलाश के पुष्प के पंखुड़ियों के समान भी हो सकता है। पुखराज रत्न को गुरु ग्रह बृहस्पति का ग्रह माना जाता है, यह रत्न गुरु ग्रह को निरूपित करता है, तथा इसमें विभिन्न प्रकार की अलौकिक एवं पैर अलौकिक शक्तियां विद्यमान रहती हैl गुरु ग्रह बृहस्पति के गुप्त शक्तियों को अवशोषित करने की क्षमता यह रत्न रखता है।

गुरु ग्रह बृहस्पति जिन्हें देवताओं के द्वारा गुरु की उपाधि प्रदान की गई है lउन्हें पूरे जगत का गुरु कह कर संबोधित किया जाता हैl उन्हें पूरे तीनों लोगों का गुरु होने का अलंकरण प्राप्त है lदेवता हो या गन हो मनुष्य हो या दानव हो कोई भी प्राणी इनकी कृपा दृष्टि से वंचित नहीं रहता है इसीलिए सभी प्राणियों के लिए यह बहुत ही आदरणीय एवं सम्मानीय होते हैं।

सभी के मन में इनके प्रति आदर की भावना व्याप्त होती है, कोई भी इन्हें हीन दृष्टि से नहीं देखता हैl सभी लोगों के लिए यह बहुत पूजनीय होते हैं, तथा इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए लोगों के द्वारा पुखराज रत्न (Pukhraj stone ko kaise pahchane) धारण किया जाता है, जिससे वह गुरु की कृपा प्राप्त कर अपने जीवन को सफल एवं सार्थक बना सकें।

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पुखराज रत्न (original pukhraj stone kaise pahchane in hindi) पीले रंग तथा सफेद रंग के होते हैं lइन दोनों प्रकार के पुखराज रत्न विश्व प्रसिद्ध है, बहुत लोकप्रिय हैं, किंतु आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि पुखराज रत्न के और भी वर्ण हो सकते हैंl जैसे -गुलाबी, नीला आदि जो विभिन्न प्रकार के ग्रहों को निरूपित करते हैं, किंतु गुरु ग्रह को पीली वस्तुएं बहुत भाती हैं, इसी वजह से पीला पुखराज या सफेद पुखराज जो केवल हल्का पीला होता हैl गुरु ग्रह से संबंधित चीजों में उपयोग में लाया जाता है।

पुखराज रत्न (original pukhraj ratna kaise pahchane) देखने में चिकना चमकदार एवं पारदर्शी कभी-कभी यह पारदर्शी भी हो सकता है lइसके संयोजक फ्लोरीन, सिलिकेट ,एलमुनियम जैसे तत्व होते हैं, जो इसे रंग प्रदान करते हैंl इसकी सर्वोत्तम उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले रत्न ब्राजील तथा म्यानमार जैसे देशों में पाया जाता हैl श्रीलंका में पाए जाने वाला सिलोनी पुखराज रत्न भी उत्कृष्ट गुणवत्ता वाला होता है, तथा इसकी भी बहुत अधिक मांग होती हैl इस के भौतिक गुण बहुत ही उम्दा गुणवत्ता वाले होते हैं।

भारत में भी पुखराज रत्न (Pukhraj kaise pahchane) के भंडारण है, किंतु उनकी गुणवत्ता उतनी उत्कृष्ट नहीं है, जितनी होनी चाहिए इसमें भौतिक गुणों की कुछ त्रुटियां मौजूद होती है, जिसकी वजह से यहां के पुखराज रत्न इतने अच्छे गुणवत्ता वाले नहीं होते हैं, तथा उनका कीमत भी बहुत कम होता है, जबकि ब्राजील म्यानमार श्रीलंका जैसे देशों से पाए जाने वाले पुखराज रत्न की कीमत अधिक होती है, इनकी गुणवत्ता इनकी कीमत को निर्धारित करती है।

पुखराज रत्न (Pukhraj ratna ki pehchan kya hai) को पहचानने के लिए निम्नलिखित मापदंड या पैमाने अपनाए जा सकते हैं, जिससे आप जान सकते हैं, कि आपके द्वारा धारण किया गया पुखराज रत्न असली है, या नकली है, या आप यदि पुखराज रत्न खरीदने जा रहे हैं, तो इन सभी मापदंडों की जांच अवश्य करें-

1. असली पुखराज रत्न (Pukhraj ratna ki pehchan kya hoti hai) का वर्ण देखने में पीला होता है, तथा जब आप इसे सूर्य की किरणों में रखेंगे तब आपको इससे पीली रोशनी प्रदीप्त होती हुई दिखाई देगी, यदि उससे इंद्रधनुष के रंग प्रतीत होते दिखाई दे रहे हैं, तो इसका तात्पर्य है, कि वह एक कृत्रिम रूप से निर्मित रत्न है।

2. प्राकृतिक रूप से निर्मित पुखराज रत्न (Pukhraj ki pahchan) पर जब कच्चे हल्दी का लेप लगाया जाता है, तो उसका वर्ण पीला से लाल हो जाता है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित पुखराज रत्न में यह विशेषता आपको देखने को नहीं मिलेगी।

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3. कृत्रिम रूप से निर्मित पुखराज रत्न का वजन बहुत कम होता हैl उसका आकार की तुलना में उसका वजन कम होता है, जबकि प्राकृतिक रूप से निर्मित पुखराज रत्न का वजन उसके आकार की तुलना में अधिक होता है।

4.पुखराज रत्न (original pukhraj kaise pahchane) को जब आग पर तपाया जाता है, तब इसकी चमक और अधिक बढ़ जाती है, या पहले की अपेक्षा और अधिक आकर्षक देखने में लगने लगता है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित पुखराज रत्न में यह सभी चीजें आपको नहीं मिलेंगेl इसके उलट कृत्रिम रूप से निर्मित पुखराज रत्न की चमक कम हो जाएगी तथा उसका आकार भी बदलने लगेगा एवं आप किसी चीज की सहायता से उसके अंदर आकृतियां बनाने में भी सक्षम हो पाएंगेl ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जो प्राकृतिक रूप से पत्थर निर्मित होते हैंl उनका गलनाक बहुत अधिक होता है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित जो भी पत्थर उन का गलनांक कम होता है।

5. असली पुखराज रत्न (Asli Pukhraj Ratna ko kaise pahchane) को जब गोबर से या मिट्टी के लेप से रगड़ा जाता है, तो उसकी चमक और अधिक बढ़ जाती है, जबकि कृतिम रूप से निर्मित पुखराज रत्न की रंग बदरंग हो जाती है, तथा वह अपनी चमक खो देता है।

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