लाजवर्त स्टोन के लाभ और हानि – Lajvart
Stone Ke Labh Or Haani
लाजवर्ड स्टोन के लाभ और हानि- लाजवर्त जो देखने में एक ब्लू रंग का रत्न होता है, तथा इस पर प्राकृतिक रूप से हारे एवं भूरे रंग के आकृति मौजूद रहते हैंl लाजवर्त रत्न (lajward pathar ke fayde) देखने में अपराजिता पुष्प के समान नीला होता है, तथा इसका रंग नीलम रत्न से काफी मिलता-जुलता होता है lइस रत्न की यह खासियत होती है, कि शनि से संबंधित विभिन्न प्रकार की दशा अंतर्दशा या महादशा या शनि की ढैया या शनि की साढ़ेसाती में लाजवर्त रत्न को धारण किया जाता हैl इसके साथ-साथ पापी ग्रह राहु तथा केतु की कुदृष्टि से बचने के लिए भी लाजवर्त रत्न धारण किया जाता है, जिस जातक के लग्न कुंडली में यह तीनों ग्रह पीड़ित अवस्था में होते हैं, जिसे जातक के लिए आए दिन नई नई परेशानियां एवं अर्चनो को उद्वित करते रहते हैं, ऐसी परिस्थिति में लाजवर्त रत्न धारण करने की सलाह जातक को दी जाती है।
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शनि ग्रह जी से ब्रह्मांड का न्यायाधीश एवं दंडाधिकारी होने का गौरव प्राप्त है lस्वयं भगवान नीलकंठ के द्वारा उन्हें तीनों लोगों का दंडाधिकारी एवं न्यायाधीश होने का वरदान प्राप्त है, इसलिए जब शनि ग्रह की न्याय की प्रणाली शुरू होती हैl तब राजा हो या रंक हो या देवता हो या गण हो मनुष्य हो गया राक्षसों सभी को यह समान दृष्टि से देखते हैंl इनके लिए कोई भी ऊंचा नीचा नहीं होता हैl
इनके लिए केवल कर्म की प्रधानता होती हैl यदि आपका कर्म अच्छा है, तो शनि ग्रह जो है, आपको अच्छे परिणाम देंगे किंतु आपके द्वारा सूक्ष्म से सूक्ष्म बुरे कर्म को इनके द्वारा नजर अंदाज नहीं किया जाता बल्कि पिछले जन्म में किया गया गलत कार्य का परिणाम अनंत जन्मों तक भोगना पड़ता है, इसलिए इनकी कृपा प्राप्ति के लिए जातक को सर्वप्रथम अपने कर्म को सुधारने की आवश्यकता होती है, तथा गरीब वर्ग, असहाय वर्ग या मजदूर वर्ग या कड़ी मेहनत करने वाले जो पसीने से तरबतर रहते हैं, मजदूर, समाज, समिति आदि का प्रतिनिधित्व शनि ग्रह के द्वारा किया जाता है, इसलिए कभी भी इन लोगों को भूल कर भी अपमानित नहीं करना चाहिए तथा इनसे कभी भी कटु वचन नहीं बोलना चाहिए।
अन्यथा जातक के ऊपर शनिदेव की कुदृष्टि जल्द ही अपना दुष्प्रभाव दिखाना शुरू कर देते हैl बहुत से विद्वानों का मानना होता है, कि शनि केतु एवं राहु तीनों ही पापी एवं क्रूर ग्रहों की श्रेणी में आते हैं, इसलिए इनके प्रभाव जब किसी जातक के ऊपर पड़ते हैं lतब वह जातक पूरी तरह से क्षत-विक्षत हो जाता है, एवं उसकी मानसिक चेतना पूरी तरह से शून्य हो जाती है, जिसकी वजह से उसकी परेशानियां और अधिक बढ़ जाती है।
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ऐसी परिस्थितियों से ज्योतिष विज्ञान में बचने के लिए या प्रभाव को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए या दुष्प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के रत्न बताए गए हैं, जिसे धारण करने से इनके द्वारा दिए जा रहे हैंl प्रतिकूल प्रभाव को पूरी तरह से नष्ट किया जा सके या फिर बहुत हद तक उस पर नियंत्रण स्थापित किया जा सके lऐसा ही एक रत्न है, लाजवर्त (lajward pathar ke fayde or haani) जिस की उपयोगिता बहुत अधिक होती हैl यदि जातक अपनी लग्न कुंडली की अच्छे से विवरण एवं जांच परख करवाने के बाद इसे धारण करेंl तो उसे निम्नलिखित लाभ प्राप्त हो सकते हैं-
1. लाजवर्त (lajward stone ke nuksan in hindi) को धारण करने से राहु-केतु के द्वारा दिए जा रहे विभिन्न प्रकार के प्रतिकूल प्रभाव को लाजवर्त रत्न पूरी तरह से नष्ट कर देता हैl इसके साथ- साथ राहु केतु के द्वारा निर्मित कालसर्प योग में भी लाजवर्त रत्न बहुत अनुकूल प्रभाव दिखाता है, तथा जातक को विभिन्न प्रकार की आकस्मिक दुर्घटनाओं से बचाता है।
2. लाजवर्त रत्न (lajward stone ke fayde) को धारण करने से ऊपरी बाधा संबंधित चीजों में बहुत कारगर होता हैl यह तंत्र -मंत्र, जादू -टोना ,नजर दोष जैसी चीजों के प्रभाव को पूरी तरह से नष्ट कर देता है, तथा जातक के चारों ओर सुरक्षा घेरा का निर्माण करता है।
3. लाजवर्त रत्न (lajward stone ke labh) को धारण करने से पागलपन, चीखना- चिल्लाना, मानसिक अवसाद जैसी चीजों में कमी लाता है, तथा जातक को असीम शांति प्रदान करता है, एवं जातक को विभिन्न प्रकार के भ्रामक एवं मिथ्या जैसी चीजों को बाहर निकाल कर वास्तविकता से परिचित कराता है।
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4. इसे धारण करने से जातक को आत्मबोध का ज्ञान होता है, जिससे वह इधर उधर की सांसारिक चीजों में एवं विलासिता जैसी चीजों में भटकना छोड़ देता है।
5. यह किसी भी प्रकार की आकस्मिक दुर्घटना हो या अकस्मिक धन संबंधित हानि हो या आकस्मिक समाजिक मानहानि संबंधित चीजें हो या फिर किसी भी तरह की आकस्मिक स्वास्थ्य हानि हो इन सभी को यह रोकता है।
6. धन संबंधित क्षति को भी लाजवर्त रत्न (lajward ratna ke fayde or nuksan) रोकता है, तथा जातक की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करता हैl
7. लाजवर्त रत्न (lajward ratna ke fayde) को धारण करने से बुद्धि- विवेक में वृद्धि होती हैl इसके साथ-साथ विद्यार्थी वर्ग के लोगों के लिए लाजवर्त रत्न एक वरदान है, क्योंकि यह उनके एकाग्रता शक्ति के साथ-साथ स्मरण शक्ति में भी वृद्धि करता हैl
यदि लाजवर्त रत्न (lajward ratna benefits in hindi) को बिना जाने समझे या बिना अपनी लग्न कुंडली के विवरण के आधार पर धारण करने की जगह केवल राशि को देखते हुए धारण किया जाए तो इसके बहुत से दुष्परिणाम भी जातक को भोगने पड़ सकते हैं-
8. बिना मतलब के वाद विवाद बढ़ने लगेंगे झगड़े झंझट होने की वजह से जातक मानसिक अवसाद जैसी स्थिति में जा सकता है, ऐसी ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियां उत्पन्न होगी जिसमें उलझ कर जातक अपने वास्तविक लक्ष्य से भटक जाएगा तथा विभिन्न प्रकार के भ्रांतियों में वह उलझता चला जाएगा जिससे उसकी स्थिति दिन-प्रतिदिन दयनीय होती चली जाएगीl
9. मानसिक शांति का क्षरण होना शुरू हो जाएगा तथा दिमाग व्यर्थ की चिंताओं में व्यर्थ की बातों में केवल उलझा रहेगा।
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10. अचानक से ही स्वास्थ्य हानि होना शुरू हो जाएगाl जातक विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होने लगता हैl
11. (lajward ratna pahanne ke fayde) उसके एकाग्रता में कमी आने लगती है, इसके साथ साथ स्मरण शक्ति की भी क्षरण होना शुरू हो जाता है, जिससे जातक की दिनचर्या हो या कार्यस्थल सभी जगह उसके कार्यों पर बहुत बुरा प्रभाव दिखना शुरू हो जाता हैl
12. धन हानि के भी योग बनने लगते हैंl
13. घर परिवार के लोग साथ छोड़ देते हैं, तथा उन से अलगाव जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगती है, रिश्ते टूट जाते है।
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