स्फटिक का अर्थ – Sphatik Ka Arth
स्फटिक का अर्थ होता है- (sphatik ka arth kya hai) सूर्यकांतमणि एक सफेद पारदर्शी पत्थर बिल्कुल कांच के समान पारदर्शी आभा से युक्त फिटकरी के समान दिखता है lइसकी आभा ब्रास के सामान भी प्रतीत होती है, एक प्रकार का सफेद बहुमूल्य पारदर्शी रत्न जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के मालाएं मूर्तियां एवं दस्ते बनाने के काम आता है, इसे बिल्लौर से भी संबोधित किया जाता हैl पृथ्वी के महाद्वीपीय पर पट्टी पर स्फटिक दूसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला खनिज है। स्फटिक रत्न में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार की अशुद्धियों की वजह से इसका रंग अलग अलग हो सकता है।
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यह एक रंगहीन पारदर्शी निर्मल शीत प्रभाव वाला रत्न है, जिसका उपयोग न जाने कितने ही हजार वर्षों से किया जाता रहा हैl भले ही इस की प्रवृत्ति कांच के समान दिखाई पड़ती हो, किंतु इसकी संरचना बहुत अधिक कठोर होती है lयह एक मजबूत पत्थर है lयह एक दीर्घ जीवी होता हैl स्फटिक रत्न का संयोजक सिलिकॉन डाइऑक्साइड होता है। यह रेत एवं ग्रेनाइट का मुख्य घटक होता हैl स्फटिक को हीरे का उपरत्न माना जाता है, तथा शुक्र ग्रह की स्थिति को और अधिक बल प्रदान करने के लिए स्फटिक (sphatik ka kaisa hota hai) से बने हुए विभिन्न प्रकार के आभूषण धारण किए जाते हैं। चंद्र से संबंधित चीजों में भी स्फटिक रत्न काफी लाभदायक सिद्ध होता है।
शुक्र जिसे कलात्मक गुणों का स्वामी माना जाता है, शुक्र जो आपकी वाणी में भी कलात्मकता ला दे। शुक्र जो किसी की वैभव विलासिता को बढ़ा दे ऐसे सर्वोत्तम ग्रह का उपरत्न स्फटिक माना जाता है।
स्फटिक (sphatik ke fayde) से बने हुए विभिन्न प्रकार के आभूषण धारण करने से निम्नलिखित लाभ किसी भी व्यक्ति विशेष को प्राप्त हो सकते हैं-
1. आध्यात्मिक गुणों से परिपूर्ण यह रत्न अपने आप में ऐसी दिव्य शक्तियां समाहित हुए रहता है, जिससे अनेक प्रकार के परेशानियों का समाधान इसके माध्यम से किया जाता है lमंत्र सिद्धि में सबसे अधिक इसका प्रयोग किया जाता है, तथा इसे धारण करने से जातक को प्रगाढ़ शांति की प्राप्ति होती हैl इसके साथ ही अध्यात्म से जुड़ी हुई चीजों में भी एवं धर्म से संबंधित चीजों में भी जातक को बहुत अधिक लाभ प्रदान करता है, उन्हें सही मार्ग दिखाता है, जातक को उसके सही उद्देश्य सही दिशा की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
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2. ऐसे लोग जो बहुत अधिक संवेदनशील होते हैं, एवं शुक्र ग्रह के द्वारा दिए जा रहे अशुभ प्रभाव के कारण प्रेम संबंधों में बहुत अधिक असफल हो रहे हैं, लाख कोशिशों के बाद भी साथी के साथ अच्छे संबंध स्थापित नहीं कर पा रहे हैं, एवं ऐसे लोग जिनका वैवाहिक जीवन पूरी तरह से दांव पर लग गया हैl हर प्रकार से टूटने की कगार पर है lवैवाहिक जीवन में पूरी तरह से दांपत्य सुख की कमी हो रही है, तथा जोड़ों में किसी भी प्रकार का प्रेम संबंध नहीं है lइसके साथ ही दंपतियों में भिन्न-भिन्न कारणों के कारण अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही है, जिसके कारण घर में कलह क्लेश झगड़ा आदि का माहौल बना हुआ रहता है, जिससे उनके और भी जीवन के विभिन्न चीजों पर इसका बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, ऐसी स्थिति में इन सभी परेशानियों पर नियंत्रण पाने के लिए शुक्र का यह उपरत्न बहुत ही लाभदायक होता हैl इससे बने हुए ब्रेसलेट या माला धारण करने से शुक्र ग्रह के द्वारा दी जा रही किसी भी प्रकार की पीड़ा को स्फटिक रत्न (sphatik stone ke fayde) दूर करता है, इसके साथ ही अत्यधिक संवेदनशीलता पर भी स्फटिक रत्न नियंत्रण स्थापित करता है।
3. ऐसे लोग जो अपनी भावनाओं पर कभी भी नियंत्रण नहीं रख पाते हैं, एवं भावनात्मक पहलू में बहकर कई बार उनके द्वारा गलत निर्णय ले लिया जाता है, जिसकी वजह से आगे चलकर उन्हें अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता हैl ऐसी स्थिति में स्फटिक उपरत्न (sphatik stone ki jankari) जाहातिकतक के भावनात्मक स्थिति को सुधारना है, किसी भी व्यक्ति विशेष के भावनात्मक पहलू को अधिक मजबूत बनाता है, इसके साथ-साथ उसकी तार्किक क्षमता को भी बहुत मजबूत बनाता है, जिससे जातक तर्क वितर्क के आधार पर किसी भी बात के विभिन्न पहलुओं पर सोच विचार करके तब जाकर अपना निर्णय लेता है, जिससे आगे चलकर वह किसी भी प्रकार के परेशानी में पड़ने से बच जाता है।
4. स्फटिक रत्न से बने आभूषण को धारण करने वाले जातकों के सौंदर्य में वृद्धि होती है, उनकी सुंदरता में और अधिक निखार आता है।
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5. शुक्र ग्रह मानव में जननांगों के कारण होते हैं, तथा महिलाओं के शरीर में शुक्र प्रजनन प्रणाली का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे में शुक्र के किसी भी बुरे प्रभाव के कारण उनकी प्रजनन क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, ऐसी स्थिति से यदि कोई जातक गुजर रहा है, तो उसके लिए स्फटिक (sphatik stone benefits in hindi) से बने आभूषण किसी वरदान से कम नहीं है यह इस प्रकार की समस्या को दूर करने की क्षमता रखता है।
6. किसी भी जातक के दांपत्य जीवन की खुशहाली पूरी तरह से शुक्र ग्रह के ऊपर निर्भर करता है। यही कारण है, कि शुक्र की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए स्फटिक रत्न (sphatik stone dharan karne ke fayde) को धारण किया जाता है, जिससे दांपत्य जीवन में आने वाली किसी भी प्रकार की परेशानी को दूर किया जा सके एवं पति पत्नी के बीच उचित सामंजस्य बना रहे।
7. शुक्र ग्रह जागृत अवस्था में होता है, या अस्त अवस्था में होता है, या शत्रु राशि का होता है, या पाप ग्रहों से दृष्ट हो तो उसके द्वारा अनेक प्रकार के जातक को पीड़ाए दी जाती हैl जातक अनेक प्रकार की बीमारियों से जूझने लगता है, जैसे- षड्बल विहीन हो तो नेत्र संबंधित विकार से वह पीड़ित रहने लगता है, मूत्र विकार कमान्धता ,श्वेत या रक्त प्रदर पांडु रोग, विरेदो से होने वाले रोग गुप्त केंद्रीय रोग ,कई बार शुक्र ग्रह अन्य पापी ग्रहों के प्रभाव में आकर जातक के भीतर शारीरिक और वासनाओं को आवश्यकता से अधिक बढ़ा देता है, जिसकी वजह से जातक शारीरिक तौर पर काफी कमजोर हो जाता है। उसकी सेहत पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है lइसके साथ-साथ उसकी प्रजनन क्षमता पर भी बुरा प्रभाव पड़ता हैl कई बार तो जातक गुप्त रोग से वितरित हो जाता हैl कई बार इसकी स्थितियां दूसरे ग्रहों के साथ मिलकर काफी अधिक घातक सिद्ध हो सकती हैl शुक्र ग्रह के द्वारा दिए जा रहे इस प्रकार के किसी भी रोग में स्फटिक रत्न (sphatik stone dharan karne ke upay) का आभूषण काफी फलदायक होता हैl यह जातक को विभिन्न प्रकार से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, इसके साथ ही शुक्र ग्रह की स्थिति को गतिमान बनाता है।
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