माणिक रत्न को शुद्ध कैसे करें – Manik
Ratna Ko Shudhh Kaise Karen
रत्न जब हमें प्राप्त होता है, तो उसमें बहुत सी विशुद्धया मौजूद रहती है। विभिन्न प्रकार की अभिक्रियाओं के द्वारा हमें एक सुंदर ,चमकदार ,आकर्षक रत्न प्राप्त होता हैl रत्न मुख्यत: विभिन्न प्रकार के चट्टानों के रूपांतरण से हमें प्राप्त होता है। कभी-कभी ज्वालामुखी की दरारों से भी हमें विभिन्न प्रकार के रत्न प्राप्त होते हैं। माणिक रत्न का रंग गुलाबी होता है, बिल्कुल गुलाब के पुष्प के रंग के समान माणिक रत्न का रंग गुलाबी होता है, बिल्कुल कमल के पुष्प के समान गुलाबी। विश्व के विभिन्न देशों में माणिक रत्न (manik ratna ki jankari) के खदान अवस्थित है, किंतु सबसे अधिक उत्कृष्ट गुणवत्ता वाला माणिक रत्न म्यानमार से हमें प्राप्त होता है। विश्व के और भी कई ऐसे देश हैं, जहां से अच्छे गुणवत्ता वाले माणिक रत्न में पाए जाते हैं, जैसे- श्रीलंका, काबुल ,अफ्रीका-भारत आदि भारत के उत्तर दिशा में स्थित हिमालय पर्वत की चट्टानों से विभिन्न प्रकार के रत्न हमें प्राप्त होते हैं, तथा दक्षिण भारत में भी माणिक रत्न के खदान अवस्थित है lजहां से हमें उच्चतम गुणवत्ता वाले माणिक रत्न प्राप्त होते हैं।
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माणिक रत्न धारण करने से लोगों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होता है-
1.माणिक रत्न धारण करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
2. को धारण करने से जातक के संबंध शुद्ध करते हैं, उसके संचार तंत्र मजबूत होते हैं, जिसकी वजह से उसका बहुत से लोगों से अच्छा संपर्क रहता है, तथा समय-समय पर यह लोग उस व्यक्ति का साथ भी बहुत देते हैं।
3.माणिक रत्न (manik ratna kaise shuddh hota hai) धारण करने से लोग साहसी निडर एवं महत्वकांक्षी होते हैं, तथा वे निर्भीक होकर हर कार्य करते हैं।
4. माणिक रत्न को धारण करने से जातक के जो भी वैचारिक मतभेद अपने पिताजी से चल रहे थे, वे सभी चीजें धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है, तथा व्यक्ति का संबंध उसके पिताजी के साथ सुधरने लगता है।
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5. माणिक रत्न (manik ratna kaise shudh karen) को धारण करने से सरकारी नौकरी संबंधित परेशानियां दूर होती है, तथा जिस भी जातक के द्वारा सरकारी नौकरी संबंधित प्रतिस्पर्धा में असफलता का ही मुंह देखना पड़ रहा है, ऐसी स्थिति में यदि माणिक रत्न धारण करना जाए तो उनके सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
6. माणिक रत्न (manik ratna dharan karne se kya hota hai) को प्रशासनिक विभाग में एक ऊंचा पद प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए भी धारण किया जाता है, बहुत से लोगों के द्वारा राजनीति में एक ऊंचा पद तक पहुंचने के लिए भी माणिक रत्न का लोग उपयोग करते हैं, तथा प्रभावशाली व्यक्तित्व की प्राप्ति के लिए भी बहुत से लोगों के द्वारा माणिक रत्न को धारण किया जाता है।
7. माणिक रत्न को धारण करने से नेत्र संबंधित परेशानियां भी दूर होती है।
8. माणिक रत्न को धारण करने से व्यक्ति शौर्यवान, तेजस्वी एवं यशस्वी बनता है।
9. माणिक रत्न (manik ratna dharan karne ke fayde) को धारण करने से सूर्य ग्रह की कृपा प्राप्त होती है, जातक के मनवांछित विभिन्न कार्य भी संपन्न होते हैं।
10.माणिक रत्न धारण करने से त्वचा संबंधित रोग भी दूर होते हैं।
11. बहुत ऐसे जातक होते हैं, जिनके जीवन में अजीविका संबंधित परेशानियां उनका पीछा नहीं छोड़ती है, या नौकरी पेशा व्यापार संबंधित चीजों में लाख कोशिश के बाद भी कोई अच्छा परिणाम नहीं होता है, जिससे उनकी स्थिति खराब रहती हैl आर्थिक तंगी छाई रहती है। माणिक रत्न को धारण करने से जीवन से रोजगार संबंधित परेशानियां दूर होती है, तथा जातक जिस भी क्षेत्र में रहता हैl उसमें वह अपना एक मकाम हासिल करता है lइसके साथ-साथ उसे विभिन्न प्रकार से सफलता भी प्राप्त होती है, तथा उसके जीवन पर माणिक रत्न (manik ratna pahanne ke fayde) अनुकूल प्रभाव दिखाता है।
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कोई भी पत्थर तभी अपना प्रभाव दिखाता है, जब वह पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से निर्मित हो। प्राकृतिक रूप से निर्मित माणिक रत्न का रंग गुलाबी होता है तथा सूर्य की किरणें जब इसके ऊपर पड़ती है, तब इससे गुलाबी रंग का प्रकाश उत्सर्जित होता हुआ दिखाई पड़ता है। ऐसा माना जाता है, कि प्राकृतिक रूप से निर्मित माणिक रत्न (manik ratna pahanne ke fayde) को यदि कमल पुष्प के कलियों के पास रखा जाए तो कलियां खिल जाती है, एवं वह कमल पुष्प का आकार ले लेती है। असली माणिक रत्न ठंडी प्रवृति का होता है, जिसकी वजह से जब आप इसे अपने त्वचा से इससे रगड़ेंगे तो आप को ठंडक का अहसास होगाl प्राकृतिक रूप से निर्मित माणिक रत्न को जब गाय के शुद्ध दूध में रखा जाता है, तो यह उसका रंग परिवर्तित कर देता है lउसका रंग गुलाबी रंग का हो जाता है, तथा जाति से आप निकालेंगे तो यह देखने में और अधिक सुंदर आकर्षक दिखाई पड़ता है,cजबकि कृत्रिम रूप से निर्मित माणिक रत्न में यह सारे गुण नहीं रहते हैं।
माणिक रत्न का संयोजक अल्मुनियम ऑक्साइड लौह तत्व तथा क्रोमियम जैसे तत्व होते हैं, जिसकी वजह से इसका रंग गुलाबी या रक्त के सामान लाल होता है।
माणिक रत्न (manik ratna ke fayde) को आप निम्नलिखित तरीके से शुद्ध कर सकते हैं, तथा इसके सर्वोत्तम विशिष्ट भौतिक गुणों का लाभ उठा सकते हैं-
माणिक रत्न को शुद्ध करने के लिए सबसे पहले उसे गाय के शुद्ध दूध से धुलेl उसके बाद उसे पंचतत्व जैसे- गाय के दूध से जमा हुआ दही ,शहद, गाय का शुद्ध देसी घी, तुलसी के दो तीन पत्ते मिश्री के ढेले एवं गाय का कच्चा दूध इन सभी चीजों के मिश्रण से निर्मित पंचतत्व में माणिक रत्न को कुछ देर के लिए डालकर छोड़ दें।
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उसके पश्चात उसे निकालकर गंगाजल से उसे धुले फिर किसी साफ कपड़े से पूछ कर एक स्वच्छ कपड़े के ऊपर रखें तथा इस बात का ध्यान रखें कि रत्न जो है, बहुत सी चीजों को अवशोषित कर सकता है। अच्छी चीजों को भी और नकारात्मक चीजों को भी इसलिए जिस भी कपड़े के ऊपर आपने इसे रखा है। उसके ऊपर असली कपूर या फिर ब्रास के साथ इसको कुछ देर के लिए बांधकर छोड़ दें। इससे माणिक रत्न (manik ratna ke labh) के अंदर जितनी भी नकारात्मक अवशोषित उर्जा है, वह समाप्त हो जाएगी तथा माणिक रत्न के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह शुरू होने लगेगा। यह एक सकारात्मक ऊर्जा का पुंज में परिवर्तित होने लगेगा
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