असली हीरा के गुण – Asli Hira ke Gun
असली हीरा के गुण- हीरा जो पूरे विश्व में अपने रंग और चमक के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध है lयह एक प्रकार का पत्थर होता है, जो विशिष्ट परिस्थितियों से गुजर कर बनता है lकार्बन का सबसे शुद्धतम रूप हीरा (asli hira ke fayde) को ही माना जाता है, इसकी खासियत होती है, कि जब इसे विशिष्ट तापमान के अंतर्गत गर्म किया जाता है, तो यह पूरी तरह से कार्बन डाइऑक्साइड में बदल जाता हैl इसे जलाने के बाद इसके अवशेष नहीं बचते हैंl अपने निर्माण की अवस्था में जब किसी भी प्रकार की प्राकृतिक अशुद्धियां हीरा में मौजूद रहती है, तो वह उसे एक अलग रंग प्रदान करती है, इसलिए हीरे का सफेद के अलावा और भी कई रंगों में पाया जाता है, जैसे- काला, पीला, भूरा ,नीला ,लाल, सफेद, हीरा।
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विश्व प्रसिद्ध हीरा रत्न (asli hira ke labh) का प्रयोग न केवल विभिन्न प्रकार के आकर्षित करने वाले आभूषण को बनाने में किया जाता हैl बल्कि इसका प्रयोग रॉकेट जैसे यंत्र की रचनात्मक प्रणाली को बनाने वाले यंत्र में भी हीरा रत्न का प्रयोग किया जाता है lइसका प्रयोग औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ चिकित्सा के क्षेत्र में भी किया जाता हैl मोतियाबिंद जैसे जटिल बीमारी के ऑपरेशन में हीरा रत्न से बने हुए यंत्र का प्रयोग किया जाता हैl इसके साथ-साथ हीरा रत्न की उपयोगिता रत्न शास्त्र में भी बहुत अधिक बताई गई हैl ज्योतिष विज्ञान की दृष्टि में हीरा रत्न को शुक्र ग्रह का रत्न माना जाता है, तथा शुक्र ग्रह के प्रभाव को और अधिक प्रबल बनाने के लिए हीरा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती हैl
हीरा किसी भी जातक के जीवन में अनेक प्रकार के सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम होता है, तथा ऐसा माना जाता है, कि हीरा रत्न (asli hira ke gun in hindi) धारण करने से माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती हैl हीरा धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार की भौतिक सुख संपदा की कमी नहीं रहती है lउसका संचार तंत्र बहुत ही कलात्मक गुणों से परिपूर्ण रहता है, जिससे उसे समाज में उत्तम मान प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है lअनेक पहलुओं पर हीरा रत्न जातक को सफलता दिलाने में बहुत मदद करता है, तथा उसके व्यक्तित्व का सकारात्मक बदलाव भी करने की क्षमता हीरा रत्न में विद्वान रहती है।
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1. हीरा रत्न (asli hira dharan karne se kya hota hai) रत्नों का राजा माना जाता है, तथा प्रकाश को सबसे अधिक आपरावर्तन करने की क्षमता इसे और भी अधिक खास बनाती हैl किसी भी स्रोत से जब इसके ऊपर प्रकाश की किरणें पड़ती है, तब प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन तथा अपरावर्तन एवं विक्षेपन होता है, जिसकी वजह से यह बहुत ही चमकीला दिखाई पड़ता हैl
2. अनेक प्रकार की जटिल प्रक्रियाओं से गुजरने के पश्चात हीरा रत्न की उत्पत्ति होती हैl बहुत ही अत्यधिक उच्च तापमान एवं उच्च दाब में पृथ्वी की सतह से कुछ किलोमीटर के अंदर कार्बन का रूपांतरण हीरे में होता है, हीरा रत्न (asli hira dharan karne ke fayde) का घनत्व बहुत अधिक होता हैl
3. हीरे के कठोर होने के कारण इसका प्रयोग अनेक प्रकार की यंत्रों को बनाने में प्रयोग में लाया जाता है, जैसे -रॉकेट के सुरक्षा खिड़कियों को बनाने के लिए यंत्र में इसका प्रयोग किया जाता है।
4. इसकी संरचना इतनी अधिक कठोर है, कि हीरे (asli hira pahanne ke fayde) को खरोच नहीं किया जा सकता है lइसमें किसी भी प्रकार से किसी चीज से हीरा के शतह के विपरीत रगड़ा जाए तो किसी भी प्रकार के त्रुटि दिखाई नहीं पड़ती है।
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5. हीरा (asli hira kaisa hota hai) बहुत ही स्पष्ट एवं पारदर्शी दिखाई देता है, लेकिन जब पुस्तक के किसी पृष्ठ पर रखकर पृष्ठ के अक्षर को पढ़ने का प्रयास किया जाता है, तब इसके माध्यम से हम बिल्कुल भी कोई अक्षर पढ़ नहीं पाएंगे क्योंकि इसके माध्यम से किसी भी अक्षर को देख पाना मुमकिन नहीं है, जबकि इसके विपरीत यदि नकली हीरा है, तो पुस्तक के पृष्ठ के अक्षर के स्थान पर लाइन दिखाई देगी या धुंधली तस्वीर दिखाई देगीl
6. असली हीरा (asli hira ki pahchan) तथा नकली हीरा के बीच में पहचान का सबसे सरल तरीका है, का अपरावर्तन हीरा रत्न प्रकाश का सबसे अच्छा अप्रवर्तक माना जाता हैl
7. भले ही हीरा कठोर पदार्थ माना जाता है, तथा यह टिकाऊ भी होता है, किंतु इसकी सहनशीलता उतनी नहीं होती जितना होना चाहिए इसलिए जब इसे हथोड़ा से तोड़ा जाता है, तब यह टुकड़े में बदल जाता है, या ऊंचाई से गिर आने पर भी इस में दरारे पड़ सकती हैl
8. उच्च घनत्व के कारण हीरा रत्न को जब पानी में डाला जाता है, तब हीरा रत्न पूरी तरह से डूब जाता है, जबकि नकली हीरा में यह गुण मौजूद नहीं रहता है, नकली हीरा जल में तैरने लगता है।
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9. असली हीरा (asli hira ki pahchan kya hai) के ऊपर जब आप डाला जाता है, तब वह जमता नहीं है, बल्कि सूक्ष्म ओस की बूंदों में परिवर्तित हो जाता है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित हीरा में यह गुण मौजूद नहीं रहता है lकृत्रिम रूप से निर्मित हीरा रत्न के ऊपर जब भाप डाला जाता है, तो वह पूरी तरह से जम जाता हैl
10. हीरा (asli hira ki pahchan kaise kare) को जब लाइटर से कुछ क्षणों के लिए ताप दिया जाता है, तो उसमें कोई भी परिवर्तन नहीं आता हैl उसकी भौतिक संरचना में किसी भी प्रकार की त्रुटि देखने को नहीं मिलती है, जब कि नकली हीरा को यदि लाइटर की सहायता से कुछ क्षणों के लिए ताप प्रदान किया जाता है, तो उस की आंतरिक संरचना में परिवर्तन आने लगता है, तथा उस में दरार भी पड़ जाता है, क्योंकि कृत्रिम रूप से निर्मित रत्नों की संरचना उतनी संगठित नहीं होती है, जितनी होनी चाहिए तथा प्राकृतिक रूप से बनने वाले पत्थर अनेक प्रकार की जटिल प्रक्रियाओं से गुजरकर बनते हैं, जिससे उनकी संरचनात्मक सकती काफी अधिक होती है, और वह दीर्घ अवधि तक अपनी असली भौतिक संरचना को नहीं खोते हैं, जबकि रसायनिक अभिक्रिया से बनने वाले कृतिम रत्न इस प्रकार के विशिष्ट गुणों से परिपूर्ण नहीं होते हैंl
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