तुलसी माला का महत्व – Tulsi Mala Ka
Mahatva
तुलसी माला का महत्व- तुलसी माला (tulsi ki mala ka kya mahatva hai) वैष्णव’ संप्रदाय के लोग हो या ‘स्मार्त’ वर्ग से संबंधित लोग यह हर वर्ग के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण, बहुत आदरणीय, बहुत सम्माननीय भाव को निरूपित करता हैl तुलसी जिन्हें भारतीय हिंदू परंपरा के अनुसार माता की उपाधि दी गई है, तथा शास्त्र के अनुसार इन्हें देवी का स्वरुप माना गया हैl माता लक्ष्मी की आंशिक प्रतीक के रूप में इनकी पूजा अर्चना अनगिनत वर्षों से की जाती रही है, तुलसी जी को विष्णु प्रिया से भी अलंकृत किया जाता है।
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तुलसी माता (tulsi ki mala ke fayde) को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, तुलसी के पेड़ को सुख समृद्धि वैभव एश्वर्य प्रदान करने वाला कल्पतरु वृक्ष माना जाता है lश्री हरि विष्णु के चरणों में अपना संपूर्ण जीवन अर्पण करने वाले लोगों के लिए इसे ग्रहण करना एक उनके शारीरिक अभिन्नता का प्रतीक माना जाता है, ऐसी मानयता है, कि कोई व्यक्ति यदि तुलसी माला को धारण किए हुए मृत्यु को प्राप्त होता है, तो वह जन्म मरण की चक्र से पूर्ण रुप से बाहर निकल जाता है, अर्थात उसके अच्छे प्रारब्ध उसे जीवन चक्र की संरचना में फिर से कर्मों के फल में बंधने से रोक लेते हैं, जिससे व्यक्ति को वैकुंठ की प्राप्ति होती हैl
सौभाग्य, समर्पण व सान्निध्य के प्रतीक को नीरुपित करने वाला यह माला कई प्रकार की दिव्य उर्जा को अपने अंदर समाहित रखता है, जिसकी कारण इसकी स्पंदन क्षमता बहुत ही प्रवीण होती हैl यह जहां कहीं भी रहता है, वहां किसी भी तरह की नकारात्मक वस्तु टिक नहीं सकती हैl नकारात्मकता के सुक्ष्म से शुक्ष्म बोध को भी यह पूर्ण रुप से नष्ट कर देता है, इसलिए जहां कहीं भी तुलसी की माला (tulsi ki mala ke labh) रहती हैl वह सकरात्मक ऊर्जा का प्रवाह बहुत तेजी से होता है, जिसके कारण आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है।
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प्राचीन काल से ही यह परंपरा रही है, कि किसी स्थान को वास्तु दोषो से पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान करने के लिए उस स्थान पर तुलसी माला (tulsi ki mala ka prabhav) के माध्यम से विशिष्ट मंत्रों का जाप किया जाता है, जिसके कारण उस स्थान की नकारात्मकता धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है, एवं वह स्थल सकारात्मक शक्तियों का पुंज के रूप में परिवर्तित होने लगता है, तथा ऐसे स्थान पर निवास करने वाले लोगों को बहुत ही अच्छी शक्तियों की अनुभूति होने का एहसास प्राप्त होता हैl उनके भाग्य में प्रचंड वृद्धि देखने को मिलती है, साथ ही ईश्वरीय शक्तियो का आशीर्वाद उनके ऊपर बना रहता है, जिससे उनके कई कार्य सिद्ध होने लगते हैं, कई कार्य अपने निर्धारित समय के अनुसार संपन्नता की ओर अग्रसर होने लगते हैंl
सकरात्मक ऊर्जा का स्रोत के रूप में इसे देखा जाता है lअतः जिस भी व्यक्ति के ऊपर नकारात्मक शक्तियां बहुत ही अधिक जल्दी प्रभाव दिखाती है, या ऐसे लोग जो जल्द ही किसी नकारात्मक चीज की ओर आकृष्ट हो जाते हैं, या उसकी प्रभाव में आकर अपनी आत्मिक क्षमता को खो देते हैंl अपने विचारों की स्पष्टता के मार्ग से भटक जाते हैंl उन लोगों के लिए तुलसी माला (tulsi ki mala pehne ke fayde) बहुत अधिक महत्व रखता है lयह उनके जीवन में अच्छी चीजों को शामिल करने में मदद करता है, तथा उनके आचरण में विद्यमान किसी भी तरह की नकारात्मक पहलू को यह पूर्ण रुप से नष्ट कर देता है, तथा सकरात्मक आचरण के प्रभाव को बल प्रदान करता है, इसलिए तुलसी माला को किसी भी आयु वर्ग के लोग धारन कर सकते हैं, किंतु इससे संबंधित जितने भी वैकल्पिक विधि है।
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उन सभी को ध्यान में रखते हुए ही तुलसी माला की अखंडता को बचाते हुए ही इसे धारण किए हुए रहना चाहिए तभी उन्हें चमत्कारिक प्रभाव प्राप्त हो सकते हैंl तुलसी माला (tulsi ki mala dharan karne ke fayde) उनके सात्विक बोध में प्रखरता लाने में सक्षम होता है, जिनकी द्वारा तुलसी माला को अंगीकार किया जाता है।
तुलसी माला (tulsi ki mala ka upyog) से यदि भगवान विष्णु या श्री कृष्ण के मंत्रों का जाप किया जाए तो ऐसे विशेष व्यक्ति को यस कीर्ति में वृद्धि देखने को मिलती हैl उसे अनेक-अनेक पहलू से विभिन्न मार्गो से यस कीर्ति की प्राप्ति होती है, उसका सौभाग्य पता है, उसका भाग्य प्रचंड रुप से कार्य करता हैl उसकी समृद्धि ,उसके ऐश्वर्य में भी वृद्धि होती है, उसका वाहय तथा आंतरिक कांति बहुत ही आभा युक्त होती हैl इस माला के माध्यम से जाप करने से अध्यात्मिक चीजो में उत्कृष्टता आती है l व्यक्ति स्वभाव में सात्विक गुणों की वृद्धि होती हैl उसका विचार आचार उसके व्यवहार में अच्छे कायाकल्प देखने को मिलते हैंl कई प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त करने में भी यह असीम रूप से सहायक होता है, तथा व्यक्ति के जीवन में धार्मिक उत्कृष्टता प्राप्त करने में यह माला बहुत ही लाभप्रद माना जाता हैl
जिस प्रकार तुलसी शुभता का प्रतीक मानी जाती है, उसी प्रकार तुलसी के माला (tulsi ki mala ka mahatva in hindi) के अंदर व्याप्त सकारात्मक शक्तियों के कारण इसका धार्मिक, आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व बहुत अधिक माना जाता हैl प्राकृतिक रूप से इसमें कई ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जिसके कारण इसके लाभो की गणना करना आसान कार्य नहीं है, जिस प्रकार तुलसी का महत्व विभिन्न प्रकार के पूजा प्रदक्षिणा आदि में किया जाता है lउसी प्रकार इस माले का प्रयोग भी कई प्रकार के कर्म कांडों में किया जाता है lइसकी भौतिक संरचना में मौजूद उपचारात्मक गुण कई प्रकार की जटिल बीमारियों को भी झड़ से खत्म करने की छमता रखते हैं, इसे धारण करने से जातक को कई प्रकार के अनुकूल लाभ प्राप्त होते हैं।
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शारीरिक समस्याओं में भी यहां उतनी ही प्रधानता दिखाता है, जितनी की मानसिक समस्याओं में मानसिक स्वास्थ्य तथा शारीरिक स्वास्थ्य दोनों में उत्कृष्टता प्रदान करने में तुलसी माला (Tulsi Ki Mala ki jankari) का कोई और विकल्प हो ही नहीं सकता हैl यह दिव्य माला शरीर के विभिन्न रोगों के निवारण के साथ-साथ शरीर की शक्ति संरचना में भी सुधार करता है, जिसके कारण शारीरिक स्फूर्ति बनी रहती है, तथा मानसिक प्रफुल्लता कई कार्यो के निष्पादन में अप्रतिम रुप से सहायक होती है lहमारे शरीर में मौजूद कई तरह के दूषित तत्व को यह नष्ट करने में भी सक्षम होता है, इसकी प्रवृत्ति गर्व होती है, यही कारण है, कि विभिन्न प्रकार के संक्रामक रोगों से भी हमारे शरीर को यह सुरक्षा प्रदान करता हैl
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