पांच मुखी रुद्राक्ष की पहचान – panch mukhi rudraksh ki pahchan

पांच मुखी रुद्राक्ष की पहचान – panch mukhi rudraksh ki pahchan

 

पांच मुखी रुद्राक्ष की पहचान – Panch Mukhi

 Rudraksh Ki Pahchan

पांच मुखी रुद्राक्ष (panch mukhi rudraksh ki pehchan) पर प्राकृतिक रूप से पांच रेखाएं मौजूद होती है, जो पूर्ण रूप से एक छिद्र से दूसरे छिद्र तक बिना किसी अवरोध के मिलती है।

• जब इन्हें खोलते हुए पानी में कुछ देर के लिए डाल कर रखा जाता है, तब इसके किसी भी आवरण में परिवर्तन देखने को नहीं मिलता है, यदि इसमें किसी भी प्रकार की परिवर्तन दिखाई पड़ता है, तो उसका अर्थ है, कि वह एक कृत्रिम रूप से निर्मित नकली पांच मुखी रुद्राक्ष है।

• रुद्राक्ष को जब कड़ी तपती धूप में रखा जाता है, तब इसके ऊपर किसी भी प्रकार का प्रभाव देखने को नहीं मिलता है, इसके रंगभेद में कोई अवगुण नहीं मिलता है, यदि धूप में रखने पर इसके वर्ण में किसी भी प्रकार के बदलाव नजर आ रहे हैं, तो उसका तात्पर्य है कि वह एक नकली रुद्राक्ष है, जो किसी भी प्रकार के लकड़ी से निर्मित है।

इसे भी पढ़ें :- शनि ग्रह क्या है और शनि की महादशा, ढैया और साढ़ेसाती से कैसे बचें ?

इसे भी पढ़ें :- शाही का कांटा क्या है ? इसका प्रयोग और कहां से खरीदें ?

पांच मुखी रुद्राक्ष को पहचान, 5 मुखी रुद्राक्ष की पहचान, 5 मुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें, 5 मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है, 5 mukhi rudraksha ki pahchan, 5 mukhi rudraksh ki pehchan, 5 mukhi rudraksha ki pahchan, panch mukhi rudraksha ki pahchan kaise karen, panch mukhi rudraksh ki pahchan, panchmukhi rudraksha ki pehchan, पंचमुखी रुद्राक्ष की पहचान, पंचमुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें, panchmukhi rudraksha ki pahchan kaise kare, panchamukhi rudraksha ki pahchan, panchmukhi rudraksha ki pehchan
पांच मुखी रुद्राक्ष की पहचान

 

• असली रुद्राक्ष का रंग गहरा भूरा होता है किंतु यदि उसे किसी भी प्रकार से कृतिम रंग प्रदान किया गया है, तो आप उसे सरसों के तेल में डालकर कुछ देर के लिए उसी तरह छोड़ दें यदि वह असली रुद्राक्ष होगा तो उसका रंग और अधिक गाढ़ा दिखाई पड़ेगा जबकि नकली रुद्राक्ष का रंग फीका दिखाई पड़ेगा।

पांच मुखी रुद्राक्ष (panch mukhi rudraksh ki pehchan) (panch mukhi rudraksh ki jankari) ऊपर उभरे हुए पठार कभी भी एक समान नहीं दिखाई पड़ते हैं उनमें कुछ न कुछ भिन्नता अवश्य दिखाई पड़ती है जिस प्रकार हमारी आंखों की पुतलियों की संरचना भिन्न – भिन्न होती है हाथ की रेखाएं अलग-अलग होती है उसी प्रकार प्रकृति के द्वारा निर्मित किसी भी चीज में पूर्ण रूप से समानता दिखाई नहीं पड़ती हैअतः 5 मुखी रुद्राक्ष के ऊपर उभरे हुए पठार ओं में भी एक समता या एकरूपता दिखाई नहीं पड़ेगी जबकि कृतिम रूप से निर्मित रुद्राक्ष में सारे पठार एक समान दिखाई पड़ेंगे।

• पांच मुखी रुद्राक्ष (panch mukhi rudraksha ki pahchan) में प्राकृतिक रूप से छेद मौजूद रहते हैं, जो पूरी तरह से त्रुटि हीन युक्त होते हैं जबकि कृत्रिम रूप से बनाए गए छेद को आसानी से पहचाना जा सकता है क्योंकि मशीनों के माध्यम से कृतिम रूप से निर्मित रुद्राक्ष के अंदर छेद बनाया जाता है, तथा मशीनों की कटाई के निशान उस पर आसानी से देखे जा सकते हैं।

रुद्राक्ष की मांग को देखते हुए तथा इसके चमत्कारिक गुणों के कारण इसकी लोकप्रियता इसकी महत्ता को देखते हुए न केवल भारत के लोग न केवल सनातन संस्कृति से जुड़े हुए लोग बल्कि विश्व के कई ऐसे देशों के लोग हैं, जो इनका उपयोग करने लगे हैं।

इसे भी पढ़ें – स्फटिक की माला के 10 चमत्कारी फायदे

इसे भी पढ़ें – काले जादू से रक्षा, सभी मनोकामना पूर्ति हेतु एवं जीवन में शांति हेतु धारण करें मूंगा रत्न 

इनके चमत्कारिक गुणों की प्रमाणिकता कई बड़ी विश्वविद्यालयों के द्वारा प्रमाणित की गई है इसमें मौजूद औषधीय गुणों के कारण लोग बिना किसी भेदभाव के इनका उपयोग कर रहे हैं, किंतु आजकल मानव की प्रवृत्ति दिनोंदिन विकृत होती चली जा रही है।

अपने फायदे के लिए अपने लालच में वह इस कदर अंधा होता चला जा रहा है, कि विभिन्न प्रकार के संसाधनों के साथ कई छेड़छाड़ किए जा रहे हैं उन्हें कृत्रिम रूप से बनाया जा रहा है। उनके समतुल्य स्वरूप को किसी भी चीज के द्वारा उन्हें वास्तविक संरचना प्रदान की जा रही है। कृतिम चीजों की प्रचुरता दिनों दिन बढ़ती चली जा रही है, जिसके कारण लोग किसी भी चीज के असली प्रभाव से पूरी तरह से वंचित होते जा रहे हैं।

मानव की प्रवृत्ति इतनी अधिक विकृत हो चुकी है, कि प्रकृति के द्वारा प्रदान किए गए दिव्यमनका रुद्राक्ष के भी कई प्रकार से कृतिम मनके भी बनाए जाने लगे हैं। ऐसे में लोगों के मन में यह संशय उठना आम बात है कि उनके द्वारा धारण किया जा रहा पांच मुखी रुद्राक्ष (panch mukhi rudraksh ki pahchan kya hai) पूरी तरह से शुद्ध है, या नहीं है। उसका निर्माण उत्तम स्पंदन उत्तम वातावरण में हुआ है, या नहीं है। उसका निर्माण पूरी तरह से प्राकृतिक है, या नहीं है, क्योंकि प्राकृतिक रूप से बनी हुई चीजों में उत्कृष्ट स्पंदन होता है, जो किसी भी जीव को पूरी तरह से अनुकूल एवं अनुपम रूप में परिवर्तित करने की क्षमता विद्यमान रहती है।

सृष्टि इन संसाधनों से परिपूर्ण है, किंतु मानव प्रवृत्ति हर चीज में कुछ ना कुछ व्यवधान उत्पन्न करती ही रहती है, जिसके कारण आज इस दिव्य मनके को भी धारण करना विभिन्न मापदंडों एवं विभिन्न पैमानों की जांच किए बगैर उपयुक्त नहीं माना जाता है, क्योंकि असली रुद्राक्ष में जिस प्रकार की जागृत ऊर्जाए मौजूद रहती है। उस प्रकार की ऊर्जा स्रोत कृत्रिम रूप से निर्मित चीजों में नहीं रहती है, जिस प्रकार एक मूर्तिकार मूर्ति तो बना सकता है किंतु उसमें भगवान के समान उस मूर्ति में जान प्राण भाव विचार नहीं डाल सकता है।

इसे भी पढ़ें – मोती की माला के 20 चमत्कारी फायदे – जान कर हो जायेंगे हैरान

 

इसे भी पढ़ें – कार्यों में सफलता, व्यापार में वृद्धि एवं सभी परेशानियों से छुटकारा हेतु धारण करें पीताम्बरी नीलम 

उसी प्रकार भले ही मानव के द्वारा कृत्रिम रूप से कितने ही रुद्राक्ष के मनको का निर्माण किया जा सकता है, किंतु उस में प्राकृतिक रूप से जो गुण मौजूद रहते हैं। उन्हें वह चाहकर भी कृत्रिम रूप से बनी हुई रुद्राक्ष की मनको में नहीं डाल सकता है।

प्राकृतिक रूप से निर्मित रुद्राक्ष प्राण तत्व की प्रधानता रहती है, यही कारण है, कि उसे धारण करने से पूर्व या उसे किसी भी प्रकार के मंत्र जप करने के लिए या किसी भी शुभ कार्य को पूर्ण करने के लिए उसका उपयोग यदि करना चाहते हैं, तो उसके उपयुक्त मापदंडों को उपयुक्त पैमानों की जांच परख करना बहुत ही आवश्यक हो जाता हैै।

पांच मुखी रुद्राक्ष (panch mukhi rudraksh ki pahchan kaise karen) का उपयोग विभिन्न प्रकार के आध्यात्मिक साधनों को सिद्ध करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इसमें सकारात्मक शक्तियों के प्रति त्वरित प्रतिक्रिया करने की क्षमता विद्यमान रहती है, इसलिए मंत्र जाप करने में या किसी मंत्र को सिद्ध करने में लोगों के द्वारा या साधु संतों के द्वारा इस दिव्य माला का प्रयोग किया जाता है।

पांच मुखी रुद्राक्ष (panch mukhi rudraksh ko kaise pahchane) हमारे शरीर में व्याप्त किसी भी प्रकार की नकारात्मक एवं गंदी विचारधारा को पूरी तरह से नष्ट कर देता है, तथा हमारे प्राण तत्व की पूरी तरह शुद्धि प्रदान करता हैै।

इसे भी पढ़ें :- पन्ना रत्न धारण करने के फायदे और नुकसान ?

 

इसे भी पढ़ें – कार्यों में सफलता, दांपत्य सुख एवं सभी सुखों की प्राप्ति हेतु पहनें ओपल रत्न

पांच मुखी रुद्राक्ष (5 mukhi rudraksha ki pahchan) धारण करने से हमारी काया निरोगी होती है। हमें मानसिक शांति की प्राप्ति होती है, यह विभिन्न प्रकार के भौतिक सुख संसाधनों को प्राप्त करने में बहुत ही लाभप्रद सिद्ध होता है इसके साथ ही देवताओं के गुरु या पूरे ब्रह्मांड के गुरु गुरु बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त करने में भी यह बहुत ही सहायक होता है, तथा यदि किसी व्यक्ति विशेष को उनके द्वारा किसी भी प्रकार के कष्ट व्यवधान प्रदान किए जा रहे हैं, तो उन सभी कष्टों को, व्यवधानो को पूरी तरह से दूर करने की क्षमता इस दिव्य मनका में मौजूद है।

इसकी उपयोगिताओं के बारे में लिखने के लिए उपयुक्त शब्द कम पड़ जाएंगे किंतु इसका वर्णन कुछ चंद शब्दों में करना नामुमकिन है, यह बहुत ही चमत्कारिक अद्वितीय मनका है, जो वरदान के स्वरूप में ब्रह्मांड के कल्याण के लिए ईश्वर के द्वारा हमें प्रदान किया गया है।

अभिमंत्रित 5 मुखी रुद्राक्ष कहां से प्राप्त करें – Panch Mukhi Rudraksh ki Pahchan

मित्रों यदि आप भी अभिमंत्रित 5 मुखी रुद्राक्ष प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे नवदुर्गा ज्योतिष केंद्र से अभिमंत्रित प्राप्त कर सकते हैं जो हमारे यहां मात्र – 350₹ में मिल जाएगा, लैब सर्टिफिकेट और गारंटी कार्ड के साथCall and Whatsapp – 7567233021, 9313241098

 

Leave a Reply