स्फटिक माला के नुकसान – Sphatik Mala
Ke Nuksan
स्फटिक माला के नुकसान- (Sphatik Mala Ke Nuksan) प्रकृति ने हमें कुछ ऐसे अनमोल संसाधन प्रदान किए हैं, जिनका उपयोग कर हम अनेक प्रकार के ना केवल भौतिक सुख को प्राप्त कर सकते हैंl बल्कि आध्यात्मिक चरणों में भी अप्रतिम सफलता प्राप्त कर सकते हैंl ऐसे चमत्कारिक संसाधनों को प्रकृति ने हमें रत्न एवं उपरत्न के रूप में प्रदान किया गया हैl रत्नों एवं उप रत्नों का उपयोग ग्रहों की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए किया जाता हैl कभी-कभी यह ग्रह जो हमारे भाग्य विधाता होते हैं lकिसी पापी ग्रह से दृष्ट होते हैं या निम्न अवस्था में होते हैं, या फिर सुप्त अवस्था में होते हैं, या पूरी तरह से निष्क्रिय होते हैं।
इसे भी पढ़े:- फिरोजा रत्न के अदभुत फायदे जानकर हैरानी
ऐसे में किसी भी व्यक्ति विशेष के जीवन कांटों से भर जाती हैl उसके जीवन में खुशियां पूरी तरह से समाप्त हो जाती है, उसे ऐसी ऐसी अनुभूतियां होती है, जिससे जातक को उबरने में काफी समय लग जाता है lकई लोग तो इस कुचक्र में फंस कर अपनी जान तक दे देते हैंl उन्हें समझ ही नहीं आता है कि किस और जाएं क्या करें क्या नहीं करें किंतु रत्न हमारे दिशा एवं दशा दोनों को बदलने की क्षमता रखते हैं, लेकिन इन रत्नों के सकारात्मक पहलुओं के अलावा नकारात्मक पहलू भी होता हैl यदि कोई रत्न का उपरत्न किसी जातक को उसकी जन्म पत्रिका में स्थित भाव में ग्रहों की स्थिति के अनुकूल नहीं हुआ तो ऐसी परेशानियां उसके जीवन में आने लगेगी।
जिसकी उसने कभी कल्पना भी ना की हो तथा इन सभी परेशानियों में वह उलझता ही चला जाता है, कई रत्न तो इतने अधिक प्रभावशाली होते हैं, कि वे अपना अनुकूल प्रभाव के साथ-साथ प्रतिकूल प्रभाव भी त्वरित गति से ही दिखाते हैंl अतः रत्नों का चयन एवं उप रत्नों का चयन भी सोच समझ कर करना चाहिए अन्यथा उनके विध्वंसक परिणाम किसी भी व्यक्ति विशेष के जीवन को पूरी तरह से बर्बाद करने की क्षमता रखते हैं, किंतु प्रकृति हम सभी पर अपनी दया दृष्टि सदैव दिखाती है, बिल्कुल अपने महत्त्व से हमें सीचती है, हमें खड़ा करती है, हमें वह हर प्रकार के सुख संसाधन प्रदान करती है, जिन के अभाव में हमारा जीवन आगे नहीं बढ़ सकता है।
इसे भी पढ़े:- सुलेमानी हकीक की पहचान
जिन की आवश्यकता बुनियादी जीवन को जीने के लिए बहुत जरूरी होता है, इसलिए उनके द्वारा कई ऐसे भी उपरत्न बनाए गए हैं, जिनका कोई भी दुष्प्रभाव या नकारात्मक प्रभाव नहीं होता हैl कोई भी आयु वर्ग का व्यक्ति विशेष इसे धारण कर सकता हैl इसके नकारात्मक प्रभाव नगण्य होते हैं उन्हीं दिव्य उप रत्नों में से एक उपरत्न है- स्फटिक। (Sphatik Mala Pahanne ke nuksan) भगवान शिव शंभू का आशीर्वाद भी कहा जाता है lऐसा माना जाता है, कि स्फटिक एक ऐसा ठंडे प्रवृत्ति का उपरत्न होता है, जिसे धारण करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा जातक को प्राप्त होती है, एवं भोलेनाथ के समान शांत चित्त एवं शांत मन भी उसे प्राप्त होता है।
स्फटिक (sphatik mala pahanne ke nuksan in hindi) का प्रयोग लोग शुक्र ग्रह की स्थिति को मजबूत करने के लिए भी करते हैंl शुक्र ग्रह यदि किसी पापी ग्रह से दृष्ट हो या उसके प्रभाव में रहता है, तो जातक का जीवन कष्टों से भर देता है lउसके जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं आने लगती है, जातक वास्तविक दी जीवन जीना पूरी तरह से भूल जाता हैl अव्यवस्था के कारण उसकी व्यावसायिक जीवन हो या व्यक्तिगत जीवन हर ओर से उसे निराशा हाथ लगने लगती हैl उसका काम धंधा नौकरी पेशा व्यापार जैसी चीजें पूरी तरह से ठप पड़ने लगती है, उसके घर परिवार में दुख दरिद्रता का वास होने लगता है।
इसे भी पढ़े:- हकीक माला के फायदे
कमजोर शुक्र रूपए पैसे संबंधित परेशानियों को भी खड़ा कर देता है, आय से अधिक व्यय होने लगता है, जिसकी वजह से जातक कर्ज जैसी स्थिति में डूबता चला जाता है lअचानक से होने वाले फिजूलखर्ची उसकी आर्थिक स्थिति को बिगाड़ कर रख देते हैंl इसके साथ ही शुक्र ग्रह की पीड़ा से जातक अनेक प्रकार की बीमारियों से भी गिरने लगता है lउसे गुप्त रोग विकार से ग्रसित होने लगता हैl नेत्र संबंधित विकार, रक्त संबंधित विकार ,पांडू रोग आदि जैसी बीमारी उसके जीवन को और अधिक त्रस्त बना देते हैंl जातक पूरी तरह से गंदगी में रहने लगता हैl उसके रहने सहने का ढंग बिल्कुल खराब हो जाता है, इसके साथ ही उसकी जीवनसाथी से बहुत ही अधिक अनबन भी बढ़ने लगता हैl
दांपत्य जीवन से खुशियां कोसों दूर चली जाती है, घर में केवल झगड़े झंझट कलर कलेश अपना डेरा डाल लेते हैं lकई बार स्थितियां इतनी अधिक विकराल हो जाती है, कि जीवन साथी से अलगाव जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगती है, और अंततः बात तलाक तक पहुंच जाती है lकई बार तो दंपतियों में अलगाव बहुत ही तीव्र गति से हो जाता है, रिश्ते टूट जाते हैं, आपसी सामंजस्य की कमी से जोड़ों में से प्रेम की भावना खत्म हो जाती हैl उसका बुद्धि विवेक कार्य नहीं करता है।
जातक चाह कर भी इन सभी चीजों से बाहर नहीं निकल पाता है, ऐसी स्थिति से उबरने के लिए सबसे उपयुक्त उपाय विधिवत तरीके से शुक्र ग्रह के द्वारा मंत्रों से अभिमंत्रित एवं प्रतिष्ठित की माला धारण करना हैl इससे शुक्र ग्रह को बल प्रदान मिलता है, तथा इस प्रकार की जितनी भी समस्याएं होती है, उन सभी में निदान प्राप्त होता है।
इसे भी पढ़े:- मोती की माला के 20 चमत्कारी फायदे
स्फटिक रत्न को धारण करने से किसी भी प्रकार की शारीरिक कमजोरी हो या मानसिक कमजोरी यह रत्न दूर करता है, किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थी वर्ग के लिए स्फटिक रत्न किसी वरदान से कम नहीं हैl यह उनके दिमाग एवं चित को पूरी तरह से शांत रखता हैl इसके साथ ही स्फटिक रत्न (sphatik mala ke labh or hani) को धारण करने से मां सरस्वती की भी कृपा जाता के ऊपर बनी रहती है, जिससे जातक पूरी तरह से राहु के द्वारा दिए जाने वाले किसी भी प्रकार की पीड़ा से भी बच जाता है, तथा वह अपनी ऊर्जा का प्रयोग सही जगह करने में सक्षम होता है, तथा अपनी उचित दिशा एवं दशा को निर्धारित करने की क्षमता उसमें स्फटिक रत्न के कारण विद्यमान होती है lअपनी दूरदर्शिता का प्रयोग कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की अथक चेष्टा करता हैl
स्फटिक माला को धारण करने से भूत प्रेत जैसी व्याधि भी जातक का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाती है। स्फटिक रत्न (sphatik mala benefits in hindi) उसके आभामंडल को मजबूती प्रदान करता है, जिससे किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा उसके द्वारा निर्मित सुरक्षा चक्र को भेद नहीं पाती हैl
अभिमंत्रित स्फटिक माला कहां से प्राप्त करें –
यदि आप भी अभिमंत्रित किया हुआ स्फटिक माला प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे नवदुर्गा ज्योतिष केंद्र से पंडित जी द्वारा अभिमंत्रित किया गया स्फटिक माला मात्र – 900₹ मिल जायेगा जिसका आपको लैब सर्टिफिकेट और गारंटी के साथ में दिया जायेगा (Delivery Charges free) Call and WhatsApp on- 7567233021, 9313241098