दो मुखी रुद्राक्ष का महत्व – Do Mukhi
Rudraksha Ka Mahatva
1.दो मुखी रुद्राक्ष (do mukhi rudraksha dharan karne se kya hota hai) धारण करने से भगवान रूद्र तथा माता काली का आशीर्वाद प्राप्त होता हैl इसके साथ ही राहु जो कि एक छाया ग्रह है lउसके द्वारा दिए जा रहे किसी भी प्रकार के कष्टकारी प्रभाव को यह पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता रखता है lइसे धारण करने से राहु ग्रह की शांति होती है, तथा कई प्रकार के अनुकूल लाभ भी हमें प्राप्त होते हैं।
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2. दो मुखी रुद्राक्ष (do mukhi rudraksha ka mahatva kya hai) माता सरस्वती तथा माता लक्ष्मी का संयुक्त रूप माना जाता है lइसे धारण करने से दोनों ही माताओं का आशीर्वाद उक्त व्यक्ति विशेष को प्राप्त होता है lमाता सरस्वती जो ज्ञान की अधिष्ठात्री हैं, जिनके बिना कोई भी व्यक्ति ज्ञान- बुद्धि को प्राप्त नहीं कर सकता है, जिनके बिना संगीत के मधुर ध्वनि उत्पन्न नहीं हो सकती है, तथा जिनके बिना विभिन्न कलाओं के ज्ञान को प्राप्त नहीं किया जा सकता है, जिनके बिना सृष्टि का संचालन व्यवस्थित रूप से होना असंभव हैl ऐसे देवी का कृपा प्राप्त करने के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता हैl इससे ना केवल उक्त व्यक्ति के व्यक्तित्व में सकारात्मक एवं अनुकूल परिवर्तन देखने को मिलते हैंl उसके ज्ञान में वृद्धि होती है, उसके कौशलों में प्रखरता आती है।देवी का कृपा प्राप्त करने के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता हैl इससे ना केवल उक्त व्यक्ति के व्यक्तित्व में सकारात्मक एवं अनुकूल परिवर्तन देखने को मिलते हैंl उसके ज्ञान में वृद्धि होती है, उसके कौशलों में प्रखरता आती है।
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विभिन्न प्रकार के गुणों में निपुणता की प्राप्ति होती है, बल्कि इससे कई प्रकार के अन्य ग्रहों के द्वारा दिए जाने वाले अशुभ प्रभाव को भी यह पूरी तरह से निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है, इसके साथ ही माता लक्ष्मी जिनके बिना भौतिक सुख संपदाओं तथा सांसारिक सुख सुविधाओं की पूर्ति संभव नहीं हैl हमारे मन के विभिन्न प्रकार की इच्छाओं को पूर्ण करने वाली मां, वैभव प्रदान करने वाली मां ,ऐश्वर्य को प्रदान करने वाली मां का आशीर्वाद भी उक्त व्यक्ति को प्राप्त होता है, जो दो मुखी रुद्राक्ष (do mukhi rudraksha dharan karne ke fayde) धारण करता है lइससे उसके जीवन में कभी भी अर्थ विषयक चीजों में कमी देखने को नहीं मिलती है lदिनोंदिन उसकी स्थिति वित्तीय संबंधित चीजों में दृढ़ होती चली जाती है lभौतिक सुख संपदा ओं ऐश्वर्य किसी भी चीज की कमी उसके जीवन में नहीं रहती हैl माता लक्ष्मी तथा माता सरस्वती की कृपा से उसका जीवन बहुत ही सुखी रहता है।
3. ऐसे लोग जिनकी माता से संबंध अच्छे नहीं है, या उनके पिता से संबंध अच्छे नहीं हैl उनके द्वारा भी इसे धारण किया जा सकता हैl इससे उनके माता पिता एवं उनके बीच की दीवार धीरे-धीरे टूटने लगती हैl रिश्तो में उत्तम सुधार के लिए भी यह बहुत ही कारगर सिद्ध होता है, इससे आपसी प्रेम में प्रगाढ़ता आती है।
4.माता काली तथा बाबा काल भैरव का संयुक्त रूप को निरूपित करने वाला दो मुखी रुद्राक्ष अर्धनारीश्वर का रूप माना जाता है lइसे ऐसे लोग जिनमें वैवाहिक जीवन में वैचारिक मतभेद अधिक होते हैं, तथा वैवाहिक जीवन में सुख की कमी है lलड़ाई- झगड़े क्लेश बहुत अधिक हो रहे हैं, तो ऐसे में उन्हें दो मुखी रुद्राक्ष (do mukhi rudraksh pahnane ke fayde) अवश्य धारण करना चाहिए, यह दांपत्य जीवन को सुचारू रूप से चलाने में बहुत मदद करता है, इसके साथ ही किसी भी प्रकार के असमंजस या अपवाद की स्थिति को आप के जीवन से दूर करता है।
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जीवनसाथी का सहयोग एवं प्रेम हर डगर पर आपको प्राप्त होता हैl वैवाहिक जीवन सुख सुविधाओं से युक्त होता हैl वैवाहिक जीवन में सुख -शांति प्राप्त करने के लिए दो मुखी रुद्राक्ष (do mukhi rudraksha ke fayde) धारण किया जा सकता हैl इससे ना केवल जीवन साथी के साथ संबंध मधुर होते हैं, बल्कि घर के अन्य सदस्य अन्य कुटुंब भाई बंधु सभी के साथ रिश्तो में उत्तम बदलाव होते हैं, जो बिल्कुल आप के पक्ष में रहते हैं, किसी भी प्रकार की सहयोग भी आपको उनके द्वारा प्राप्त होता है।
यह किसी भी प्रकार के पारिवारिक मतभेद को दूर करता है, तथा पारिवारिक शांति को कभी भी भंग नहीं होने देता है।
5. यदि किसी जातक की जन्मपत्रिका में चंद्रमा अस्त भाव में स्थित होता है, या दृष्ट होता है या किसी पापी ग्रह के प्रभाव में अधिक रहता है, जिसके कारण कई लोगों को मानसिक अवसाद, मानसिक संताप ,अनिद्रा, पागलपन, घबराहट, अशांति की स्थिति ,तनाव, मानसिक विक्षिप्ता जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में दो मुखी रुद्राक्ष (do mukhi rudraksh kyo pahna jata hai) किसी वरदान से कम नहीं हैl यह चंद्रमा के द्वारा दिए जा रहे नकारात्मक प्रभाव को पूरी तरह से निष्फल कर देता हैl नकारात्मकता को पूरी तरह से विफल कर देता है, तथा चंद्रमा को बल प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति विशेष को उक्त वर्णित जटिल बीमारियों से उबरने में बहुत सहायता प्राप्त होती है।
6. दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से आलस्य एवं सुस्ती जैसी चीजों से निवारण प्राप्त होता हैl यह पराक्रम में वृद्धि करता है, तथा बुद्धि -विवेक की शक्ति को बढ़ाता है lयह किसी भी व्यक्ति विशेष के विद्वत्ता को बढ़ाने में सक्षम होता है, तथा अनेक प्रकार के चीजों में कुशलता प्रदान करता है।
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7. 2 मुखी रुद्राक्ष (do mukhi rudraksh ke labh) धारण करने से धैर्य शक्ति में वृद्धि होती हैl व्यक्ति की कल्पना शक्ति मजबूत होती है तथा शत्रु पक्ष को शांत रखने में एवं शत्रु विजय प्राप्त करने में भी यह बहुत मदद करता हैl प्रत्यक्ष शत्रु हो या अप्रत्यक्ष शत्रु किसी भी प्रकार से वे लोग अपनी खराब मनसा में सफल नहीं हो पाते हैंl शत्रु बाधा को दूर करने में यह बहुत ही कारगर होता है।
8.यह कभी भी किसी के भी मन में भटकाव की स्थिति उत्पन्न नहीं होने देता है, तथा किसी भी तरह के भ्रम जाल में जातक को फसने नहीं देता है lजातक परिश्रम से अपनी विभिन्न महत्व कन्याओं को पूर्ण करने में सक्षम होता है, तथा उन्नति के मार्ग में यदि कोई अवरोध भी आता है, तब भी वह पूरी निष्ठा के साथ अपने कार्यों को पूर्ण करने में सफल होता है।
9. दो मुखी रुद्राक्ष (do mukhi rudraksh ke bare mein jankari) धारण करने से मानसिक शांति की प्राप्ति होती हैl इसके साथ ही इसके औषधीय गुण विभिन्न प्रकार की बीमारियों को भी दूर करने में सक्षम होते हैंl कॉफ जैसी समस्या हो या नेत्र से संबंधित कोई विकार या पागलपन जैसी स्थिति या हृदय के कोई रोग या जल तत्व की कमी हो या धातु तत्व की कमी हो आदि कई और रोगों में बहुत ही सहायक रूप से स्वास्थ्य लाभ की क्षमता रखता है।
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