मून स्टोन पहनने की विधि – Moon Stone
Pahanne Ki Vidhi
1. सर्वप्रथम इस की जांच अवश्य कर लें कि आपके द्वारा धारण किया जा रहा मून स्टोन (moon stone dharan karne ki vidhi) पूरी तरह से असली हो क्योंकि असली रत्न में या असली स्टोन में जो ऊर्जा व्याप्त रहती है lवह ऊर्जा किसी भी तरह से कृत्रिम रूप से निर्मित होने पर व्याप्त नहीं हो सकती है, जिस प्रकार इंसान विभिन्न प्रकार की अभिक्रिया ओं के द्वारा प्रयोगशाला में मानव सदृश्य को बना तो सकता है, किंतु उसमें मानव के समान जान नहीं डाल सकता एवं मानव के समान वेदना, करुणा ,सोचने- समझने की शक्ति ,ममता ,आत्ममंथन जैसी चीजें नहीं डाल सकता है।
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वह केवल प्रकृति के द्वारा ही हमें प्रदान किया जा सकता है, जिस प्रकार एक जीते जाते इंसान तथा मानव द्वारा निर्मित मानव सदृश्य एक जैसे होते हुए भी विभिन्न चीजों में बिल्कुल भिन्न है lउसी प्रकार प्राकृतिक रूप से निर्मित रत्न एवं कृतिम रूप से निर्मित रत्न भी भले ही रूपरेखा देखने में एक जैसी हो किंतु दोनों में बहुत अधिक भिन्नता होती है, और इस भिन्नता की खाई को हम या आप भर नहीं सकते हैं, क्योंकि प्रकृति के द्वारा बनाई हुई हर चीज अपने आप में अनोखी होती है lउस चीज का फिर से सदृश्य बनाना नामुमकिन होता है। इसलिए रत्नों का चयन सोच समझ कर करें तथा विभिन्न मापदंडों को पैमानों को अपनाकर उसकी जांच परख अवश्य करें उसके बाद ही उसे धारण करने की प्रक्रिया में आगे बढ़े।
2. नक्षत्रों का भी प्रभाव हमारे जीवन पर बहुत व्यापक पड़ता है, अतः इस मून स्टोन को धारण करने से पहले अच्छे नक्षत्र का भी ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है, जैसे -चंद्र ग्रह से संबंधित नक्षत्र होते हैं, -रोहिणी नक्षत्र ,हस्त नक्षत्र एवं श्रवण नक्षत्र इन तीनों नक्षत्र में मून रत्न को धारण करना सबसे उपयुक्त माना जाता हैl इसके अलावा पूर्णिमा के दिन भी मून स्टोन को धारण करना सबसे उपयुक्त माना जाता है, या पूर्णिमा के दिन को आप मून स्टोन (moon stone dharan vidhi) को उर्जित करने के लिए भी उपयोग कर सकते हैं।
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इसे उर्जित करने के लिए सबसे पहले सेंधा नमक के टुकरे लेकर कांच की कटोरी में पानी ले, और मून स्टोन (moon stone kab dharan kare) को उस में डाल कर किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां पर चंद्र की किरने स्पष्ट रूप से पूरी रात गिरती हो। सुबह उठकर उस पानी को किसी पौधे में डाल दे, तथा मूनस्टोन को गंगाजल से धूल कर शिवलिंग से स्पर्श कराकर फिर से उपयोग में ला सकते हैं।
3. शुक्ल पक्ष में सोमवार के दिन स्नान आदि से निवृत होकर मून स्टोन (moon stone kab pahne) को गंगा जल एवं पंचामृत से धूल कर शुद्धीकरण करेंl उसके पश्चात साफ कपड़े से पोछ कर इसे अपने पूजा स्थल पर सफेद कपड़े के ऊपर से रख दे, तथा सफेद पुष्प अर्पण करें एवं कपूर लोंग तथा गूगल से इसकी आरती उतारे यदि संभव हो तो कुछ टू करें कपूर के इसके पास रख दें, इससे इसके आसपास की उर्जा पूरी तरह से शुद्ध हो जाएगी।
4. अब चंद्र ग्रह से संबंधित बीज मंत्र को जितना हो सके उतना अधिक उच्चारित करें किंतु आपके द्वारा उच्चारण किया जा रहा मंत्र की वर्तनी पर बहुत अधिक ध्यान दें क्योंकि आप जिस भी शक्ति का आवाहन कर रहे हैं। यदि आप उन्हें गलत नामों से बुलाएंगे तो आपको जो प्रभाव मिलना चाहिए वह प्रभाव से आप वंचित रह जाएंगे इसलिए किसी भी मंत्र को उच्चारण करने से पूर्व या उसका जप करने से पूर्व अपने वर्तनी पर विशेष ध्यान दें, जिससे आप जिस भी कार्य की पूर्ति के लिए यह कर्मकांड अपना रहे हैं, उसमें आपको सफलता प्राप्त हो सके यदि आप किसी भी प्रकार से मंत्र को जपने में सक्षम है, तो आप किसी और की भी मदद ले सकते हैं, या फिर आप किसी विद्वान पंडित के द्वारा चंद्र के मंत्रों को जितना हो सके उतना अधिक उच्चारण करवा कर। इस मून स्टोन (moon stone ke fayde) को पूरी तरह से अभिमंत्रित एवं प्रतिष्ठित करवा सकते हैंl मंत्रों के अधिक उच्चारण करने से इसकी शक्तियां जागृत होने लगती है, तथा यह अपने प्रभाव दिखाने के लिए पूरी तरह से प्रभाव युक्त बन जाता है।
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5. इसे अभिमंत्रित करवाने के पश्चात या अभिमंत्रित करने के पश्चात किसी शिव मंदिर में ले जाकर भगवान शिव शंभू के शिवलिंग से इसे स्पर्श करवाएं या कुछ देर के लिए वही रहने देl उसके पश्चात इसे आप उठा ले तथा भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें एवं मंदिर में पंडित जी का भी आशीर्वाद प्राप्त करें एवं उन्हें उत्तम दान दक्षिणा अवश्य प्रदान करें आप चाहे तो उसी समय मंदिर में हैl मून रत्न को अपनी मनवांछित कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण करने की कामना बोलते हुए इसे उसी समय धारण कर ले या फिर आप इसे संध्या बेला में चंद्र के रोशनी जब आसमान में बिक्री हुई होती है, तब भी उनके समक्ष आप धारण कर सकते हैं। उससे पूर्व चंद्र देव की भी थोड़ी पूजा-अर्चना अवश्य कर ले, उन्हें सफेद पुष्प अर्पण करें, तथा अपनी इच्छा को जल्द से जल्द पूर्ण करने की कामना करते हुए मून रत्न (moon stone dharan karne se kya hota hai) को धारण करें।
6. मून स्टोन को धारण करने के लिए सबसे उपयुक्त उंगली कनिष्ठा उंगली मानी गई है उसमें आप मून रत्न को चांदी में मड़वाकर धारण कर सकते हैं।
7. जिस भी सोमवार के दिन आप मून रत्न (moon stone dharan karne ke fayde) को धारण करेंगेl उस दिन आप अपनी माता या माता समान औरतों का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें तथा उन्हें जितना हो सके मान-सम्मान आदर खुशहाली प्रदान करने की कोशिश करें यदि सक्षम हो, तो उन्हें कुछ ना कुछ उपहार स्वरूप अवश्य दें, तथा सफेद मिठाई भी उन्हें अवश्य खिलाए।
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8. इस दिन किसी भूखे को अवश्य भोजन कराएं या फिर किसी जरूरतमंद व्यक्ति की मदद जरूर करें भूलकर भी किसी से भी वाद-विवाद झगड़ा झंझट ना करें गलती से भी आपके मुंह से अपशब्द या कटु वचन नहीं निकलना चाहिए, खास करके महिला वर्ग से तो बिल्कुल भी ना उलझे एवं उन्हें किसी भी प्रकार का अपशब्द कहने से बचेंl आपकी गलती ना भी हो, तब भी सामने से आकर उनसे क्षमा मांग लेl घर परिवार के बड़े बुजुर्गों का भी आशीर्वाद अवश्य लें, इससे आपके जीवन में आने वाले कष्ट व्याधि स्वयं ही दूर होने लगते हैं, तथा मून रत्न (moon stone ka prabhav) भी अपना प्रभाव अति शीघ्र दिखाना शुरू कर देता है।
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