एक मुखी रुद्राक्ष क्या है – Yek Mukhi
Rudraksha kya Hai
एक मुखी रुद्राक्ष क्या है – (ek mukhi rudraksha kya hai in hindi) आध्यात्मिक दृष्टिकोण से एक मुखी रुद्राक्ष बहुत ही पवित्र माना जाता हैl यह देखने में आधा वृत्त के समान दिखाई पड़ता हैl इसकी आकृति काजू के समान भी दिखाई पड़ती है, या देखने में आधा चांद के समान रहता है, तथा इसमें एक ही धारी होती हैl एक मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह सूर्य देव को माना जाता है, तथा भगवान भोले नाथ का यह अभिन्न अंग जिस भी व्यक्ति विशेष के द्वारा धारण किया जाता है, उसके रूप व्यवहार विचार मन मस्तिष्क सभी चीजों में यह बहुत ही अनुकूल रूप से परिवर्तन करता है lभगवान भोलेनाथ का ही एक अंग मात्र के रूप में भी रुद्राक्ष को अलंकृत किया जाता है।
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भगवान भोलेनाथ के आंसुओं से रुद्राक्ष का सृजन हुआ है, इसलिए भगवान भोलेनाथ के समतुल्य ही किसे माना जाता है, क्योंकि देवों के देव महादेव नीलकंठ भगवान रूद्र जिनकी अश्रु धारा भी इतनी अधिक पवित्र है, कि जन कल्याण के लिए उदित रुद्राक्ष किसी चमत्कारिक वरदान से कम नहीं हैl यह प्रकृति के द्वारा प्रदान किया गया सबसे अनमोल संसाधन है, तथा भगवान भोलेनाथ से जुड़ने का सबसे उपयुक्त साधन माना जाता है। (ek mukhi rudraksh dharan karne ke fayde) इसे यदि भगवान भोलेनाथ का अवतार माना जाए तो इसमें कोई भी शंका नहीं होगी lरुद्राक्ष स्वयं भगवान भोलेनाथ साक्षात भोलेनाथ का ही स्वरूप हैl जो विभिन्न प्रकार के पाप दोष से हमें मुक्त करने में सक्षम होता है।
विश्व के कई ऐसे देश है, जहां दुर्लभ प्रजाति का रुद्राक्ष पाया जाता है lअकेले भारत में रुद्राक्ष की लगभग 300 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती है, ऐसी मान्यता है कि प्राचीन काल में रुद्राक्ष 108 मुखी तक होते थे, किंतु समय के बिखराव एवं मनुष्य की लालच प्रवृत्ति की वजह से कई ऐसी प्रजातियां विलुप्त हो चुकी है, तथा अब केवल 1 से 21 रेखाएं वाले रुद्राक्ष (ek mukhi rudraksha kaisa hota hai) ही अब हमें प्राप्त होता हैl इंडोनेशिया, नेपाल, म्यानमार जैसे भारत के पड़ोसी देशों से इस उत्कृष्ट संसाधन की प्राप्ति होती हैl भारत में सबसे समृद्ध रुद्राक्ष के मामले में हिमालय के क्षेत्रों को माना जाता है, तथा दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में भी रुद्राक्ष के पेड़ अभी भी है, किंतु आवश्यकता से अधिक उपयोग में इसके लकड़ियों का प्रयोग के कारण भारत में बहुत ही अब कम मात्रा में रुद्राक्ष वृक्ष पाए जाते हैं।
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वर्तमान की जीवन शैली स्वास्थ्य के नजरिए से बहुत ही खराब मानी जाती है, क्योंकि आजकल हम लोग ऐसे ही पद्धतियों का उपयोग कर रहे हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक हानिकारक होते हैं। (ek mukhi rudraksh ke fayde) खान-पान से लेकर के विभिन्न प्रकार की चीजों में भी अनियमितताओं के बढ़ने से हमारी शारीरिक संरचना में बहुत अधिक बदलाव देखने को मिलने लगे हैं lकम उम्र के बच्चे हो या नौजवान व्यक्ति सभी में कई ऐसे रोग उत्पन्न होने लगे हैं, जो पहले के जमाने में प्रौढ़ावस्था में या वृद्धावस्था में उत्पन्न हुआ करते थे, किंतु आजकल की बदलती हुई जीवनशैली ने इतना अधिक हमारे शरीर को प्रभावित किया है, कि कम उम्र में ही छोटे बच्चों को मधुमेह जैसी समस्या, रक्तचाप जैसी समस्या या हृदय से संबंधित रोग या नेत्र से संबंधित कई विकार होने लगे हैं lकई बार तो ऐसा देखने को मिला है, कि बहुत ही नाजुक उम्र के बच्चों में अवसाद जैसी स्थिति देखने को मिलती है।
आजकल की जीवन शैली बहुत अधिक भागदौड़ वाली हो गई है, जिससे लोगों के मन में केवल भौतिक सुखों को प्राप्त करने के लिए अंधी दौड़ लगाई जा रही है lलोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने स्वास्थ्य तक को दांव पर लगा दे रहे हैं, अपना चैन ,सुकून, रात की मीठी नींद तक को गवा कर केवल चंद पैसों को कमाना चाहते हैं, तथा उनसे विभिन्न प्रकार के सांसारिक सुखों का भोग भोगना चाहते हैं, किंतु यही सांसारिक सुख उनके देहिए शक्ति के क्षरण का कारक बनता जा रहा है, ऐसे में शरीर शरीर ना रहकर रोगों का घर बन जाता है। रुद्राक्ष (ek mukhi rudraksha ke upay) में जो उपचारात्मक गुण मौजूद होते हैंl उससे किसी भी व्यक्ति विशेष के आंतरिक संरचना में उत्पन्न हुए या बाहे संरचना में उत्पन्न हुए किसी भी प्रकार की बीमारी या गंभीर समस्या को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखता है।
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एक मुखी रुद्राक्ष जिस भी निवास स्थान में रहता है, या जिस भी व्यक्ति विशेष के पास रहता हैl उसके जीवन में कभी भी दुख दरिद्रता का आगमन नहीं होता हैl माता लक्ष्मी उसके घर आंगन में निवास करती हैl उसे कभी भी रुपए पैसे संबंधित किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता हैl एक मुखी रुद्राक्ष (ek mukhi rudraksha kya hota hai) उसकी सभी मनोकामनाओं को सिद्ध करने में सक्षम होता हैl इसके साथ ही उसके घर परिवार के ऊपर भोले भंडारी का भी आशीर्वाद बना रहता हैl इसे धारण करने से किसी भी प्रकार की अनिष्ट या आकस्मिक दुर्घटना होने का भय खत्म हो जाता है, भले ही वह घटना परिस्थिति वश जनित हो या दुश्मनों के द्वारा उत्पन्न किया गया हो किंतु फिर भी उस परिस्थिति का प्रभाव जातक के ऊपर नहीं पड़ता है।
एक मुखी रुद्राक्ष (ek mukhi rudraksh se kya hota hai) किसी भी तरह के होने वाले नकारात्मक प्रभाव को पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता रखता है, यह एक संरक्षक के समान किसी भी व्यक्ति विशेष को दूरदर्शिता जैसी उपलब्धि हासिल करने में मदद करता है, जिससे जातक किसी भी खराब परिस्थिति में पड़ने से बच जाता है lलोगों अरे में कितनी ही चलाकि कितनी ही चाटुकारिता क्यों ना बड़ी हो किंतु वह किसी भी भावेश में परकर गलत निर्णय को औचित्य नहीं देता है, रुद्राक्ष की कृपा से स्वयं ईश्वर उस का मार्गदर्शन करते हैं तथा अपने जीवन में वह विविध प्रकार के सफलता को प्राप्त करता है।
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इसे धारण करने से हर प्रकार की मानसिक समस्या का निवारण होता हैl कोई ऐसा व्यक्ति विशेष जो बहुत अधिक भावनाओं युक्त होता है lबहुत अधिक संवेदनशीलता से परिपूर्ण होता है, तथा भावुकता में वहकर ही कई गलतियां कर बैठता है, जिससे भविष्य में उसे बहुत बड़ा घात भी पहुंचता है, ऐसे लोगों के लिए एक मुखी रुद्राक्ष (ek mukhi rudraksh ki jankari) बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता हैl आवश्यकता से अधिक भावनाओं वाले क्रियाकलापों पर नियंत्रण रखता है,साथ ही उसके मन मस्तिष्क एवं शरीर का सही सामंजस्य भी बैठता है, जिससे जातक एक स्वास्थ्य जीवन शैली को अपनाकर सांसारिक सुखों का सुख उठाता हैl
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