पुखराज रत्न कैसा होता है – Pukhraj Ratna Kaise Hota
Hai
पुखराज रत्न कैसा होता है- आज का हमारा विषय है
पुखराज रत्न (Pukhraj ratna dharan karne ke fayde kya hai) जिसे संस्कृत भाषा में पुखराज कह कर संबोधित किया जाता है, तथा अंग्रेजी में इसे येलो सैफायर के नाम से जाना जाता है lयह रत्न मुख्यतः देखने में पीला होता है, बिल्कुल पलाश पुष्प के पीले रंग के समान, बिल्कुल स्वर्ण के समान पीला होता है, इसका रंग सरसों के फूलों के समान पीला होता है, इसका रंग गेंदे के फूल के समान पीला होता है, इसका रंग सूर्य की रोशनी के समान पीला होता है, इसका वर्ण पीला इतना मनमोहक होता है, कि यह आपके दिलो-दिमाग को तरोताजा कर देता है, जब आप इसे देखते हैं।
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पुखराज रत्न कैसा होता है –
पुखराज रत्न कैसा होता है- आज का हमारा विषय है
पुखराज रत्न (Pukhraj Ratna Kaise Hota Hai) जिसे संस्कृत भाषा में पुखराज कह कर संबोधित किया जाता है, तथा अंग्रेजी में इसे येलो सैफायर के नाम से जाना जाता है, पुखराज रत्न मुख्यतः देखने में पीला होता है, बिल्कुल पलाश पुष्प के पीले रंग के समान, बिल्कुल स्वर्ण के समान पीला होता है, इसका रंग सरसों के फूलों के समान पीला होता है, इसका रंग गेंदे के फूल के समान पीला होता है, इसका रंग सूर्य की रोशनी के समान पीला होता है, इसका वर्ण पीला इतना मनमोहक होता है, कि यह आपके दिलो-दिमाग को तरोताजा कर देता है, जब आप इसे देखते हैं।
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पुखराज रत्न (Pukhraj ratna kaisa hota hai bataiye) के वैसे तो बहुत से रंग होते हैं, जैसे गुलाबी, नीला, पीला आदि किंतु पीला रंग तथा दूधिया पीला रंग गुरु ग्रह से संबंधित रत्न होता हैl इसमें गुरु ग्रह की शक्तियां मौजूद रहती हैl इसमें गुरु ग्रह से संबंधित अलौकिक ऊर्जाए रहती हैl यह रत्न विश्व के विभिन्न देशों में पाया जाता है,जैसे -जापान ,ब्राजील, मेक्सिको ,रूस, श्रीलंका आदि।
सबसे अधिक विशिष्ट गुणों वाला पुखराज रत्न (Pukhraj ratna ke baare me jankari) ब्राजील तथा म्यानमार के खानों से प्राप्त होता है, पुखराज मुख्यतः ग्रेनाइट के चट्टानों के रूपांतरण से बनते हैं, तथा कभी-कभी यह ज्वालामुखी के पर्वतों के दरारों में भी हमें यह रत्न प्राप्त होता है।
भारत के पडोसी राज्य के पास भी पुखराज रत्न (Pukhraj stone kaisa hota hai) की बहुत से खदान उपलब्ध हैl म्यानमार में पुखराज रत्न के दो किस्म पाई जाती हैl इसमें पीला रंग का पुखराज तथा सफेद रंग का पुखराज रत्न पाया जाता है, प्रकृति द्वारा प्रदत यह एक अनमोल रत्न है।
प्रकृति द्वारा प्रदत यह एक अतुलनीय संसाधन है, जिसका संयोजक एलुमिनियम, फ्लोरिंग तथा सिलिकेट का खनिज होता है, पुखराज रत्न (Pukhraj ke fayde) मुख्यतः कोरेंट परिवार से संबंधित होता है, यह रत्न देखने में बहुत ही चमकदार आकर्षक चिकना आदि होता है, इसकी पीली रोशनी मन मस्तिष्क को असीम शांति प्रदान करती है।
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पुखराज रत्न (Pukhraj ratna ke fayde) को धारण करने से आपको बहुत लाभ प्राप्त होता हैl बशर्ते कि जिस भी जातक के द्वारा यह धारण किया जा रहा है, वह अपने राशि के अनुसार पुखराज रत्न को धारण न करें बल्कि अपनी कुंडली में बृहस्पति ग्रह के विभिन्न भागों की जांच पड़ताल किसी अच्छे ज्योतिष से करवाएं या अपनी कुंडली की सटीक गणना के आधार पर पुखराज रत्न धारण किया जा सकता है lइस रक्त को धारण करने से आप को मान-सम्मान की वृद्धि होती है।
आप की प्रसिद्धि बढ़ती है, पुखराज रत्न (Pukhraj ratna dharan karne ke fayde) जिस भी जातक के द्वारा धारण किया जाता है, उसके जीवन में ज्ञान की बढ़ोतरी होती है, बुद्धि का विकास होता है, पुखराज रत्न आपकी बौद्धिक तथा संघात्मक क्षमता को बढ़ाता है, तथा आपके ज्ञान का प्रचार प्रसार बढ़ाता है, पुखराज रत्न को धारण करने वाले लोगों का व्यक्तित्व बहुत अधिक जो अपने ज्ञान के समक्ष बड़े से बड़े लोगों को नतमस्तक करने की क्षमता रखते हैं, उनके मस्तिष्क का तेज बहुत अधिक होता है, जिसको देखकर लोग स्वयं ही आकर्षित होने लगते हैं।
पुखराज रत्न (Pukhraj stone se kya hota hai) शिक्षा संबंधित व्यक्तियों के लिए वरदान से कम नहीं है, विद्यार्थी वर्ग तथा किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों द्वारा किया जा रहा प्रयास को यह सफलता में बदलने की ताकत रखता हैl यह आपके सफल होने की संभावना को बड़ा देता है, इस रख को धाम करने से आर्थिक सिटी मजबूत होती है, तथा आपके जीवन में जो भी परेशानियां रुपए पर पैसे रुपए पैसे संबंधित आ रही थी।
उन सभी का निवारण यह रत्न करता है, तथा आपको एक अच्छा धन संचित करने का मौका भी प्राप्त होता है। पुखराज रत्न (Pukhraj stone ke pahanne ke labh) को धारण करने से लोगों के जीवन में सांसारिक सुखों की वृद्धि होती हैl बहुत से लोगों को शादी विवाह संबंधित परेशानियों का सामना उठाना पड़ता है, ऐसे में यदि यह रत्न धारण किया जाता है, तो उन्हें सुयोग वर तथा सुयोग वधू की तलाश इसके माध्यम से पूरी हो जाती है, तथा उनकी आगे की दांपत्य जीवन भी खुशियों से भरा हुआ रहता है।
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पुखराज रत्न (Pukhraj stone ko kaise pahchane) को धारण करने से आप अपनी छवि किसी पर अंकित करने में सफल हो जाते हैंl आपकी कार्य करने की शैली में बदलाव आता है, जिससे आप सम्मान के पात्र तथा प्रशंसा के पात्र बनते हैं lघर परिवार से लेकर कार्यस्थल तक आपको लोगों का बहुत सहयोग प्राप्त होता हैl हर जगह लोग आपको सम्मान की दृष्टि से देखते हैंl प्रशासनिक विभाग हो या वकील या जज या नेता गन पुखराज रत्न हर किसी को प्रसिद्धि दिलाता है, तथा आप में एक आकर्षण शक्ति उत्पन्न करता है।
पुखराज रत्न (Pukhraj ratna ko kaise pahchane) अद्भुत गुणों वाला होता है, इसके गुणों की बखान केवल कुछ शब्दों में नहीं किया जा सकता है। पुखराज रत्न धारण करने से लोगों के जीवन में सुख, समृद्धि ,ऐश्वर्य ,वैभव आदि की प्राप्ति होती हैl रोजी रोजगार संबंधित विभिन्न प्रकार की परेशानियों का भी समापन होता है, तथा व्यापार बढ़ता है, लोगों को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
गुरु ग्रह पूरे ब्रह्मांड में सबसे बड़ा ग्रह होता है, और पुखराज रत्न (Pukhraj ratna ke labh) इसी ग्रह को निरूपित करता है, ऐसे चमत्कारिक ग्रह तथा उसके रत्न का लाभ हर कोई उठाना चाहता है, क्योंकि इस रत्न में गुरु बृहस्पति ग्रह से संबंधित विभिन्न प्रकार की ऊर्जा का समावेशन होता है, जिसकी वजह से यह रत्न बहुत लोकप्रिय है, तथा ज्योतिष विद्या में इस रत्न का बहुत बड़ा उपयोग माना जाता है।
इसकी उपयोगिता को देखकर बहुत सारे लोग इसके तरह-तरह के आभूषण जैसे कान की बाली, ब्रेसलेट ,पेंडेंट अंगूठी आदि धारण कर लेते हैं, किंतु कभी-कभी पुखराज रत्न (Pukhraj stone ke labh) किसी को सूट नहीं करता किसी को नहीं धारता है, क्योंकि हर कोई एक निश्चित समय तथा निश्चित दिन जन्म लेता है, ऐसे में उसकी जब जन्म हुई होती है, उस पर किस ग्रह का प्रभाव होगा।
यह कहना थोड़ा मुश्किल होता है, इसलिए जब उसकी जन्म स्थान एवं जन्म का समय एवं जन्म का दिन जानकर उसका कुंडली का विवरण निकालते हैं, तब यह जान सकते हैं, कि उसके द्वारा कौन सा रत्न धारण किया जाए, जिससे उसके जीवन में खुशहाली आए, समृद्धि और वैभव आए, ऐश्वर्या आएl बिना जाने सोचे समझे यदि पुखराज रत्न (Pukhraj stone se kya hota hai) को धारण किया जाता है, तो उसके नकारात्मक परिणाम भी हमें देखने को मिलते हैं।
लोगों के बने बनाए कार्य बिगड़ने लगते हैं, तथा बिना मतलब का झगड़ा झंझट बढ़ने लगता है, जिससे आपकी मानहानि होने लगती है lधन संबंधित चीजों का भी क्षय होने लगता है, तथा धन संबंधित समस्याएं बढ़ जाएंगे, रिश्तो में अनबन शुरू हो जाएगा, आपका ज्ञान का दायरा सीमित होने लगेगा।
अभिमंत्रित पुखराज रत्न कहां से प्राप्त करें –
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