नीलम रत्न किसे धारण करना चाहिए –
Neelam Ratna Kise Dharan Karna
Chahiye
नीलम रत्न किसे धारण करना चाहिए -आज का हमारा विषय हैl नमस्कार मित्रों जय बालाजी आज हम जानेंगे कि किन लोगों को यह नीलम रत्न धारण करना चाहिए।
नीलम रत्न एक बहुत ही मूल्यवान रत्न है, जो बहुत ही चमकदार होता है, इसका वर्ण नीला होता है, जब चंद्र या सूर्य की किरने इस पर पड़ती है, तो आपको एक अद्वितीय रोशनी दिखाई पड़ती हैl नीलम रत्न के और भी कई प्रकार होते हैं, जैसे- सतरंगी नीलम ,तारा नीलम, गुलाबी नीलम ,पद्परदशा नीलम (neelam pathar kise dharan karna chahiye) यह कुछ किस्में है, नीलम की जो विभिन्न जगहों पर पाई जाती है, तथा यह सारी नीलम बहुत ही दुर्लभ हैl हर जगह मिलना इनका असंभव है, जैसे -सतरंगी नीलम मुख्यत थाईलैंड , तंजानिया आदि देशों में पाया जाता हैl पद्परदशा नीलम इसका रंग मुख्यता गुलाबी या नारंगी होता है, तथा बाजारों में उपलब्ध नीली नीलम के मुकाबले इसका मूल्य कई गुना अधिक होता है, वैसे तो यह एक दुर्लभ नीलम है, और बहुत कम जगहों पर इसके खान उपलब्ध है, फिर भी विशिष्ट प्रकार के नमूने श्रीलंका, वियतनाम ,पूर्वी अफ्रीका काफी विश्व प्रसिद्ध है, इनका श्रेष्ठता में कोई जोड़ नहीं है।
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नीलम तारा इससे ऐसा प्रकाश निकलता है, मानो सारे उत्तरीत प्रकाश एक तारे का निर्माण कर रहे हो, इन सभी नीलम (neelam pathar kise pahanna chahiye) रत्नों का मूल्य बहुत अधिक होता है, क्योंकि यह सारे दुर्लभ रत्न है, जो विश्व के किसी खास खास जगहों पर ही पाए जाते हैंl भारत के जम्मू कश्मीर के खानों में बहुत ही दुर्लभ नीलम रत्न पाए जाते हैं, किंतु इनका मिलना किसी सौभाग्य से कम नहीं है, इसलिए लोगों के द्वारा श्रीलंका के सुप्रसिद्ध नीलम रत्न का उपयोग किया जाता हैl शनि ग्रह वैसे तो संतुलित स्थापित करने वाला ग्रह समझा जाता है, किंतु कभी-कभी यदि किसी के ऊपर इस की कुदृष्टि पड़ जाती है, तो उसका जीवन बहुत ही दयनीय स्थिति में पहुंच जाता है, ऐसे में यदि नीलम रत्न धारण किया जाता है, तो उसकी परिस्थिति में सुधार देखने को मिलते हैं।
नीलम रत्न (neelam ratna kise pahanna chahiye) धारण करने से लोगों में मानसिक अवसाद बहुत हद तक कम जाता है, तथा मन में शांति का आभास होता हैl नीलम रत्न बहुत तीव्र गति से प्रभाव दिखाता है, इसलिए यदि जातक को यह अनुकूल परिणाम देता है, तो उसके व्यक्तित्व में बहुत से सकारात्मक एवं विशिष्ट प्रकार के बदलाव देखने को मिलने लगते हैं lउसमें धैर्य शक्ति विद्यमान हो जाती है, इसमें विभिन्न प्रकार के कौशलों का निर्माण होता है, कठिन से कठिन परिस्थिति में भी वह सही निर्णय लेने की क्षमता रखता है, उसके जीवन में किसी भी सुख सुविधा की कमी नहीं रहती है lउसका जीवन खुशियों से भरा हुआ रहता है, उसके चेहरे पर अजीब सा चमक रहता है, जो उसके व्यक्तित्व को और भी निखारता है।
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नीलम रत्न (neelam ratna dharan karne se kya hota hai) एक त्वरित गति से फल देने वाला रत्न है, चाहे वह वह फल शुभ हो या अशुभ हो। अतः नीलम रत्न का उपयोग बहुत ही विद्वान ज्योतिष के सलाह पर ही धारण करें, अन्यथा नीलम रत्न यदि किसी को फर्श से अर्श पर चढ़ सकता है तो राजा से रंग भी बना सकता है।
नीलम रत्न (neelam ratna kaun dharan kar sakta hai) को शनि ग्रह के द्वारा दिए जा रहे विभिन्न प्रकार के कष्टों को कम करने के लिए धारण किया जाता है, तथा जीवन के विभिन्न आयामों पर सफलता प्राप्त करने में भी नीलम रत्न मदद करता हैl नीलम रत्न को पहनने के लिए कुंडली में किन-किन योगो का होना आवश्यक है, आइए जानते हैं-
1. शनि ग्रह मुख्यत कुंभ तथा मकर राशि के शुभ भाव में स्थित हो तो हैl इन दोनों राशियों पर उसकी कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहती है, इसलिए इन दो राशियों के लोगों के द्वारा यदि नीलम रत्न (neelam ratna kaun pahan sakta hai) धारण किया जाता है, तो उन्हें अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं।
2. यदि किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती चल रही हो और उसकी जीवन में बहुत ही कष्ट सो रहा हो तो उसके द्वारा नीलम रत्न पहनने से उसकी स्थिति में सुधार होता है।
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3. शनि की अंतर्दशा यदि किसी व्यक्ति की चल रही हो एवं मानसिक कष्टों तथा शारीरिक कष्टों से उसका जीवन बर्बाद हो चुका है, ऐसे में उसे नीलम रत्न (neelam ratna pahanne ke fayde) धारण अवश्य करना चाहिए, इससे उसे अप्रतिम रूप से लाभ मिलेगा स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां समाप्त होंगी।
4. यदि जन्म कुंडली के चतुर्थ, दशम और ग्यारहवें भाव में शनि देव स्थित है, तो ऐसी परिस्थिति में नीलम रत्न को चांदी में पिरो कर धारण किया जा सकता है।
5. यदि किसी की कुंडली में मजबूत ग्रह के साथ शुभ स्थान में शनि ग्रह बैठा हो अथवा जन्म कुंडली में शनि यदि बली होता हैl उस परिस्थिति में नीलम रत्न (neelam ratna dharan karne ke fayde) धारण करने से आपको विशिष्ट प्रकार के लाभ मिलते हैं।
6. यदि जातक की कुंडली में शनि यदि अपने भाव के आठवें स्थान पर स्थित हो तो ऐसी परिस्थिति में नीलम रत्न को धारण किया जा सकता है, जिससे आपको अच्छे परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे।
7. ज्योतिष विज्ञान के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में शनि की ढईया चल रही हो , शनि ग्रह नीच भाव में हो अथवा इसकी दशा वक्री हो तो ऐसे में जातक को विभिन्न जटिल एवं कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है, ऐसी परिस्थिति में नीलम रत्न (neelam ratna ke fayde) यदि धारण किया जाए, तो यह रत्न उसके जीवन में डूबते हुए तिनके के सहारे के समान कार्य करेगा।
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8. कुछ निम्नलिखित राशि के जातक नीलम रत्न को धारण कर सकते हैं, जैसे -मिथुन राशि ,कन्या राशि, मकर राशि, कुंभ राशि ,तुला राशि आदि क्योंकि इन राशियों के स्वामी के साथ शनि ग्रह का मित्रता का भाव होता है, ऐसे में इनकी द्वारा यदि नीलम रत्न (neelam ratna ki jankari) धारण किया जाता है, तो उनकी किस्मत बदल जाती है, वह लोग अपने कौशल छमता के दम पर आसमान की बुलंदियों को छू लेने सक्षम हो पाते हैं, तथा इनका आभा मंडल बहुत ही मजबूत एवं प्रभावशाली होता हैl समाज में इन लोगों को बहुत ऊंचा पद प्रतिष्ठा प्राप्त होता है।
9. जातक की राशि यदि मेष राशि है, और शनि ग्रह उसमें किसी मजबूत स्थिति में है, तो उसके द्वारा नीलम रत्न धारण किया जा सकता है।
10. किसी जातक की कुंडली में यदि शनि अपने भाव से छठे या आठवें स्थान पर स्थित होता है, तो ऐसी परिस्थिति में नीलम रत्न (neelam ratna ke labh) अवश्य धारण करना चाहिए, इससे आपको बहुत से लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
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