एक मुखी रुद्राक्ष को कैसे सिद्ध करे – Yek
Mukhi Rudraksha Ko Kaise Sidhh Kare
एक मुखी रुद्राक्ष को कैसे सिद्ध करें – (ek mukhi rudraksha ko sidh kaise karen) अक्सर यह प्रश्न लोगों के मन में उठता है, कि इतनी अधिक विशिष्ट गुणों वाले इस भगवान के द्वारा प्रदान किया गया अनमोल संसाधन जोकि समतुल्य है, वरदान के समान, एक मुखी रुद्राक्ष को आखिर कैसे हम अभिमंत्रित करें कैसे हम सिद्ध करें ताकि इसका हमें सर्वोत्तम लाभ प्राप्त हो सके इसके माध्यम से हम अपना एवं जनकल्याण कैसे कर सकें।
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सबसे पहले एक मुखी रुद्राक्ष (ek mukhi rudraksha ko sidhh karne ka tarika) की गुणवत्ता को जांचना- पड़खना उसके विभिन्न मापदंडों को अच्छी से पड़खने के बाद ही उसे धारण किया जाना चाहिए, सबसे पहले निम्नलिखित पैमानो की जांच करेंl ताकि पता चल सके कि आपके द्वारा लिया गया एक मुखी रुद्राक्ष पूरी तरह से प्रकृति के द्वारा जटिल परिस्थितियों में उसका निर्माण किया गया है-
1. रुद्राक्ष को एक या आधे घंटे के लिए गर्म पानी में उबालें उबालने के पश्चात यदि किसी भी प्रकार की त्रुटि दिखाई पड़ रही होl भले ही उसके आकार में या रंग में किसी भी तरह की हल्की सी भी त्रुटि यदि गर्म करने के पश्चात उत्पन्न हुई है, तो वह एक नकली रुद्राक्ष है उसे कृत्रिम रूप से बनाया गया है।
2. प्रकृति के द्वारा किसी भी संसाधन का यदि निर्माण किया जाता है, तो वह अनेक प्रकार की विषम परिस्थितियों से गुजर कर तैयार होता है, इसलिए रुद्राक्ष भी उन्हीं संसाधनों में से एक होता हैl इसकी संरचना बहुत अधिक संगठित होती है, इसलिए जब इसे जेल में डाला जाता है, तब यह जल की सतह पर पूरी तरह से बैठ जाता है, जबकि नकली रुद्राक्ष जल की सतह पर तैरने लगता है।
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3. जब किसी चीज से उसकी सतह को खरोच कर देखा जाता है, तब उसकी ऊपरी सतह तथा आंतरिक संरचना में किसी भी प्रकार की भिन्नता दिखाई नहीं पड़ती है, जो कि उसके सत्यता का सबसे अधिक बड़ा प्रमाण होता है।
4. कई बार ऐसा भी देखा गया है, कि 1 मुखी रुद्राक्ष (ek mukhi rudraksha ko sidhh karne ka upay) के नाम पर लोगों के द्वारा हूबहू उसी प्रकार की संरचना और पदार्थ के द्वारा बनाकर दे दिया जाता हैl एक मुखी रुद्राक्ष बहुत ही दुर्लभ होता हैl जिसकी वजह से इसकी कीमत भी बहुत अधिक होती हैl यदि आपको किसी भी प्रकार से कम मूल्य पर उपलब्ध हो रहा है, तो उसे लेने से बचें क्योंकि असली एक मुखी रुद्राक्ष आपको कभी भी कम कीमत पर उपलब्ध नहीं हो सकता है lइसके साथ ही यदि उसके ऊपर किसी भी तरह का डमरु या भोलेनाथ से संबंधित किसी भी प्रकार का चिन्ह बना हुआ है, तो उसका अर्थ है, कि वह एक नकली रुद्राक्ष है, क्योंकि ऐसे रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से प्राप्त करना नामुमकिन सा लगता है, इसलिए किसी भी प्रकार की भ्रांतियां या मिथ्या में पर ऐसे रुद्राक्ष को लेकर अपने पैसे बर्बाद होने से बचाएं।
किसी भी वस्तु विशेष की ऊर्जा तब अपने जागृत अवस्था में रहती है, जब हम उसके विशिष्ट विधि विधान ओं के माध्यम से जागृत करने का प्रयास करते हैंl विभिन्न मंत्रों की सहायता से उसे अभिमंत्रित करते हैं, उसे सिद्ध करते हैं, एक मुखी रुद्राक्ष (ek mukhi rudraksha sidhh karne ke upyog kya hai) को भी सिद्ध करने के लिए निम्नलिखित चरणों का उपयोग कर सकते हैं-
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5. एक मुखी रुद्राक्ष को आप किसी लाल धागे या फिर पीले धागे में धारण कर सकते हैंl इसे काले रंग के धागे में धारण करने से बचना चाहिए आप चाहे तो इसे चांदी या स्वर्ण में भी मढवा कर पहन सकते हैं।
6. एक मुखी रुद्राक्ष (ek mukhi rudraksha kaisa hota hai) को सूर्य से संबंधित कृपा यदि प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप इसे रविवार के दिन सूर्य से संबंधित मंत्रों से अभिमंत्रित कर शुक्ल पक्ष के रविवार के दिन धारण कर सकते हैं, या इसे धारण करने का सबसे उत्तम दिन महाशिवरात्रि को माना जाता है, या आप इसे शुक्ल पक्ष के सोमवार के दिन भी धारण कर सकते हैं।
7. सर्वप्रथम स्नानादि से निवृत्त होकर शुक्ल पक्ष की किसी भी सोमवार के दिन एक मुखी रुद्राक्ष (ek mukhi rudraksha kya kaam karta hai) को गंगा जल एवं पंचायत में स्नान करवाए उसे अच्छे से गंगा जल से धूल कर साफ करें lउसके बाद एक साफ कपड़े के ऊपर 108 बेलपत्र के पत्ते पीपल के पत्ते तथा माला के ऊपर चंदन का लेप एवं कुछ टुकड़ा ब्रास के भी उसके ऊपर रख दे उसके बाद अच्छे से धूपबत्ती दिखाएं।
8. उसके बाद आप भगवान भोलेनाथ का कोई भी मंत्र अपने गुरु से मंत्र लेकर जितना हो सके उतना अधिक मंत्र का उपांशु जप करें कि इस बात का ध्यान रखें कि आपकी वर्तनी पूरी तरह से स्पष्ट एवं शुद्ध होनी चाहिएl यदि आप किसी भी प्रकार से इस क्रिया में सक्षम है, तो आपको किसी विद्वान पंडित या अपने किसी कुटुंब का भी सहायता आप ले सकते हैं, जब आपको लगे कि आपके द्वारा मंत्रों की संख्या एक अधिकतम अस्तर तकिया एक उपयुक्त स्तर तक पहुंच चुकी है, तो उस स्थिति में आपको माला को लेकर भगवान भोलेनाथ की मंदिर में लेकर जाना चाहिए तथा शिवलिंग से स्पर्श कराकर कुछ देर के लिए वही रहने दे और मंदिर में भी बैठ कर यदि संभव हो तो कुछ देर के लिए मंत्रों का जप करेंl उसके पश्चात आप मंदिर में ही अपनी मनवांछित इच्छा बोलते हुए रुद्राक्ष माला को धारण कर ले।
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9. जिस जातक के द्वारा एक मुखी रुद्राक्ष धारण किया गया है, उसे कभी भी किसी भी प्रकार की मांस मदिरा का भक्षण नहीं करना चाहिए एवं रुद्राक्ष धारण कर ऐसी जगह पर नहीं जाना चाहिए, जहां किसी की मृत्यु वगैरा हुई है, या ऐसे स्थान जहां किसी बच्चे का तुरंत जन्म हुआ है, ऐसी जगह पर भी जाने से एक मुखी रुद्राक्ष की शक्तियां खत्म होने लगती हैl किसी भी वर्जित कार्य को करने से पूर्व इसे उतार कर रख देना चाहिए एवं बिना स्नान किए फिर से इसे धारण करने से बचना चाहिए।
10. ऐसे लोग जो एक मुखी रुद्राक्ष धारण किए हुए हैं, उन्हें किसी भी प्रकार से या किसी भी स्थिति में झूठ बोलने से बचना चाहिए या अनुचित कार्यों को करने से बचना चाहिए, अन्यथा यह अपना सकारात्मक प्रभाव दिखाना धीरे धीरे बंद कर देता है।
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