नीलम स्टोन की पहचान इन हिंदी – Neelam Stone Ki Pahchan in Hindi

नीलम स्टोन की पहचान इन हिंदी – Neelam Stone Ki Pahchan in Hindi

 

नीलम स्टोन की पहचान इन हिंदी – Neelam

 Stone Ki Pahchan in Hindi

नीलम स्टोन की पहचान इन हिंदी आज हम इस स्टोन को कैसे पहचाने जानने का प्रयास इस लेख के माध्यम से करेंगे।

नीलम स्टोन (neelam stone ki pehchan kaise kare) जिसकी शोभा एवं आकर्षण अतुलनीय है lइसके नीले वर्ण के समक्ष सारे रत्न फीके पड़ जाते हैंl इसका वर्ण बिल्कुल अपराजिता पुष्प के रंग के समान नीला होता है, तथा नीलकंठ के पंखों के रंग के समान नीला होता है lमोर के गर्दन के रंग के समान इसका वर्ण नीला होता हैl नीलम स्टोन का संबंध शनि ग्रह से होता है l इस स्टोन में शनि ग्रह से संबंधित बहुत से अतुलनीय एवं गुप्त शक्तियां विद्यमान रहती है, ऐसा माना जाता है, कि किसी प्रकार की भी परेशानी यदि जातक को शनि ग्रह के द्वारा दी जा रही है, तो ऐसी परिस्थिति में यह किसी वरदान से कम कार्य नहीं करता है।

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नीलम स्टोन (neelam stone ki pehchan kay hai) शनि ग्रह के विभिन्न ऊर्जा ओं को अवशोषित करने की अद्भुत क्षमता रखता है, तथा हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर सकारात्मक एवं अच्छे बदलाव लाने की अद्भुत कला में विद्यमान होती है, जिससे हमारा जीवन सुगम एवं सफल हो जाता है, बहुत से लोगों को ऐसा लगता है, कि नीलम केवल नीले रंग का होता है, किंतु यह केवल भ्रम है, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि नीलम के और भी दुर्लभ किस्में पृथ्वी पर पाई जाती है, जिन का रंग नीला पीला गुलाबी नारंगी सतरंगी तारांकित नीलम आदि कुछ भी हो सकता है।

नीलम रत्न (neelam stone ki pehchan) के और भी रंग होने के कारण उसमें मौजूद विभिन्न प्रकार की अशुद्धियां होती है, जिसकी वजह से उसके रंग अलग-अलग हमें प्राप्त होता है, किंतु विश्व के सुदूर एवं दुर्गम इलाकों में यह सारी किस में उपलब्ध होती है, जिन्हें प्राप्त करना इतना आसान काम नहीं है, लोगों के द्वारा जान की बाजी लगाने के पश्चात यह दुर्लभ स्टोन प्राप्त किया जाता है, कई बार तो लोगों को इसे प्राप्त करने के क्रम में अपनी जान भी गवाने पढ़ते हैं, किंतु यह रत्न होता है, इतना मनभावन लुभावना होता है, कि लोग इसके पीछे खींचे चले जाते हैं, इसका मूल्य इतना अधिक है, यह इतना मूल्यवान है, कि किसी को भी रंग से राजा बनाने की क्षमता रखता है, इसी वजह से लोग इसे पाने के लिए आतुर रहते हैं।

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पूरे विश्व में सबसे अधिक नीले वर्ण के नीलम स्टोन (neelam stone ko kaise pahchane) भारत में ही पाए जाते हैं अधिक नीला होने की वजह से इनका मूल्य भी बहुत अधिक होता है तथा आमजन के बहुत से कोसों दूर होता है किसी भी आम व्यक्ति की इतनी हिम्मत नहीं होती कि इस महंगे स्टोन को खरीद सके क्योंकि यह विश्व प्रसिद्ध नीलम स्टोन की खान जो पाडर पहाड़ियों में स्थित है, बहुत मुश्किल से प्राप्त होता है, जिसकी वजह से इसका मूल्य और भी बढ़ जाता है, पाउडर खजाने लद्दाख एवं कश्मीर के बीच स्थित है तथा यह दुर्गम रास्तों से होकर पहुंचा जाता है, लोग जान की बाजी लगाकर यहां से नीलम रत्न को प्राप्त करते हैं ओडिशा के गंजाम जिले की गोदावरी और महानदी नदियों के बीच की घाटी में भी नीलम पत्थर पाए जाते हैं।

विश्व मैं श्रीलंका के नीलम पत्थर भी बहुत मशहूर है, और भी बहुत सी जगह है, जहां पर नीलम पत्थर पाए जाते हैं, तंजानिया ,मेडागास्कर, म्यानमार, अफगानिस्तान, पाकिस्तान ,रोमानिया, उत्तरी अमेरिका जैसे देशों में भी इसके खान उपलब्ध हैl इसके अद्वितीय गुणों के वजह से इसका मूल्य बहुत अधिक होता है, इसलिए बहुत से लोगों के द्वारा नीलम स्टोन के उपरत्न धारण किए जाते हैं, जो निम्न प्रकार से हैं -नीली, लाजवर्त, फिरोजा कटीला, जमुनिया आदि। नीलम स्टोन (neelam stone ke fayde) के उपरत्न होते हैं lसभी रत्नों में से फिरोजा स्टोन को सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि जहां नीलम स्टोन गर्म प्रवृत्ति का माना जाता है, वही फिरोजा स्टोन ठंडी प्रवृति का होता है, तथा यह हमें हर परिस्थिति में शांत रखता है और धैर्य प्रदान करता है।

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नीलम स्टोन (neelam stone pahnne ke fayde) को पहचानने के विभिन्न पैमाने हैं, जिसको जांचने परखने के पश्चात हम यह जान सकते हैं, कि हमारे द्वारा खरीदा जा रहा स्टोन असली है या नकली है, क्योंकि आजकल बाजारों में बहुत से कृतिम नीलम रत्न बिकने लगे हैं, जो हूबहू असली या प्राकृतिक नीलम रत्न के समान दिखते हैं, किंतु जो शक्तियां प्राकृतिक नीलम स्टोन में विद्यमान होती हैl वह शक्तियां कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम स्टोन में नहीं होती है, जिसकी वजह से यदि किसी जातक के द्वारा इसे धारण किया जाता है, तो उसे वह लाभ प्राप्त नहीं होता है, जो उसे प्राप्त होने चाहिएl अतः निम्नलिखित पैमानों को जांचने के बाद ही नीलम स्टोन को आप खरीदें-

1. नीलम स्टोन (neelam stone dharan karne ke fayde) का घनत्व बहुत अधिक होता है। प्राकृतिक रूप से उपलब्ध या प्राप्त नीलम की घनत्व क्षमता अधिक होगी lकृतिम नीलम से यदि आप दोनों के वजन में तुलना करेंगे तो आप पाएंगे कि कृतिम नीलम भले ही देखने में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध नीलम की तुलना में अधिक बड़ा दिखे किंतु, जब आप दोनों का वजन करेंगे, तब आपको पता चलेगा कि जो नीलम हमें प्राकृतिक रूप से प्राप्त होता है, उसका वजन अधिक होता है, कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम से।

2. उत्कृष्ट नीलम को जब हम दूध में डालते हैं, तब दूध का रंग नीला पड़ने लगता है, जबकि प्राकृतिक रूप से नीलम स्टोन (neelam stone ki jankari) के द्वारा ऐसा परिवर्तन संभव नहीं हैl यह एक महत्वपूर्ण पहचान है, प्राकृतिक रूप से उपलब्ध नीलम के बीच तथा कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम के बीच।

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3. प्राकृतिक रूप से उपलब्ध नीलम ने विभिन्न प्रकार की आकृतियां रेखाएं बिंदु जाले आदि मौजूद रहेंगे या कभी भी पूरी तरह से पारदर्शी नहीं होता है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न पूरी तरह से प्रदर्शित होता है, तथा उसमें प्राकृतिक रूप से मौजूद रेखाएं और आकृति आदि नहीं रहता है।

4. उत्कृष्ट रया सर्वोत्तम नीलम रत्न (neelam stone ki pahchan kya hoti hai) की यही पहचान होती है, कि उसमें चुंबकीय तत्व मौजूद होते हैं, जिससे वह आस-पास के छोटे से छोटे तिनके को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है, जबकि इस प्रकार की शक्ति कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम स्टोन में नदारद रहती है।

5. उत्कृष्ट नीलम स्टोन (neelam stone kaisa hota hai) की यह भी एक पहचान है, कि यदि उसे सूर्य की रोशनी अथवा चंद्र की रोशनी में रखा जाए तो उससे एक समान रोशनी उत्सर्जित होती है, जो बहुत ही मनमोहक होती है, जबकि नकली स्टोन के साथ ऐसा कुछ भी प्रतीत नहीं होता है।

6. असली नीलम स्टोन गर्म प्रवृत्ति का होता है lअतः जब आप इसे रख लेंगे तब आपको इससे उस्मा उत्सर्जित होते हुए महसूस होगा जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम में यह गुण मौजूद नहीं रहता है।

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