कमलगट्टे के टोटके :- Kamal Gatte ke Totke
कमलगट्टे के टोटके- विभिन्न प्रकार की वस्तुओं में से माता नारायणी को कमलगट्टे अति प्रिय होता है, माताशुचि, स्वाहा, स्वधा, सुधा, धन्या, हिरण्यमयी, कमला, बुद्धि, अमृता, रमा, मंगला, विष्णुपत्नी, समुद्र तनया, देवी, वसुप्रदा, श्री, चंचला, पुलोमा आदि जैसे नामों से विष्णु प्रिया को अलंकृत किया जाता है, जिनके बिना सारा संसार अपने अस्तित्व को खो बैठेगा संपूर्ण संसार माता लक्ष्मी के अभाव में अर्थहीन दिशा में विलीन होने लगेगा।
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ऐसी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए प्रकृति ने कुछ ऐसी चीजें प्रदान की है, जिनका प्रयोग कर हम माता के आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैंl माता के वात्सल्य को, माता के शुद्ध प्रेम की अनुभूतियों को प्राप्त कर सकते हैं। कमल गट्टा (kamal gatte ke upay) एक प्रकार का कमल का ही अंग होता है, जिसे कमल का बीज कहा जाता है, इसका प्रयोग कर विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को प्राप्त किया जा सकता हैl पुराणों में तथा धर्म शास्त्रों में माता लक्ष्मी को बहुत ही महत्वपूर्ण रूप से प्रतिष्ठित किया गया हैl माता संपूर्ण जग के पालनहार है l
उनके बिना किसी को अन्न का दाना नसीब नहीं हो सकता है, उनका स्वरूप अन्नपूर्णा का सभी जीवो का भरण पोषण करती है, यदि माता रुष्ट हो जाए तो लोग भोजन के एक दाने के लिए भी तरस जाएंगेl स्वयं श्री हरि नारायण भी इनके समक्ष नतमस्तक होते हैंl माता स्वयं श्री हरि विष्णु (kamal gatte ke fayde) के वक्षस्थल पर निवास करती है, जगत पिता जगदीश्वर के हृदय में निवास करने वाली माता ही सभी सुखों का कारक मानी जाती हैl इनके विभिन्न स्वरूप है, तथा हर एक स्वरूप की अपनी एक महिमा है, किंतु पदमा देवी को धन की देवी माना जाता है।
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माता सभी जीवो को सभी भौतिक सुख संसाधन एवं सभी सांसारिक सुखों को प्रदान करती है, जो भी उन्हें करुण पुकार से बुलाता है,मां तो मां है, वह दौड़ी चली आती हैl किंतु कभी-कभी भाग्य का दोष कहे या नक्षत्रों का खेल कहे या ग्रहों की चाल कहे यह सभी चीजें पृथ्वी पर जन्म लेने वाले सभी जीवो को प्रभावित करते हैं,इसके साथ-साथ अचल चीजें भी इससे बहुत अधिक प्रभावित होती हैंl कई जीवों की परिस्थिति में निकृष्टता लाने के लिए इनकी भी इन ग्रहों नक्षत्रों का ही योगदान माना जाता है, तथा कभी-कभी यह व्यक्ति को ऐसी जगह पर लाकर खड़ा कर देते हैं।
जहां तक पहुंचने की सपना उसने कभी भी नहीं देखा हो उसके मन में कभी भी यह लोग नहीं रहा कि वह उस उत्कृष्ट स्थिति तक आ जाए किंतु माता जिस पर अपनी कृपा बरसा देl उसके जीवन में कभी किसी भी चीज की कमी नहीं रहती हैl समस्त सुख ,वैभव ,संपन्नता, अर्थ काम ऐश्वर्य प्रदान करती हैl जिन पर इनकी कृपा दृष्टि हो जाती हैl आज हम इस लेख के माध्यम से माता की कृपा प्राप्त करने की युति बताने जा रहे हैं-
1. जिन जातकों के जीवन में माता लक्ष्मी की कृपा का अभाव है, अर्थात उनका जीवन दुख- दरिद्रता जैसी नकारात्मक वस्तुओं की चपेट में अधिक रहता है,कर्ज सदा सिर पर बोझ बनकर बैठा रहता है, उन्हें विभिन्न प्रकार की सांसारिक वस्तुओं का ध्यान होते हुए धीरे अभाव सूचक स्थिति में स्वयं को पाते देखते हैंl परिश्रम के अनुसार उन्हें कुछ भी वैसा प्राप्त नहीं होता, जिससे उनकी भाग्य के प्रविष्टि के सभी द्वार खुल जाए उनके घर आंगन में माता लक्ष्मी की प्रविष्टि के लिए सभी दरवाजे खुल जाए इस प्रकार की रोचक एवं शुभ घड़ी कभी भी उनके जीवन में नहीं आती है, उनके गुण, उनके कौशल उनका प्रतिभा धड़ा का धरा रह जाता है,किंतु फिर भी उन्हें किसी भी तरह की प्रसिद्धि या उपलब्धि हासिल नहीं हो पाती है lकार्य तो करते हैं किंतु उन्हें प्रारब्ध का साथ नहीं मिलता है।
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ऐसे लोगों के लिए भाग्य के सभी द्वार खोलने की क्षमता इस कमलगट्टे (kamal gatte ke labh) में होती हैl आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि कैसे किसी के भाग्य में परिवर्तन किया जा सकता है, तथा किसी के पुरुषार्थ का सार्थक फल उसे कैसे इस दिव्य बीज का प्रयोग कर प्राप्त किया जा सकता है? आइए जानते हैं-
2. इस उपाय को करने के लिए सबसे पहले आपको शुभ दिनों का चयन करना होगा एवं शुभ मुहूर्त का चयन आपको करने की आवश्यकता पड़ेगी, इससे आप के द्वारा किए जाने वाले कार्य की सार्थक परिणाम मिलने की संभावना बढ़ जाती हैl यह उपाय आप दिवाली, नवमी ,अक्षय तृतीया या धनतेरस के दिन कर सकते हैंl उस दिन आप सबसे पहले स्नान आदि से निवृत हो जाए उसके बाद कमलगट्टे (kamal gatte ke upyog) की 108 बीज को ध्यान रहे इन बीजों में किसी भी तरह की त्रुटि ना हो उसके बाद गंगाजल से इन्हें धो लें धूलने के बाद आपको माता लक्ष्मी के प्रतिकृति के समक्ष शुद्ध देसी गाय का घी का दीपक जलाएंl
उसके बाद लॉन्ग की 21 फूल वाली कलियां ले तथा ब्रास के साथ उन्हें किसी पात्र में एक साथ जला दें, माता लक्ष्मी के लिए गाय का शुद्ध दूध के साथ खीर बनाएं तथा उसमें ढेला मिश्री से मीठा करने के लिए डालें जिसे आपको एक छोटे से पात्र में निकालकर माता के समक्ष रखना है, तथा उसमें तुलसी के पत्ते भी डालें, उसके बाद श्री गणेश जी के मंत्रों का जाप भी आप कर सकते हैं, या केवल उन्हें ध्यान कर उनसे अपने कार्य में सफलता की कामना करते हुए उनका आशीर्वाद एवं उनसे सुरक्षा की प्रार्थना करें उसके बाद आपको लाल आसन बिछाकर पहले 10 मिनट तक कम से कम लक्ष्मी मुद्रा का अभ्यास करना है।
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उसके बाद जब आप का चित पूर्ण रूप से शांत हो जाए,मन में भाव की झरिया कम हो जाए तब आपको माता लक्ष्मी के स्रोत का पाठ कम से कम 11 बार करना है,उसके बाद जिन कमलगट्टे को आपने धूल कर रखा है,उन्हें आपको अग्नि जोकि शुद्ध घी एवं ब्रास एवं आम की लकड़ी तथा धूवन एवं गूगल से प्रज्वलित होनी चाहिएl उसमें माता लक्ष्मी का विशिष्ट मंत्र जो कि निम्नलिखित हैl उसे पढ़ते हुए उस अग्नि में आपको कमलगट्टे को डालना हैl इस क्रिया को 108 बार करनी है अर्थात जितनी बार आप मंत्र पड़ेंगे उतना ही कमलगट्टे (kamal gatte ke upyog kaise karen) की आहुति आपको देनी है l
उसके बाद माता से अपनी दुख दरिद्रता को समाप्त करने की कामना करते हुए माता से आशीर्वाद ग्रहण करें भोग के रूप में माता लक्ष्मी को चढ़ाई गई खीर को प्रसाद के रूप में स्वयं भी ग्रहण करें तथा अपने परिवार के सदस्यों को भी इसे खिलाएl ध्यान रहे कि यह प्रसाद केवल आपके अपने परिवार के लोग ही ग्रहण कर सकते हैं, किसी बाहरी सदस्य को इसे नहीं देना है lउसके बाद आप दूसरे दिन किसी जरूरतमंद को कुछ भी मीठा अवश्य दान में दे या फिर दूध से बनी हुई खीर या सफेद मिठाईयां भी दान कर सकते हैं l
यज्ञ में दी हुई आहुति से संबंधित चीजों को यथाशीघ्र किसी भी जलाशय में आप प्रवाहित कर दें आप इस विधि को करेंगे तब आप देखेंगे कि जीवन से आपके दुख दरिद्रता का नाश हो रहा हैl कई प्रकार की चीजों से जीवन परिपूर्ण होने लगा है, जब कभी भी ऐसा आपको लगे कि आपके जीवन में कोई बहुत बड़ी परेशानी है,जिसे आप चाह कर भी समाप्त नहीं कर पा रहे हैं या धन की समस्या उत्पन्न हो रही हैl तो ऐसी स्थिति में आप इस प्रयोग को अवश्य करें ध्यान रहे इस प्रयोग को करने का समय सबसे उत्कृष्ट ब्रह्म मुहूर्त में माना जाता है, क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त में सबसे अधिक सकारात्मक ऊर्जाए सक्रिय रहती हैंl ऐसे में माता लक्ष्मी सुबह-सुबह ही विचरण करती है, इसलिए माता के समक्ष अपनी झोली फैला कर उक्त शुभ मुहूर्त पर रहने से माता हर किसी को कृतार्थ करती हैं, हर किसी को धन-धान्य से संपूर्ण बनाती हैंl
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