15 मुखी रुद्राक्ष के लाभ – 15 mukhi rudraksha ke fayde

15 मुखी रुद्राक्ष के लाभ – 15 mukhi rudraksha ke fayde

15 मुखी रुद्राक्ष के लाभ – 15 mukhi

 rudraksha ke fayde

• 15 मुखी रुद्राक्ष (15 mukhi rudraksha benefits in hindi) धारण करने से मन में व्याप्त किसी भी तरह की ईर्ष्या की भावना या घृणास्पद विचार या गंदे विचार व्यभिचार जैसी विकृत मानसिकता आदि को यह दूर करता है। व्यक्ति के स्वभाव में बहुत ही अनुपम पारगमन देखने को मिलता है। व्यक्ति सहर्ष स्वीकृति के साथ सहरसा आनंद के साथ लोगों को खुले भाव खुले विचार खुले हृदय से स्वीकार करता है एवं उन्हें प्यार तथा अपनापन एवं सम्मान प्रदान करता है ।

15 मुखी रुद्राक्ष (15 mukhi rudraksh kaisa hota hai) के उपयोग करता कभी भी किसी के प्रति किसी तरह की बेर की भावना मन में नहीं रखते हैं, वे लोग कभी भी किसी भी व्यक्ति का किसी भी प्रयोजन के माध्यम से किसी का भी अनिष्ट नहीं करते हैं, यह उनके गुणों में बहुत ही उत्कृष्ट पारगमन शक्ति प्रदान करता है।

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15 मुखी रुद्राक्ष के लाभ

 

15 मुखी रुद्राक्ष के लाभ – 15 mukhi rudraksha ke fayde

1. कई बार ऐसा देखा जाता है, कि लोग हमारी कामयाबी को देखकर ईर्ष्यालू बन जाते हैं, तथा हमारा अहित करने के लिए किसी भी स्तर तक वे लोग चले जाते हैं कई बार तो लोगों के द्वारा गंदी क्रियाएं, तंत्र मंत्र ,मारण क्रिया ठंडी क्रिया भूत प्रेत बाधा जैसी चीजें जानबूझकर दे दी जाती है।

जिसके कारण जीवन में अप्रत्याशित घटनाएं अप्रत्याशित संकटों का प्रभाव बहुत अधिक बढ़ जाता है, ऐसे में जातक चारों ओर से संकटों के बीच उपपाद्य विषय जैसी चीजों से घीर जाता है, जिसके कारण उसके राह बिल्कुल विभिन्न हो जाते हैं। कोई मार्ग उसे नहीं नजर आता है। उसके जीवन में आवर्तन निम्न स्तर की घटनाएं उसे अस्त-व्यस्त कर देती है।

मानसिक रूप से शारीरिक रूप से सामाजिक रूप से आर्थिक रूप से पारिवारिक रूप से हर ओर से उसे चोट पहुंचाती है। ऐसी स्थिति में उसे समझ नहीं आता कि किस ओर जाएं और क्या करें यदि ऐसी परेशानी से कोई व्यक्ति विशेष गुजर रहा है, तो उसे अभिमंत्रित किया हुआ 15 मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।

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यह भगवान पशुपतिनाथ के पंचमुखी का स्वरूप माना जाता है, तथा जातक के जीवन में जितनी भी नकारात्मक विषयांतर होती चली आ रही है उन सभी को यह निर्गमन करने में बहुत ही उत्तम रूप से सहायक होता है l

जातक के ऊपर जितनी भी ऊपरी बाधाएं जैसी चीजें नजर दोष, टोना टोटका ,भूत प्रेत की व्याधि या किसी भी तरह की मारण क्रिया आदि से भी यह उसे पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान करता है। स्वयं भगवान पशुपतिनाथ का उसे संरक्षण प्राप्त होता है, जिसके कारण व्यक्ति विशेष खुद को बहुत ही सुरक्षित महसूस करता है, तथा उसे दिव्य अनुभूतियों का आभास होता है। विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले आकस्मिक दुर्घटनाओं में भी कमी लाता है।

2. 15 मुखी रुद्राक्ष (15 mukhi rudraksh ke fayde kya hai) का उपयोग ज्योतिष विषयों में भी किया जा सकता है, जिस प्रकार ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न प्रकार के रत्नों का प्रयोग एवं उप रत्नों का प्रयोग कर किसी भी ग्रह की स्थिति को सुधारा जा सकता है, उसी प्रकार 15 मुखी रुद्राक्ष का भी उपयोग कर मंगल ग्रह की स्थिति को सुधारा जा सकता है।

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ज्योतिष शास्त्र में भले ही मंगल ग्रह की स्थिति को उत्तम बनाने के लिए जैविक रत्न मूंगा का प्रयोग किया जाता है, किंतु 15 मुखी रुद्राक्ष के माध्यम से भी उक्त व्यक्ति विशेष को मंगल के नकारात्मक प्रभाव से सुरक्षा प्राप्त हो सकती है।

तथा मंगल ग्रह की दृष्ट अवस्था से उसको मजबूत स्थिति में भी लाता है, तथा उसे बलिष्ट बनाता है, जिससे मंगल ग्रह के द्वारा दिए जा रहे अमंगल प्रभाव दूर हो सके मंगल ग्रह के द्वारा उत्पन्न किए जा रहे अप्रत्याशित संकटों से भी यह मन का सुरक्षा प्रदान करता है।

3. वैवाहिक जीवन में चल रही किसी तरह की परेशानी को भी यह पूरी तरह से दूर करता है, तथा दांपत्य जीवन में उत्पन्न होने वाले असमंजस की स्थिति वैचारिक मतभेद जैसी परेशानियों को भी यह दूर करता है, तथा जीवन साथी के अप्रत्याशित सहयोग एवं प्रेम को प्राप्त करने में भी यह बहुत ही प्रभावी रूप से सहायक होता है।

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4. 15 मुखी रुद्राक्ष (15 mukhi rudraksh ke fayde in hindi) अनाहत चक्र को सुरक्षा प्रदान करता है, तथा संतुलन बनाने में भी मदद करता है, यदि अनाहत चक्र संतुलन में नहीं रहता है, तब हमारा मन एवं भावनाएं भ्रामक ,असंतुलित ,द्वेष, जलन ,हताशा ,उदासीनता जैसी चीजों से ग्रसित होने लगता है इसकी शुद्धि कर हम अनंत आनंद को प्राप्त कर सकते हैं। अनाहत चक्र जो हमारे विभिन्न प्रकार के भावनाओं विचारों का प्रतिनिधित्व करता है। अनाहत चक्र जिसमें हमारी सारी वेदनाए सारी चेतना का अनंत सागर विद्यमान है।

यदि हम अनाहत चक्र को संतुलन करने में सफल होते हैं, तब हमें बहुत ही इसके उत्तम लाभ देखने को मिलते हैं। दैवीय गुणों से परिपूर्ण अद्वितीय प्रकार की चीजों की अनुभूति हमें प्राप्त होती हैl परमानंद प्राप्त करने का यह अद्वितीय साधन हैl शांति ,सुव्यवस्था ,प्रज्ञान, स्पष्टता क्षमा ,भाव की भावना, एकाग्र शक्ति आदि भाव को सुदृढ़ता प्रदान करता है, यह हमारे ह्रदय में उत्पन्न होने वाले भाव को सुव्यवस्थित करता है।

5. आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी 15 मुखी रुद्राक्ष (15 mukhi rudraksha benefits in hindi) का उपयोग किया जाता है। इससे आत्मबोध की प्राप्ति होती है, तथा आप उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते है। आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती है, एवं जातक को अध्यात्म के विभिन्न आयामों में सफलता की प्राप्ति होती है। उनकी ऊर्जा शक्ति शुद्ध एवं सौम्या में होती है, जिससे ना केवल उनके जीवन में वास्तविक मूल्य नैतिकता जैसी चीजों की प्राथमिकता बढ़ती है, बल्कि उनके सानिध्य में रहने वाले अनेक व्यक्तियों पर भी इसका प्रभाव सकारात्मक एवं अनुकूल होता है, उनके विचारों में भी शुद्धता आती है।

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6. ऐसे जातक जो अपने जीवन में सफलता से संतुष्ट नहीं है, या असफलता का कड़वा स्वाद ही उन्हें प्राप्त हो रहा है, उन्हें उनके द्वारा किए जा रहे पुरुषार्थ का उत्तम फल प्राप्त नहीं हो रहा है, तो उनके द्वारा इसे अवश्य धारण करना चाहिए।

इससे उनके भाग्य प्रबल होंगे तथा विभिन्न कार्य क्षेत्र में सफलता के योग बनेंगे ऐसे लोग जो धन के अभाव से ग्रसित है, उन्हें भी यह मनका अवश्य धारण करना चाहिए किसी भी तरह की आजीविका के साधन में उन्नति के लिए भी 15 मुखी रुद्राक्ष (15 mukhi rudraksha pahanne ke fayde) धारण किया जा सकता है।

अभिमंत्रित रुद्राक्ष कहां से प्राप्त करें – 15 mukhi rudraksha ke fayde

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