लहसुनिया क्यों पहना जाता है – Lahsuniya
Kyo Pahna Jata Hai
लहसुनिया क्यों पहना जाता है, बहुत से लोगों के मन में यह प्रश्न अक्सर आता है। विभिन्न प्रकार के रत्नों एवं उप रत्नों में से एक रत्न है- लहसुनिया जो केतु ग्रह से संबंधित होता है, तथा केतु ग्रह से संबंधित विभिन्न प्रकार की ऊर्जा इसके अंदर विद्यमान रहती हैl यह भी विभिन्न रत्नों की तरह ही होता है, तथा इसका विविध प्रभाव को देखते हुए अलग-अलग जगहों पर इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है।
बहुत से जगह पर इसे कैट आई के नाम से जाना जाता है, तो कहीं विधु- रज , बिल्लौर आदि नामो से जाना जाता हैl हीरा तथा माणिक्य के बाद सबसे कठोर रत्न में लहसुनिया को माना जाता है, जिसकी वजह से इसका गलनांक एवं घनत्व बहुत अधिक होता है।
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भारत में लहसुनिया रत्न उड़ीसा ,असम तथा मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों से प्राप्त होता है lविश्व के विभिन्न देश जैसे -म्यानमार, श्रीलंका आदि देशों से भी अच्छे गुणवत्ता वाले लहसुनिया रत्न प्राप्त होते हैंl
लहसुनिया रत्न निम्नलिखित लाभ को प्राप्त करने के लिए धारण किया जा सकता है-
1. आज के प्रतिस्पर्धा के युग में हर कोई एक दूसरे से आगे निकलना चाहता है lकभी-कभी लोगों में इस हद तक जलन की भावना उत्पन्न हो जाती है, कि वह दूसरे को बढ़ते हुए नहीं देख सकते हैंl दूसरे की तरक्की को देखकर जल भून जाते हैं, और विपरीत चीजों का सहारा लेकर उस प्रगतिशील व्यक्ति की जिंदगी को खराब करने के लिए तंत्र मंत्र की चीजों का प्रयोग करवा लेते हैं, ऐसे में यदि लहसुनिया रत्न (Lahsuniya ratna ke labh) धारण किया जाए तो जातक को तंत्र मंत्र संबंधित परेशानियों से छुटकारा मिल सकता हैl लहसुनिया रत्न कमजोर स्थितियों को मजबूत करता है, जिससे व्यक्ति के ऊपर तंत्र मंत्र, टोना टोटका ,नजर दोष संबंधित चीजें कारगर नहीं होती हैl
2. लहसुनिया रत्न (Lahsuniya ratna kyo pahna jata hai) को छोटे बच्चों को धारण अवश्य करवाना चाहिए, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की ऊपरी बाधा संबंधित चीजों से परेशानियों का सामना ना करना पड़े क्योंकि छोटे बच्चों में सभी चक्र जागृत होते हैं, जिसकी वजह से वह अदृश्य चीजों एवं परलौकिक चीजों को आसानी से देख सकते हैं।
जिसकी वजह से उनकी विकृत छाया को देखकर बच्चे डर जाते हैं, एवं डरकर बीमार भी पड़ जाते हैं, या कभी-कभी ऐसा भी होता है, कि वह चुप होने का नाम ही नहीं लेते हैं, रोते चले जाते हैं, ऐसे में यह रत्न बच्चों चहुओर से सुरक्षा के लिए बहुत कारगर सिद्ध होता हैl इसे भेलवा के साथ धारण करने से इसकी शक्ति और अधिक बढ़ जाती हैl
3. लहसुनिया रत्न (Lahauniya ratna kise pahanna chahiye) को धारण करने से रुपए पैसे से संबंधित जितनी भी परेशानियां होती हैl उन सभी में जातक को निजात मिलता है, तथा उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत होने के विभिन्न अच्छे स्रोत प्राप्त होते हैं, जिससे जातक धन संचित करने में भी सफल हो पाता है।
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4. बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें जीविकोपार्जन में या धन उपार्जन में या आजीविका चलाने में या नौकरी पेशा संबंधित या व्यापार संबंधित चीजों में या रोजी रोजगार संबंधित चीजों में बहुत से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
उन्हें यदि अच्छे अवसर प्राप्त भी हो जाते हैं, तो वह दीर्घकालीन नहीं होते हैं, जिसकी वजह से उनके जीवन में स्थिरता का अभाव रहता है, कोई भी अच्छा मौका उनके जीवन में बस कुछ क्षण के लिए ही होता है, जिसकी वजह से उनकी परेशानियां कभी खत्म ही नहीं हो पाती है, ऐसे में यदि जातक के द्वारा लहसुनिया रत्न (Lahsuniya ratna kyo pahanna chahiye) धारण किया जाता है, तो उसे रोजगार संबंधित चीजों में दीर्घकालीन अवधि तक सफलता प्राप्त होता है, तथा इस अवधि में जातक अपनी स्थिति मजबूत बनाने में सक्षम होता है, चाहे वह स्थिति सामाजिक रूप से हो या आर्थिक रूप से हो सभी में सफलतापूर्वक कार्य करता है।
5. कई बार ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती है, कि लोग अपनी कामयाबी के बहुत नजदीक होते हैं, या किसी महत्वपूर्ण कार्य के पूर्ण होने के बहुत नजदीक होते हैं, किंतु ऐन मौके पर कुछ ऐसी घटनाएं घट जाती है, कि सारी चीजें विपरीत होने लगती है, या जब कोई महत्वपूर्ण कार्य का समापन होने वाला होता है, तब कुछ आकस्मिक दुर्घटनाएं घट जाती है, जिससे जातक को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जिनके कार्य पूर्ण होते होते रह जाते हैं, अचानक से आई व्याधि उनके कार्य में विघ्न डाल देती है, ऐसी परिस्थिति में जातक को लहसुनिया रत्न (Lahsuniya ratna kyo pahna jata hai in hindi) धारण करना चाहिए, जिससे आकस्मिक व्याधि को दूर किया जा सके एवं विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों का समापन निर्धारित समय पर पूर्ण हो तथा जातक बिना किसी व्याधि के सफलता को प्राप्त कर सके चाहे वह सफलता किसी भी कार्य क्षेत्र में हो।
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6. लहसुनिया रत्न (Lahsuniya ratna ke labh in hindi) को धारण करने से जातक को केतु ग्रह के द्वारा दिए जा रहे विभिन्न प्रकार के पीरा से मुक्ति मिलती है, एवं केतु से संबंधित दशा महादशा में लहसुनिया रत्न जातक को केतु ग्रह के द्वारा दिए जा रहेl विभिन्न प्रकार के नकारात्मक प्रभाव को कम करने की क्षमता रखता हैl इसके साथ-साथ उसके नकारात्मक प्रभाव को सकारात्मक एवं अनुकूल प्रभाव में परिवर्तित करता है।
7.लहसुनिया रत्न (Lahauniya ratna ke fayde) को धारण करने से केतु ग्रह को बल मिलता है, जिससे वह जातक के जीवन में विभिन्न प्रकार के सकारात्मक बदलाव लेकर आता है, क्योंकि कई ऐसे जातक होते हैं, जिनकी लग्न कुंडली में जातक निष्क्रिय अवस्था यशवंत अवस्था में होता है, जिससे वह इसके लाभों से वंचित रह जाते हैं, एवं इससे संबंधित कार्य उसके जीवन में पूर्ण नहीं होते हैंl लहसुनिया रत्न धारण करने से केतु रत्न की परिस्थिति में बदलाव आता है, तथा वह त्वरित गति से जातक को अपना सकारात्मक प्रभाव दिखाता है, जिससे जातक के रुके हुए कार्य संपन्न होने लगते हैं।
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8. बहुत से ऐसे जातक होते हैं, जो अपने भविष्य के बारे में सोच कर या किसी अनहोनी को लेकर उनके मन में हमेशा डर व्याप्त रहता है, जिससे वह वर्तमान में नाजी कर केवल भविष्य की चिंता में हर वक्त दुबे रहते हैंl हर समय उनके मन में किसी न किसी चीज को लेकर भय रहता है, कभी-कभी ऐसी स्थिति बन जाती है, कि वह अवसाद जैसी स्थिति में चले जाते हैं, ऐसे में मुझे रत्न धारण करना चाहिए जिससे वह लोग मानसिक तौर पर काफी मजबूत होता हो तथा भविष्य में घटित होने वाली कोई भी अप्रिय घटना की चिंता वह वर्तमान में ना करें तथा अपने जीवन को जीवंत होकर जिए।
9. लहसुनिया रत्न को धारण करने से अचानक आने वाली समस्याओं से निजात दिलाने में लहसुनिया रत्न बहुत कारगर सिद्ध होता है।
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