पन्ना रत्न धारण करने का तरीका – Panna
Ratna Dharan Karne Ka Tarika
पन्ना रत्न धारण करने का तरीका यदि हमें मालूम हो जाए तो इसके लाभो को हम अधिक पा सकते हैं, इसके सकारात्मक परिणाम हमें और भी विस्तृत स्तर पर प्राप्त होगा।
पन्ना (panna dharan karne ka samay) हरित वर्ण का एक रत्न है, जो हमारे बुद्धि से संबंधित विचारों से संबंधित ग्रह बुद्ध ग्रह को समर्पित है। इसका रंग हल्का हरा या गहरा हरा या हरे रंग के विभिन्न ग्राफिक्स के रंगों का हो सकता हैl बुद्ध ग्रह को एक बच्चे की समान माना जाता है, जिसकी क्रिया कलाप को देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। यह बेरील खनिज का रुपांतरित स्वरुप होता है।
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पन्ना रत्न यदि प्राकृतिक रुप से उपलब्ध हो तभी हमें धारण करना चाहिए, क्योंकि हमें तभी बहुत लाभ प्राप्त होगा और यदि हम कृतिम रुप से निर्मित नीलम पन्ना रत्न धारण करेंगे तो हमें वैसे परिणाम नहीं मिलेंगे जैसे हमें मिलना चाहिए या जिस विशिष्ट कार्य की पूर्ति होने के लिए हमने उसे धारण किया है। वह पूर्ण नहीं होगा। पन्ना रत्न (panna ratna dharan karne ki vidhi) खरीदने के पूर्व कुछ जांच अवश्य कर ले। विभिन्न मापदंडो को जांच के पश्चात ही इसे धारण किया जा सकता है, जो कि इस प्रकार है- वर्ण, आकार, घनत्व आदि।
प्राकृतिक रुप से उपलब्धि पर रत्न को यदि आप अपने शरीर के किसी भी इसे पर रखेंगे तो आपको ठंडक का आभास होगा यही यदि कृतिम रुप से निर्मित पन्ना रत्न हुआ तो ऐसा कुछ नहीं होगा, जब आप उत्तम गुणवत्ता वाले पन्ना रत्न (panna dharan karne ki vidhi) को सूर्य की रोशनी अथवा चांद की रोशनी या किसी भी प्रकार की रौशनी में रखेंगे तो आप पाएंगे कि उसे हरे रंग की रौशनी निकल रही है, किंतु यदि यह नकली पन्ना रत्न हुआ तो ऐसी परिस्थिति मे इंद्रधनुष के रंगों वाली प्रदीप्ति निकलती हुई प्रतित होगी ऐसा तो सभी जानते हैं, कि बेरील खनिज का हीं रुपांतरण होकर पन्ना रत्न की प्राप्ति होती है, किंतु यदि बेरील खनिज तभी पन्ना कहलाएगा जब वह गहरा हरा या नीला हरा दिखाई दे।
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कृतिम रुप से निर्मित रखना रत्न प्रायः कमजोर संयोजन से बनता है, इसी वजह से यह जल्दी ही खराब जाते हैं, तथा जल्दी ही घिस जाते हैं, इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है, कि अगर सतह के किनारे मुलायम एवं घिसे हुए हैं, तो यहां रत्न संभवतह कृतिम रुप से निर्मित हैl इसके विभिन्न परतो की जांच यदि हम करेंगे तो पाएंगे कि जब इसके हिस्से विषम प्रकार के रंगों को यह उस अर्जित कर रहा है, ऐसी परिस्थिति में यह रत्न शुद्ध पन्ना रत्न (panna dharan karne ka tarika) नहीं होगा क्योंकि पन्ना रत्न केवल हरा रंग ही उस अर्जित करेगा, चाहे वह हल्का हरा हो या गहरा हरा हो, पन्ना रत्न वास्तव में बहुत महंगा होता है।
यदि आपको यह सस्ते दामों पर उपलब्ध कराया जा रहा है, तो आप सतर्क हो जाए क्योंकि यह कभी भी पन्ना रत्न (panna ratna kaisa hota hai) नहीं हो सकता हैl इसकी कीमत हमेशा ऊंचे दामों में रहती है, इसे आप जब किसी भी प्रकार से उष्मा प्रदान करेंगे तो यह चटकेगा नहीं, जबकि कृतिम रुप से निर्मित पन्ना रत्न को यदि गर्म किया जाए तो वह कांच के समान पिघलने लगेगा तथा आप उस में विभिन्न प्रकार की चीजों से आकृतियां बना सकते हैं, जबकि प्राकृतिक रुप से उपलब्ध नीलम रत्न में ऐसा कुछ भी नहीं होगा। बहुत से लोगों के द्वारा हल्दी परीक्षण भी किया जाता है।
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ऐसा माना जाता है, कि कच्ची हल्दी यदि पन्ना रत्न पर लगाया जाए तो उस रंग लाल हो जाता है। जबकि कृतिम रुप से उपलब्ध पन्ना रत्न में ऐसा कुछ नहीं होताl हालांकि इस बात की पुष्टि मैं नहीं कर रही हूं कि यह सत्य हो भी सकता है, और नहीं भी हो सकता हैl शुद्ध रुप से प्राप्त नीलम रत्न को यदि लकड़ी के टुकडे के विरुद्ध रगड़ा जाए तो ऐसी परिस्थिति में वह टूटने के बजाय और भी निखर जाएगाl उसका रंग और भी खिलने लगेगा, फिर भी इन और भी विभिन्न प्रकार के मूल्यांकन करने के पश्चात यह सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा लिया जा रहा रत्न पन्ना रत्न (panna stone se kya hota hai) ही हो ना कि कोई कांच का टुकड़ा.
पन्ना रत्न (panna ratna se kya hota hai) किसी जातक की कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत बनाने के लिए धारण किया जाता है lयह रत्न शिक्षा विभाग से संबंधित लोग ,अनुसंधान से संबंधित लोग ,व्यापारी ,हीरो, हीरोइन, डॉक्टर, प्रवचन कर्ता आदि के द्वारा धारण किया जा सकता है। पन्ना रत्न आपके बोलने की कला को प्रभावित करता है। यह आपको अद्वितीय गुण प्रदान करता है, जिससे आपकी वाणी की ओर लोग आकर्षित हो, लोग आपको सुनना पसंद करेंl लोग उसकी ओर आकर्षित होl उसके विचारों को समझे उसे खूब मान सम्मान दें। पन्ना रत्न रिश्तो में भी सानिध्य स्थापित करने के लिए बड़ा ही उपयोगी माना जाता है।
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हमारे घर में बुआ ,बहने ,चाची नानी ,दादी सभी को बुध ग्रह निरूपित करता है, इसलिए यह रत्न धारण करने से हमारे रिश्तेदारों के बीच प्रगाढ़ प्रेम स्थापित होता हैl मेलजोल पढ़ता है, तथा समय पड़ने पर उनका सहयोग भी हमें प्राप्त होता हैl पन्ना रत्न (panna ratna dharan karne ke fayde) धारण करने से एकाग्रता बढ़ती हैl बुद्धि का विकास होता हैl हमारा मन केंद्रित होता है lइसी वजह से विद्यार्थियों के लिए यह रत्न बहुत उपयोगी होता हैl पन्ना रत्न को धारण करने से हमारे अंदर विभिन्न प्रकार के कौशलों का निर्माण होता है lहमारे कार्य करने की शैली में सुधार आता है, तथा सीखने सिखाने की क्षमता में भी वृद्धि होती हैl कला से संबंधित व्यक्तियों के लिए तो यह रत्न बहुत ही चमत्कारिक रूप से अपना प्रभाव दिखाता है, उनके लिए यह रत्न सर्वश्रेष्ठ माना गया हैl उन्हें यह रत्न विभिन्न प्रकार से सफलता प्रदान करता है।
पन्ना रत्न (panna stone dharan karne ka tarika) धारण करने का सबसे विशिष्ट एवं उपयुक्त नक्षत्र जेष्ठ, तथा रेवती नक्षत्र ,असलेसा माना जाता है lइसे बुधवार के दिन धारण किया जाता है lधारण करने से पूर्व पन्ना रत्न को गंगाजल तथा पंचामृत में शुद्धिकरण किया जाता हैl उसके पश्चात बुद्ध ग्रह के विभिन्न मंत्रों से उसे अभीमंत्रीत किया जाता है। तत्पश्चात मंदिर में भगवान की चरणों में रखकर उसे कुछ देर के बाद भगवान का आशीर्वाद लेकर धारण करेंl इसे सुबह 10:00 बजे तक धर्म किया जा सकता हैl इस बात का भी अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि हमारे द्वारा धारण किया जा रहा पन्ना रत्न कम से कम पांच रत्ती का हो, इससे कम ना हो अन्यथा इसके अच्छे परिणाम हमें नहीं प्राप्त होगा। इसे अदाएं हाथ या बाय हाथ की कनिष्ठ उंगली में पहनना चाहिए।
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